Aurangabad news: देव कार्तिक छठ मेला में भीड़ से दब दादी की मौत, पोती घायल, सूर्यकुंड पर अर्ध्य के दौरान घटना

अर्ध्य देने के बाद दादी और पोती अधिक भीड़ होने के कारण अपने परिवार से बिछुड गए और भीड़ में दब गए। दोनों को देव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। दोनों की हालत गंभीर देखते हुए चिकित्सकों ने रेफर कर दिया। जहां दादी की मौत हो गई।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Publish:Mon, 31 Oct 2022 09:29 AM (IST) Updated:Mon, 31 Oct 2022 09:29 AM (IST)
Aurangabad news: देव कार्तिक छठ मेला में भीड़ से दब दादी की मौत, पोती घायल, सूर्यकुंड पर अर्ध्य के दौरान घटना
भीड़ में दबी छठव्रती को इलाज के लिए अस्पताल ले जाते पुलिस व स्वास्थ्य कर्मी

 जागरण संवाददाता, औरंगाबाद : देव कार्तिक छठ मेला में रविवार की संध्या में डूबते सूर्य को अर्ध्य देने के दौरान काफी भीड़ हो गई। भीड़ से दबकर दादी मीरा देवी 60 वर्ष (पति रामकिशोर सिंह) की मौत हो गई। पोती खुशी कुमारी (पिता कामख्या सिंह) घायल हो गई। छठव्रती मीरा भोजपुर जिले के बिहिया थाना क्षेत्र के करेया इंगलिश गांव की निवासी थी। अर्ध्य देने के बाद दादी और पोती अधिक भीड़ होने के कारण अपने परिवार से बिछुड गए और भीड़ में दब गए। किसी तरह दोनों को पुलिसकर्मियों के द्वारा भीड़ से बाहर निकाला गया और इलाज के लिए देव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। दोनों की हालत गंभीर देखते हुए चिकित्सकों ने रेफर कर दिया। 

सदर अस्पताल में दादी की मौत 

दोनों को जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में लाया गया जहां दादी की मौत हो गई। पोती की हालत गंभीर देखते हुए रेफर कर दिया गया है। सदर अस्पताल में रामकिशोर सिंह ने बताया कि अर्ध्य देने के दौरान सूर्यकुंड पर भीड़ अधिक हो गई। भीड़ नियंत्रण की कोई व्यवस्था नहीं थी। दोनों बिछुड़ गए। काफी खोजबीन किए पर भीड़ में कहीं पता नहीं चला। फिर हमलोगों को जानकारी हुई कि दोनों को अस्पताल भेजा गया है। अस्पताल पहुंचते तो पत्नी की मौत हो गई। पोती घायल है। 

अर्ध्य देने के दौरान भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था नहीं 

वहीं सूर्यकुंड तालाब के दक्षिण नियंत्रण कक्ष और कबीर धर्मशाला के पास भीड़ में दबे दो बुजुर्ग छठ व्रतियों को किसी तरह बाहर निकालकर जान बचाई गई। बताया गया कि सूर्यकुंड पर रोक के बावजूद छठ व्रतियों का आवासन हो गया जिससे अर्ध्य देने वाले व्रतियों को सूर्यकुंड में जाने और अर्घ्य देने के बाद लौटने में काफी परेशानी हुई। प्रशासनिक अव्यवस्था के कारण सूर्यकुंड में अर्ध्य देने के दौरान भी भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था नहीं होने के कारण छठ व्रतियों को काफी झेलनी पड़ी।

chat bot
आपका साथी