कॉलेज नहीं भेज रहा डाटा, विवि की हो रही फजीहत

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय को कॉलेजों का सहयोग नहीं मिल पा रहा है। आंकाड़ों को लोकर विवि परेशान है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 09:34 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 09:34 PM (IST)
कॉलेज नहीं भेज रहा डाटा, विवि की हो रही फजीहत
कॉलेज नहीं भेज रहा डाटा, विवि की हो रही फजीहत

भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय को कॉलेजों का सहयोग नहीं मिल पा रहा है। इसका खामियाजा शिक्षकों और कर्मचारियों को उठाना पड़ रहा है। विवि ने वेतन का बिल ट्रेजरी में भेजने में देरी की। देरी से बिल भेजने का आरोप विवि पर लगा। लेकिन कॉलेज विवि को जानकारी उपलब्ध करा रही है, उसमें कई खामियां रह जा रही है। कभी एकाउंट नंबर गलत भेज दिया जा रहा है, तो कभी शिक्षकों और कर्मियों के संबंध में गलत सूचना उपलब्ध करा दे रहा है। इस कारण वेतन ट्रेजरी में आने के बाद भी शिक्षकों और कर्मियों को समय पर वेतन भुगतान नहीं कर पा रहा है। हालांकि कुलसचिव कर्नल अरुण कुमार सिंह ने कहा है कि आगे से वेतन भुगतान में विलंब नहीं होगा। गड़बड़ियों को दुरुस्त कर लिया जाएगा।

इधर, कॉलेज विवि को शिक्षकों और कर्मियों का डाटा नहीं भेजकर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने में देरी का कारण बन रहा है। कॉलेजों से डाटा नहीं मिलने के कारण विवि सरकार के पास जानकारी नहीं भेज पा रहा है। सरकार के अपर सचिव मनोज कुमार ने करीब डेढ़ महीने पहले विवि से शिक्षकों और कर्मचारियों का डाटा मागा था। अपर सचिव ने 23 जुलाई को भेजे गए पत्र में स्पष्ट रूप से कहा था कि शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत सातवें वेतन पुनरीक्षण का लाभ देने के लिए वित्तीय भार का आकलन करना है। यह तभी संभव होगा जब सरकार के पास विवि में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों का डाटा उपलब्ध होगा। सरकार ने यह भी तय किया था कि डाटा उन शिक्षकों और कर्मचारियों का भेजा जाए जो एक जनवरी 2016 को कार्यरत थे। ऐसे में कॉलेजों को ज्यादा मेहनत करने की भी जरूरत नहीं पड़ती। विवि के बार-बार मांग करने के बाद भी मात्र दो-तीन कॉलेजों से डाटा भेजा गया है। सातवें वेतन पुनरीक्षण का लाभ मिलने में पहले ही देर हो चुकी है। अब सरकार ने तैयारी शुरू की है और डाटा मागा है तो कॉलेज के स्तर से डाटा भेजने में देरी हो रही है। विवि के पीआरओ डॉ. एसएन चौधरी का कहना है कि कॉलेजों से डाटा मांगा गया है, लेकिन कुछ ही कॉलेज अभी तक डाटा भेजा है। विवि के स्तर से डाटा भेजने में विलंब का कारण बन रहा है।

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