राज्यपाल रहते हुए कोविंद ने बीएयू में दिया था 'कृषि विकास का मंत्र'

देश के राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविंद के चुने जाने का असर आचार्य दीपांकर ज्ञानश्री की धरती पर अगस्त 2010 में खुले बिहार कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों एवं वैज्ञानिकों में भी देखने को मिली।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Jul 2017 01:57 AM (IST) Updated:Fri, 21 Jul 2017 01:57 AM (IST)
राज्यपाल रहते हुए कोविंद ने बीएयू में दिया था 'कृषि विकास का मंत्र'
राज्यपाल रहते हुए कोविंद ने बीएयू में दिया था 'कृषि विकास का मंत्र'

भागलपुर [अमरेन्द्र कुमार तिवारी]

देश के राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविंद के चुने जाने का असर आचार्य दीपांकर ज्ञानश्री की धरती पर अगस्त 2010 में खुले बिहार कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों एवं वैज्ञानिकों में भी देखने को मिली। यहां दूसरी बार तीन फरवरी 2017 को बतौर राज्यपाल विवि के तीसरे दीक्षांत समारोह में भाग लेने आए थे। इस समारोह में उन्होंने कृषि विकास का जो मंत्र दिया था उसे याद कर छात्र व वैज्ञानिक भावुक हो जाते हैं। ऐसे लोगों का यह भी मानना है कि अब बतौर राष्ट्रपति कोविंद कृषि व किसानों के विकास के लिए कोई ठोस पहल सरकारी स्तर पर करवाने में मददगार साबित होंगे। जिससे राष्ट्रीय स्तर पर खेती-किसानी को नया आयाम मिलेगा।

बिहार कृषि विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में आए तत्कालीन राज्यपाल श्री कोविंद ने विवि के कार्य संस्कृति की खूब सराहना की थी। उन्होंने कहा था कि स्थापना के अल्प समय में ही यहां के पदाधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओंके उत्कृष्ट कार्य से यह विवि निरंतर प्रगति की ओर कदम बढ़ा रहा है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा था कि विवि ने अपनी गुणवत्तायुक्त शिक्षा, किसानोपयोगी शोध कार्य, विकसित नवीनतम कृषि तकनीक का प्रसार तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों की उपलब्धियों के कारण राज्य में ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्हें अपेक्षा व्यक्त करते हुए कहा था कि यहां के कर्मी राज्य व राष्ट्र के हित में इसी जज्बे को बनाए रखेंगे। गुणोत्तर शिक्षा के बल पर ही यहां के छात्र राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा आयोजित जेआरएफ, एसआरएफ एवं नेट परीक्षा में सबसे अधिक बच्चे सफल हो रहे हैं और देश के सरकारी संस्थानों से लेकर मल्टीनेशनल कंपनियों बेहतर कार्य के बल पर बीएयू का नाम रोशन कर रहे हैं। दो वर्ष पूर्व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा इस विवि को मान्यता प्रदान किया जाना यहां की उत्कृष्ट शिक्षक व्यवस्था का द्योतक है।

बतौर तत्कालीन राज्यपाल कोविंद ने आशा व्यक्त करते हुए कहा था कि भविष्य में यह विवि किसानोपयोगी अनुसंधान कार्य करके उसे किसानों तक पहुंचाता रहेगा। विवि के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा प्रदेश क किसानों के कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण के माध्यम से करीब एक लाख किसानों को दक्ष किया गया। ग्रामीण युवाओं को रोजगार सृजन के लिए उद्यमिता विकास प्रशिक्षण एवं कृषि तकनीकों के सुगम हस्तांतरण हेतु प्रसार कार्यकर्ताओं को ट्रेंड करने का बेहतर कार्य किया गया है।

गौरतलब है कि बिहार के राज्यपाल रहते रामनाथ कोविंद तिलकामांझी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भी आए थे। वहीं इसके पूर्व छह फरवरी 2016 को भी बतौर राज्यपाल के रूप में बीएयू के द्वितीय दीक्षांत समारोह में भी आए थे। बीएयू प्रागंण में विवि के कुलपति डॉ. अजय कुमार सिंह द्वारा उन्हें अंग वस्त्र व मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया था। उनके राष्ट्रपति चुने जाने से बीएयू में खुशी का माहौल है।

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