डकैत को 10 साल का कारावास

। मुर्गा फार्म में जमा रहने पर बड़ा नुकसान है। वे बताते हैं कि सभी किसानों ने दाना कम कर दिया। पानी और कोई घरेलु दाना डालकर बस मुर्गे की जान बचाई जा रही है। मुर्गा बिक भी नहीं रहा कि किसान अपनी पूंजी दाना खरीदने में लगा दें। कोरोना की हवा ने पॉल्ट्री मुर्गा बाजार को एक दर्द दिया है लोग फिर इस धंधे की ओर मुड़ने का साहस नहीं कर पाएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Mar 2020 09:46 PM (IST) Updated:Wed, 18 Mar 2020 06:08 AM (IST)
डकैत को 10 साल का कारावास
डकैत को 10 साल का कारावास

बांका। फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम केके महथा ने डकैती के एक मामले में अभियुक्त को दोषी पाकर 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही उसे 25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। सजा बाराहाट बभनगामा निवासी मोदनारायण मंडल को सुनाई गई है। इस संबंध में गृहस्वामी अशोक मंडल ने केस दर्ज कराया था। अभियोजन पक्ष की जानकारी के अनुसार 10 जनवरी 2003 को ही डकैतों ने दरवाजा तोड़ कर अशोक मंडल के घर में प्रवेश कर लिया। दरवाजा पर सोए अशोक मंडल और उसके पत्नी और बच्चों के साथ मारपीट की। इसके बाद उसके गल्ला दुकान में करीब एक लाख रूपये का सामान लूट लिया। इस दौरान दुकानदार सह गृहस्वामी ने एक डकैत मोदनारायण को पहचान लिया। उसके खिलाफ नामजद केस दर्ज कराया गया। अदालत ने छह गवाहों का पक्ष सुनने के बाद उसे दोषी पाकर सजा सुनाई है। सरकार की ओर से एपीपी पंकज कुमार तथा बचाव पक्ष से सुबोध कुमार मिश्रा ने बहस में हिस्सा लिया।

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