डीएम ने छह बीसीओ के वेतन पर लगाई रोक

जिले में धान अधिप्राप्ति की रफ्तार धीमी है। जिले में अब तक 583 किसानों से 5166.264 एमटी धान क

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jan 2019 06:46 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jan 2019 06:46 PM (IST)
डीएम ने छह बीसीओ के वेतन पर लगाई रोक
डीएम ने छह बीसीओ के वेतन पर लगाई रोक

जिले में धान अधिप्राप्ति की रफ्तार धीमी है। जिले में अब तक 583 किसानों से 5166.264 एमटी धान की खरीद की गई है। धान अधिप्राप्ति में लापरवाही बरतने के आरोप में डीएम राहुल रंजन महिवाल ने देव, नवीनगर, बारुण, दाउदनगर, हसपुरा एवं गोह के बीसीओ का वेतन निकासी पर रोक लगा दी है। सभी बीसीओ के कार्य क्षेत्र में धान क्रय का कार्य असंतोषजनक है। डीएम ने सभी बीसीओ को अगली सोमवार की साप्ताहिक बैठक में अधिप्राप्ति का लक्ष्य कम से कम 10 प्रतिशत सुनिश्चित करने का सख्त निर्देश दिया है। लक्ष्य नहीं बढ़ाए जाने पर सभी बीसीओ के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। डीएम की समीक्षा में जिले में 14 जनवरी तक अधिप्राप्ति का लक्ष्य मात्र 3.42 प्रतिशत तक पाया गया है। प्रभारी जिला आपूर्ति पदाधिकारी सीमा कुमारी के अनुसार सदर प्रखंड में छह किसानों से 823.9, बारुण में 43 किसानों से 439.7, नवीनगर में 33 किसानों से 318.332, देव में 35 किसानों से 303.2, मदनपुर में 64 किसानों से 498.5, रफीगंज में 60 किसानों से 573.5, गोह में 34 किसानों से 333.7, हसपुरा में 22 किसानों से 150.1, दाउदनगर में 44 किसानों से 377.4 एवं ओबरा प्रखंड में 102 किसानों से 803.5 एमटी धान की खरीद की गई है। खरीदारी का यह लक्ष्य 14 जनवरी तक की है। राज्य सरकार ने धान खरीदारी का समय 31 मार्च तक निर्धारित की है। 31 मार्च तक अधिप्राप्ति का लक्ष्य एक लाख 51 हजार एमटी निर्धारित किया गया है। 15 नवंबर 2018 से खरीदारी का समय निर्धारित किया गया है। दो माह गुजर गया परंतु अधिप्राप्ति का लक्ष्य मात्र 3.42 प्रतिशत में अटका है। औने-पौने दाम पर धान बेच रहे किसान

जिले में अधिप्राप्ति का हाल ¨चताजनक है। सरकारी तंत्र की लापरवाही के बीच किसान औने-पौने दाम पर अपना धान व्यापारियों के हाथ बेंच रहे हैं। प्रतिदिन सभी प्रखंडों से ट्रकों पर धान लादकर व्यापारियों के द्वारा बाहर ले जाया जा रहा है। देव प्रखंड के बेढ़नी गांव के किसान मनोज कुमार ¨सह ने बताया कि क्रय केंद्रों पर धान की अधिप्राप्ति की सुस्त चाल से किसान व्यापारियों के हाथों धान बेचने को मजबूर हैं। कहा कि कई पैक्सों के द्वारा धान खरीद शुरू तक नहीं की गई है। किसानों को आनलाइन निबंधन कराने में परेशानी हो रही है। किसानों को धान का उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण किसान बेचैन हैं। खरीदारी की जो स्थिति है उसके अनुसार कागजों पर ही लक्ष्य पूरा होगा। 7501 किसानों ने कराया है रजिस्ट्रेशन

औरंगाबाद : जिले में धान क्रय की रफ्तार धीमी है। अब तक 7501 किसानों ने आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है। 166 समिति के द्वारा धान क्रय प्रारंभ किया गया है। क्रय की रफ्तार धीमी होने के बावजूद क्रय के मामले में औरंगाबाद जिला बिहार में चौथे स्थान पर है। रोहतास प्रथम स्थान पर है। कैमूर द्वितीय एवं सुपौल तृतीय स्थान पर है। डीसीओ धर्मनाथ प्रसाद ने बताया कि धान क्रय में तेजी लाने का आदेश दिया गया है। 49 पैक्स डिफाल्टर हैं जो धान क्रय नहीं कर पाएंगे।

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