तलाश तालाबों की---धार्मिक अनुष्ठान के बीच तालाब की खुदाई शुरू

आशुतोष कुंदन, बाराहाट (बांका) : क्षेत्र से मिट रहे तालाबों के अस्तित्व को बचाने के लिए बाराहाट के ल

By Edited By: Publish:Fri, 27 May 2016 09:33 PM (IST) Updated:Fri, 27 May 2016 09:33 PM (IST)
तलाश तालाबों की---धार्मिक अनुष्ठान के बीच तालाब की खुदाई शुरू

आशुतोष कुंदन, बाराहाट (बांका) : क्षेत्र से मिट रहे तालाबों के अस्तित्व को बचाने के लिए बाराहाट के लोगों ने एक नई पहल शुरू की है। जिसके तहत सबसे पहले मंदिरों व धार्मिक स्थलों के तालाबों को आध्यात्मिक महत्व से जोड़ते हुए उसका संरक्षण किया जा रहा है। यह पहल दैनिक जागरण द्वारा तालाब को बचाने की छेड़ी गई मुहिम का ही असर है, जो अब क्षेत्र में दिखने लगा है। जिसकी शुरुआत क्षेत्र के प्रसिद्ध कुजेश्वर नाथ धाम के शिवगंगा सरोवर से की गई है। इसके लिए प्रेम यादव के नेतृत्व में बाबा विकास समिति का गठन किया गया है। 250 सदस्यों ने अर्थ व श्रम दान से शिवगंगा सरोवर के जीर्णोद्धार के लिए उसकी खुदाई व सौंदर्यीकरण का संकल्प लिया है। जिस पर करीब छह लाख की राशि खर्च होने का अनुमान है।

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तालाब की खुदाई शुरू

धार्मिक अनुष्ठानों के बीच कुजेश्वरनाथ धाम के शिवगंगा सरोवर की खुदाई की जा रही है। इसकी शुरुआत तालाब के भूमिपूजन से की गई। तालाब के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण के कार्य के दौरान यहां पूजा-अर्चना के अलावा अखंड कीर्तन, कृष्णलीला एवं शिव चर्चा का आयोजन करते हुए लोगों को जल, जंगल और जमीन के संरक्षण का भी संदेश दिया जा रहा है। जिसमें तालाब को खास तवज्जो दी गई है। इसके अलावा तालाब के जीर्णोद्धार के साथ ही पर्यावरण की सुरक्षा के लिए उसके तटों पर आध्यात्मिक महत्व के पेड़ लगाए जाएंगे। जिसमें पीपल, बरगद, बेल, अशोक, कदम एवं रूद्राक्ष के पेड़ शामिल है।

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पुरुषों के साथ महिलाएं भी मिला रही कदमताल

तालाबों का अस्तित्व बचाने के लिए क्षेत्र की महिलाएं भी आगे आ रही है। इसके लिए वो भी इस कार्य में पुरुषों के साथ कदमताल मिला रही हैं। कुजेश्वरनाथ धाम के शिवगंगा सरोवर की खुदाई एवं उसके सौंदर्यीकरण में महिलाएं भी अपना योगदान दे रही हैं। इसमें मुख्य रूप से लाखो देवी, मनोरमा देवी, वीणादेवी, मणिमाला माला देवी, मीरा देवी, शोभा देवी सहित अन्य ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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