Bhagalpur: यहां वाटर हार्वेस्टिंग के बिना पास कर दिए जाते हैं भवन का नक्शा, निगम भी उदासीन

भागलपुर शहर में वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति लोग लापरवाह हैं। इसके लिए नगर निगम के अफसर जिम्मेवार हैं। बिना वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के ही भवन का नक्शा पास कर देते हैं। इससे लोग वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति उदासीनता बरतते हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sat, 27 Mar 2021 09:09 AM (IST) Updated:Sat, 27 Mar 2021 09:09 AM (IST)
Bhagalpur: यहां वाटर हार्वेस्टिंग के बिना पास कर दिए जाते हैं भवन का नक्शा, निगम भी उदासीन
भागलपुर शहर में वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति लोग लापरवाह हैं।

 जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहरी क्षेत्र में बीते एक वर्ष में करीब 250 भवन निर्माण का नक्शा पास किया है। नगर निगम ने एक वर्ष के भीतर शहर में 233 से अधिक भवनों के निर्माण के लिए नक्शा पारित कर चुका है। जबकि 25 से अधिक मामले अधूरे कागजात की वजह से लंबित है। नक्शा की अनुमति के साथ रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाना भी अनिवार्य किया जाता है, लेकिन निगरानी तंत्र कमजोर है। इसका नतीजा यह रहता है कि 80 फीसद भवनों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम ही नहीं लग सके हैं।

असल में सरकारी नियम कायदों और अर्बन प्लाङ्क्षनग एक्ट का अनुपालन करने के लिए किसी भी इमारत का नक्शा पास करते समय दस्तावेजों में सारी औपचारिकताएं पूर्ण करा लेता है। दस्तावेजों में तमाम एनओसी के साथ वाटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम की औपचारिकता भी पूर्ण करा ली जाती है, ताकि नक्शा पास करने में कहीं कोई परेशानी न खड़ी हो, लेकिन इसके बाद निगम के इंजीनियर भवन का मुआयना करने भी नहीं जाता। और ना ही भवन निर्माण शुरू करने की जानकारी दी जाती है। इस कारण बारिश का पानी जमीन में नहीं उतर पाता

यह है प्रावधान

जल जीवन हरियाली अभियान के अंतर्गत शहरी क्षेत्र के निजी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंगकी व्यवस्था को लेकर प्रचार-प्रसार भी नहीं किया गया। सरकार ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाना अनिवार्य होगा। इसके बदले गृहस्वामी को होङ्क्षल्डग टैक्स में पांच फीसद की छूट देने का प्रस्ताव है। शहरी क्षेत्र के 76 हजार घरों की संख्या है। जिन घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण नहीं कराया जाएगा, उस घरों को सील करने का अधिकार प्राप्त है। नोटिस का अनुपालन नहीं करने पर दंडात्मक कार्रवाई के साथ निगम प्रशासन भवन परिसर को सील कर सकता है।

इन भवनों में अनिवार्य है सिस्टम

कार्यालय व स्थानीय स्तर पर 15 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाले या 500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल भवन परिसर को विशेष दायरे में लाया गया है। इसमें व्यवसायिक भवनों, शैक्षणिक संस्थानों, कोङ्क्षचग, नर्सिग होम, अस्पताल, सिनेमा हॉल, शॉङ्क्षपग मॉल व अपार्टमेंट में हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य है।

निगम को 457 भवनों की भेजी गई सूची

चिह्नित भवनों के भूस्वामी को भवन परिसर में सिस्टम की व्यवस्था के लिए नोटिस भेजकर निगम को अनुपालन कराना था। 500 वर्ग मीटर से ज्यादा क्षेत्रफल के छत वाले 457 भवनों को गूगल मैप व जीआइएस बेस मैप के आधार पर विभाग ने चिह्नित कर निगम को सूची सौंप गई थी। सर्वे भी हुआ, नोटिस भी भेजा गया। अधिकांश भवनों ने अनुपालन नहीं किया।

रिचार्ज पिट का होगा निर्माण

सभी भवनों व निर्माणाधीन भवनों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था अनिवार्य है। इसके लिए प्रत्येक 100 वर्ग मीटर की छत क्षेत्र के लिए न्यूनतम छह घन मीटर का रिचार्ज पिट तैयार किया जाना है। जिसे छोटे-छोटे कंकड़ों से या ईट की जाली से या नदी के बालू से भरा जाना है। कंक्रीट स्लैब से ढंका जाना है।

वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण को लेकर पूर्व में कई भवनों की जांच हुई थी। उन्हें सिस्टम लगाने का नोटिस दिया गया था। इनका नए सिरे से सर्वे कराकर नोटिस भी भेजा जाएगा। जागरुकता के लिए प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

- प्रफुल्ल चंद्र यादव, प्रभारी नगर आयुक्त  

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