Caronavirus : प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय में 12 घंटे काम करेगा को कोविड सेल, नंबर जारी

Covid Cell यह सेल स्वास्थ्य विभाग के परामर्श पर गठन किया गया है। कोरोना से संबंधित शिकायत कोई भी व्यक्ति दूरभाष संख्या 0641-2401001 पर कर सकता है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Wed, 22 Jul 2020 01:12 PM (IST) Updated:Wed, 22 Jul 2020 04:33 PM (IST)
Caronavirus : प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय में 12 घंटे काम करेगा को कोविड सेल, नंबर जारी
Caronavirus : प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय में 12 घंटे काम करेगा को कोविड सेल, नंबर जारी

भागलपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की रोकथाम और सुरक्षात्मक कार्यों के लिए प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय में कोविड सेल बनाया गया है। यह सुबह आठ से रात आठ बजे तक काम करेगा। सेल में पालीवार कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।

यह सेल स्वास्थ्य विभाग के परामर्श पर गठन किया गया है। दो पालियों में कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है। कोरोना से संबंधित शिकायत कोई भी व्यक्ति दूरभाष संख्या 0641-2401001 पर कर सकता है। मायागंज अस्पताल प्रशासन और भागलपुर व बांका सिविल सर्जन के साथ समन्वय स्थापित कर शिकायतों का निपटारा किया जाएगा। सेल में लोगों की शिकायतों को रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा।

शिकायतों से संबंधित आवेदन नहीं लिए जाएंगे। दूरभाष पर ही शिकायतों की जानकारी ली जाएगी। सेल का प्रभारी सहायक निदेशक क्षेत्रीय योजना भागलपुर प्रमंडल भरत पासवान को और वरीय प्रभारी उप निदेशक कल्याण सुनील कुमार कर्ण को बनाया गया है। 33 प्रतिशत कर्मियों को रोस्टर के अनुसार कार्यालय बुलाया जा रहा है।

न डॉक्टर झांकने पहुंचते न कर्मी, वार्ड में हर तरफ गंदगी, उब कर भाग रहे मरीज

मायागंज अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड हाल दयनीय है। दर्जन भर कोरोना पॉजिटिव मरीजों को महज दो बाथरूम से काम चलाना पड़ता है। न मास्क, न सैनिटाइजर की व्यवस्था। सबसे खास बात न डॉक्टर आते हैं और न कोई कर्मी।  वार्ड से लेकर शौचालय तक गंदगी फैली हुई है। लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है। इस कुव्यवस्था से डर कर कोरोना पॉजिटिव मरीज अब घर भी भागने लगे हैं। पांच दिन पहले आइसीयू वार्ड में भर्ती हुए मरीज पवन चौधरी ने बताया कि यहां मरीजों को देखने वाला कोई नहीं है। पांच दिनों से चिकित्सक झांकने तक नहीं आए हैं। नर्स ही सारा काम संभाल रही है। चिकित्सीय व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है  मजेदार बात यह है कि पवन मंगलवार शाम तक वार्ड में ही थे। लेकिन, चिकित्सकों ने एक दिन पूर्व ही डिस्चार्ज होने की बात कही थी। चिकित्सक भी मरीजों का हालचाल नहीं ले रहे हैं। अस्पताल के कोरोना वार्ड में मरीजों का इलाज जूनियर डॉक्टरों के भरोसे चल रहा है। इससे जूनियर डॉक्टर भी सहमे हुए हैं। अभी तक 23 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद वरीय चिकित्सक मरीजों की ओर झांक तक नहीं रहे हैं। कोरोना मरीज के आने के साथ ही बिना साफ-सफाई के ही कमरे में डाल दिया जाता है और ताला लगा दिया जाता है। थाली में भोजन देकर फेंक दिया जाता है।

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