घटिया भोजन खाने से बच्चों ने किया इंकार

बांका। मध्याह्न भोजन योजना शिक्षकों के खाओ-पकाओ नीति के कारण अपने उद्देश्यों से भटकती नजर आ रही है।

By Edited By: Publish:Wed, 27 Jul 2016 10:18 PM (IST) Updated:Wed, 27 Jul 2016 10:18 PM (IST)
घटिया भोजन खाने से बच्चों ने किया इंकार

बांका। मध्याह्न भोजन योजना शिक्षकों के खाओ-पकाओ नीति के कारण अपने उद्देश्यों से भटकती नजर आ रही है। शिक्षकों की इस कदर मनमानी हैं कि ये अपने वरीय पदाधिकारी के आदेश को ताक पर रखकर अपने हिसाब से विद्यालय में मध्याह्न भोजन का संचालित कर रहे हैं। जिसके कारण विद्यालय में अध्यनरत छात्र गुणवत्ता विहिन एमडीएम खाने को विवश हो रहे हैं। क्षेत्र के लगभग सभी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों की कमोबेश यही स्थिति है। लेकिन इससे अलग सबसे खराब स्थिति मध्य विद्यालय लौगांय की है। जहां प्रभारी प्रधानाध्यापिका मीरा कुंवर वरीय पदाधिकारी के आदेश को भी दरकिनार कर अपने हिसाब से मध्याह्न भोजन बच्चों के बीच परोसने में लगी हुई है। जिसका खुलासा दो माह पूर्व डीपीओ सुशीला शर्मा के विद्यालय निरीक्षण के दौरान मिली थी। मौके पर उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रभारी प्रधानाध्यापिका से मध्याह्न भोजन का प्रभार छीनकर सहायक शिक्षक भारत भूषण को दिया था। लेकिन प्रभारी प्रधानाध्यापिका ने एक महीने के अंदर ही वरीय पदाधिकारी के आदेश के अवहेलना कर सहायक शिक्षक से मध्याह्नन भोजन का प्रभार पुन: अपने पास ले लिया ।

इसकी शिकायत जब सहायक शिक्षक भारत भूषण ने की तो डीपीओ एमडीएम ने प्रभारी प्रधानाध्यापिका मीरा कुंवर को सख्त निर्देश देते हुए विद्यालय में मध्याह्न भोजन संचालन के लिए सहायक शिक्षक भारत भूषण को चेक निर्गत करने को कहा था। लेकिन आदेश बेअसर साबित रहा। इस बाबत सहायक शिक्षक भारत भूषण ने कहा कि वरीय पदाधिकारी का पत्र मिलने के साथ ही उसी दिन एक सहायक शिक्षक के सहयोग से प्रधानाध्यापिका ने आनन फानन में विद्यालय शिक्षा समिति की बैठक कर मध्याह्न भोजन स्वयं संचालित करने का प्रस्ताव पारित कर मुझे इस कार्य से मुक्त कर दिया। इसके बाद से बच्चों के बीच गुणवत्ता विहिन भोजन परोसा जा रहा है। जिससे काफी संख्या में बच्चे खाने से इंकार कर रहे हैं।

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निरीक्षण में खुली पोल

बुधवार को जब मध्याह्न भोजन साधनसेवी मनीष कुमार विद्यालय अनुश्रवण करने के लिए पहुंचे तो प्रधानाध्यापिका के करतूतों से हतप्रभ रह गए। और उन्होंने सभी कक्षा में जाकर बच्चों से मध्याह्न भोजन के संबंध में पुछताछ की। जिसपर लगभग तीन दर्जन बच्चों ने खराब भोजन रहने के कारण नहीं खाने की शिकायत की। मध्याह्न भोजन आरपी ने बताया कि विद्यालय में कुल 270 बच्चे उपस्थित थे। जिसमें 34 बच्चों ने मध्याह्न भोजन नहीं खाने की बात कही। लेकिन जितने भी बच्चे उपस्थित थे उस हिसाब से रसोईया को दाल सात किलो 590 ग्राम के बदले मात्र चार किलोग्राम तथा आलू 17 किलो 150 ग्राम के जगह मात्र 12 किलोग्राम बनाने के लिए दिया। उन्होंने कहा कि भंडार पंजी के अनुसार विद्यालय में मध्याह्न भोजन का चावल मात्र 71 किलोग्राम रहना चाहिए। लेकिन वर्तमान में लगभग ढाई ¨क्वटल चावल स्टॉक में है। जो जांच का विषय है। आरपी ने बताया कि जब प्रधानाध्यापिका से पंजी पर हस्ताक्षर करने को कहा तो वह हस्ताक्षर करने से भी इंकार कर गई। मौके पर विद्यालय शिक्षा समिति के सदस्य प्रवीण कुंवर, अभय कुंवर, चिरंजीवी कुंवर, नीरज कुंवर मौजूद थे। वहीं इस संबंध में जब डीपीओ एमडीएम सुशीला शर्मा से मोबाइल पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी मेरी तबियत खराब है।

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