जम्मू-कश्मीर : रणवीर दंड संहिता में दहेज हत्या, झूठी गवाही देना नहीं था अपराध Bhagalpur News

रणवीर दंड संहिता में धारा 190 कहता है कि यदि कोई सरकार के विरुद्ध कुछ प्रकाशित करे या उसे वितरित करे तो उस धारा के तहत मुख्यमंत्री सीधे उसे दंड देने का अधिकार रखता है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Thu, 08 Aug 2019 10:13 AM (IST) Updated:Thu, 08 Aug 2019 10:13 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर : रणवीर दंड संहिता में दहेज हत्या, झूठी गवाही देना नहीं था अपराध Bhagalpur News
जम्मू-कश्मीर : रणवीर दंड संहिता में दहेज हत्या, झूठी गवाही देना नहीं था अपराध Bhagalpur News

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। जम्मू-कश्मीर में महाराजा रणवीर सिंह की बनाई जम्मू-कश्मीर राज्य रणवीर दंड संहिता का पालन अब बीते दिनों की बात होगी। अब वहां भारतीय दंड संहिता का पालन होगा। रणवीर दंड संहिता अंग्रेजी हुकूमत के समय से लागू थी। तब जम्मू-कश्मीर स्वतंत्र देसी रियासत हुआ करता था। 1932 में इसे प्रचलित किया गया। अब वहां एक देश, एक संविधान और एक विधान के तहत भारतीय दंड संहिता से लोग निर्देशित होंगे।

बिहार वार काउंसिल के को-चेयरमेन वरीय अधिवक्ता कामेश्वर पांडेय कहते हैं कि रणवीर दंड संहिता में दहेज हत्या की बात हो या झूठी गवाही देने की, इस अपराध को लेकर कोई कायदे-कानून का जिक्र नहीं है। जबकि भारतीय दंड विधान संहिता में 195ए में झूठी गवाही देने पर दंड का प्रावधान है। यही नहीं रणवीर दंड संहिता में धारा 190 कहता है कि यदि कोई सरकार के विरुद्ध कुछ प्रकाशित करे या उसे वितरित करे तो उस धारा के तहत मुख्यमंत्री सीधे उसे दंड देने का अधिकार रखता है। यह कानून पत्रकारिता और व्यक्ति की स्वतंत्रता को बुरी तरह प्रभावित करता था। लेकिन अपने देश का हिस्सा होते हुए भी जम्मू-कश्मीर राज्य में जब रणवीर दंड संहिता और अनुच्छेद 370 लागू था तब भारतीय दंड संहिता को लागू नहीं किया जा सकता था। ऐसा करने से अनुच्छेद 370 रोकता था। यह अनुच्छेद तब जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता था। ऐसे में हमारे देश का हिस्सा होने के बावजूद वहां भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता का नामो-निशान तक नहीं था। भारतीय दंड संहिता की धारा चार कंप्यूटर द्वारा किए गए अपराध को भी परिभाषित करता है लेकिन रणवीर दंड संहिता में ऐसे किसी अपराध का जिक्र तक नहीं।

अधिवक्ता आनंद श्रीवास्तव की माने तो रणवीर दंड संहिता में धारा 167ए के मुताबिक जो भी सरकारी कर्मचारी किसी ठेकेदार को उसके किए गए काम का भुगतान लेगा तो वह कानूनी तौर पर सजा का हकदार होगा। भ्रष्ट आचरण यानी रिश्वखोरी से सबंधित यह व्यवस्था भारतीय दंड संहिता में नहीं है। उस संहिता से रिश्वतखोरी पर लगाम लगाने की सख्त व्यवस्था थी। अब रणवीर दंड संहिता का चलन खत्म होगा और भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता से वहां का भी विधान चलेगा।

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