श्रद्धालुओं ने की आंवला वृक्ष की पूजा

अररिया। नरपतगंज प्रखंड के बसमतिया बाजार स्थित रामजानकी मंदिर परिसर में शुक्रवार को सैकड

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 01:22 AM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 01:22 AM (IST)
श्रद्धालुओं ने की आंवला वृक्ष की पूजा
श्रद्धालुओं ने की आंवला वृक्ष की पूजा

अररिया। नरपतगंज प्रखंड के बसमतिया बाजार स्थित रामजानकी मंदिर परिसर में शुक्रवार को सैकड़ों महिलाओं ने कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष नवमी तिथि को आंवला की पूजा की। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सतयुग का आरंभ इसी दिन से हुआ था। आंवला वृक्ष की पूजा करने का विधान तब से चला आ रहा है। उक्त बातें पंडित मनोज झा ने शनिवार को कही। जानकारी के मुताबिक पौराणिक मान्यता है कि आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु सहित सभी देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए भोर में स्नानकर आंवले के वृक्ष को जल अर्पित कर विधानपूर्वक पूजी की जाती है। आधुनिक विज्ञान एवं प्राचीन आयुर्वेद के अनुसार विज्ञान एवं आयुर्वेद में आंवले को सौ मर्ज की एक दवा आंवले के फल को बताया गया है जो मानव शरीर को आरोग्य प्रदान करता है। आंवले को औषधीय गुणों का खजाना के साथ-साथ जीवन चक्र को संचालित करने से बाधक विकारों को नष्ट करने वाला बताया गया है।

--------इनसेट-------- वैज्ञानिक मंत्रोच्चारण के साथ संपन्न हुआ अक्षय नवमी पर्व - मौके पर आशा देवी, मीना देवी, पूजा कुमारी, सावित्री देवी, रामरति देवी, अमोलीया देवी, राजकुमारी देवी, शशि कला देवी ,बच्चा देवी, जानकी देवी, रीता कुमारी, पार्वती कुमारी, ¨पकी कुमारी, लाडली कुमारी आदि ने बताया कि सैकड़ों महिलाएं अक्षयनवमी के दिन भातुआ को काटकर उसमें द्रव्य राशि का तथा भूमि के भीतर सप्तधान का गुप्तदान करने के उपरांत वृक्ष के नीचे भोजन पका कर खाने की परंपरा का निर्वहन की। गौरतलब है कि अक्षय नवमी वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ संपन्न हुआ ।

chat bot
आपका साथी