Coronavirus : संदिग्ध कोरोना मरीजों का बायोडेटा रहता है अधूरा, किनका रिपोर्ट है पॉजिटिव... ढूंढते रहते हैं स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी

Coronavirus मेडिकल कॉलेज में सदर अस्पताल या प्रखंडों से भेजे जाने वाले सैंपल के फार्म भी पूरी तरह नहीं भरे जाते हैं। जिससे काफी परेशानी होती है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Mon, 29 Jun 2020 08:52 AM (IST) Updated:Mon, 29 Jun 2020 08:52 AM (IST)
Coronavirus : संदिग्ध कोरोना मरीजों का बायोडेटा रहता है अधूरा, किनका रिपोर्ट है पॉजिटिव... ढूंढते रहते हैं स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी
Coronavirus : संदिग्ध कोरोना मरीजों का बायोडेटा रहता है अधूरा, किनका रिपोर्ट है पॉजिटिव... ढूंढते रहते हैं स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी

भागलपुर, जेएनएन। संदिग्ध कोरोना मरीजों का सैंपल तो लिया जा रहा है, लेकिन बायोडेटा अधूरा रहता है। मेडिकल कॉलेज में सदर अस्पताल या प्रखंडों से भेजे जाने वाले सैंपल के फार्म भी पूरी तरह नहीं भरे जाते हैं। मरीज का नाम, पता, प्रखंड और जिला अंकित होना चाहिए, लेकिन सैंपल लेने वाले केवल भागलपुर या प्रखंड का नाम अंकित कर खानापूर्ति कर देते हैं। अगर जांच रिपोर्ट पॉजिटिव है तो इससे यह जानकारी नहीं मिलती कि भागलपुर के कौन मोहल्ले और प्रखंड के कौन से गांव का व्यक्ति कोरोना संक्रमित हुआ है।

मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन एक सौ से ज्यादा सैंपल आते हैं। सैंपल सदर अस्पताल से लेकर कहलगांव, नवगछिया और सुल्तानगंज सेंटर से लिए जाते हैं। इन तीनों सेंटरों में अन्य प्रखंडों के संदिग्ध मरीजों के सैंपल भी लिए जाते हैं। बताया गया कि पहले सैंपल को सामान्य वाइल में पैक कर जांच के लिए भेजा जाता था। जब मेडिकल कॉलेज के अधिकारी द्वारा आपत्ति दर्ज कराई गई तो सैंपल मेडिकेडेट वाइल में भेजे जाने लगे। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. हेमंत कुमार सिन्हा ने भी कहा कि इसी तरह सैंपल भेंजे जा रहे हैं।

जिन संदिग्ध मरीजों का सैंपल लिया जाता है, पूरी तरफ फॉर्म में जानकारी अंकित रहती है। वह किस प्रखंड के कौन से गांव का निवासी है। सर्दी-खांसी या बुखार है या नहीं इसे भी अंकित किया जाता है। -  डॉ. विजय कुमार सिंह, सिविल सर्जन

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