रूस के खिलाफ गोल कर चर्चा में आए मशहूर फुटबॉलर देवनारायण उर्फ गोपाल मिश्र नहीं रहे, जानिए...

मशहूर फुटबॉलर देवनाराण उर्फ गोपाल मिश्रा का निधन शनिवार को खगडि़या में हो गया। रूस के खिलाफ गोल में चर्चा में आए गोपाल मिश्रा करीब 82 वर्ष के थे। लंबे समय से वह अस्‍वस्‍थ थे। वे दो बार संतोष ट्रॉफी भी खेल चुके हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sun, 21 Feb 2021 12:30 PM (IST) Updated:Sun, 21 Feb 2021 12:30 PM (IST)
रूस के खिलाफ गोल कर चर्चा में आए मशहूर फुटबॉलर देवनारायण उर्फ गोपाल मिश्र नहीं रहे, जानिए...
मशहूर फुटबॉलर देवनारायण उर्फ गोपाल मिश्रा। फाइल फोटो।

जागरण संवाददाता, खगडिय़ा। देश के मशहूर फुटबॉलर देवनारायण उर्फ गोपाल मिश्रा नहीं रहे। वे खगडिय़ा के गोगरी प्रखंड के भोजुआ गांव के रहने वाले थे। शनिवार को उनका निधन हो गया। वे 82 वर्ष के थे। वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल खिलाड़ी रहे। रूस जैसी सशक्त टीम के खिलाफ उन्होंने खेला। उनके निधन से खेल जगत को झटका लगा है। देवनारायण उर्फ गोपाल मिश्र खेल की बदौलत बीएमपी में नौकरी पाई। वे इंस्पेक्टर पद से सेवानिवृत हुए।भोजुआ निवासी गोपाल मिश्र 1955 में फुटबॉल के मैदान पर उतरे। वे बैक से खेलते थे। गजब के स्ट्राइकर थे।

दो बार खेल चुके हैं संतोष ट्राफी

1965 एवं 68 में दो बार संतोष ट्राफी के लिए खेले। 1965 में रूस के खिलाफ खेला। इस दौरान श्रीशिरनियां के विधानचंद्र मिश्र भी इनके साथ थे। विधानचंद्र मिश्र रूस के खिलाफ गोल दाग मशहूर हुए। इन दोनों ने गजब का खेल दिखाया था। अब विधानचंद्र मिश्र भी स्मृति शेष हो चुके हैं। गोपाल मिश्र 1981 के बाद खेलना छोड़ दिया। 1999 में सेवानिवृत होने के बाद से घर पर रह रहे थे। वे बीते कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। शनिवार को उनका निधन हो गया। निधन की खबर मिलते ही खेल जगत से जुड़े लोग उनके अंतिम दर्शन को पहुंचे।

कई खिलाडिय़ों को दे चुके हैं प्रशिक्षण

शहूर फुटबॉलर देवनारायण उर्फ गोपाल मिश्रा काफी मिलनसार थे। वे युवा खिलाडिय़ों के लिए हमेशा रोल मॉडल रहे। उन्होंने कई खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण भी दिया। गांव के लोग बताते हैं कि संतोष ट्राफी में भी उनका प्रदर्शन बेहतर रहा था। दो दशक पूर्व वह इंस्पेक्टर पद से सेवानिवृत हो गए थे। इसके बाद से वह गांव में ही रहते थे। इस दौरान भी उनका मैदान के प्रति लगाव बना रहा। हालांकि हाल के वर्षों में वे ज्यादा अस्वस्थ रह रहे थे, इस कारण उन्होंने मैदान से दूरी बना रखी थी।

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