प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिए जाते हैं अधिकांश मरीज

अररिया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुर्साकांटा। यहां सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से प्रतिदिन सैकड़ों

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Sep 2018 12:49 AM (IST) Updated:Mon, 10 Sep 2018 12:49 AM (IST)
प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिए जाते हैं अधिकांश मरीज
प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिए जाते हैं अधिकांश मरीज

अररिया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुर्साकांटा। यहां सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से प्रतिदिन सैकड़ों रोगी पहुंचते हैं। घंटों लाइन में लगकर पर्ची कटाने के बाद उन्हें फिर ओपीडी में चिकित्सक तक पहुंचते हैं। कुर्सी पर बैठे आयुष चिकित्सक उनका नाम- पता पूछते हैं। रजिस्टर में दर्ज करते हैं। रोगी से उनकी परेशानी नहीं पूछते। रोगी स्वयं बताते हैं। पर्ची पर चंद दवाई लिखकर उन्हें पर्ची थमा दी जाती है। उसके बाद वाले मरीज को फिर आने को कहते हैं। फिर यही सिलसिला जारी रहता है। रोगी पर्ची लेकर दवा वितरण काउंटर पर जाकर फिर लाइन में लग जाते हैं । अस्पताल में चंद गोली को कैसे और कब -कब खाना है। यह जानकारी रोगी अस्पताल कर्मी से पूछते हैं । उसे कोई बताने वाला नहीं मिलता है । ये तो हाल है ओपीडी के दैनिक दिनचर्या की। अब आइए देखते हैं दुर्घटनाग्रस्त होकर आपात स्थिति में पहुंचने वाले मरीजों, सर्प दंस के शिकार मरीजों का, जहर खुरानी मरीजों का, जिसे प्राथमिक उपचार प्रारंभ करने से पहले रेफर की पर्ची पहले तैयार कर दी जाती है। सच्चाई यही है कि अस्पताल पहुंचने वाले इस प्रकार के पीड़ितों को में अधिकांश रोगियों को अररिया सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जाता है। रेफर कर दिए जाने के बाद अस्पताल कर्मी अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो जाते हैं । अस्पताल में एकमात्र सरकारी एंबुलेंस भी नहीं है। पूछने पर पता चलता है कि किसी रोगी को लेकर अररिया गया है। रोगी के परिजन वाहन के लिए यहां- वहां भटकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों का कहना है कि गंभीर स्थिति में रोगियों को लेकर आनन- फानन में वे लोग पीएचसी पहुंच जाते हैं, परन्तु चिकित्सकों द्वारा जब उन्हें तुरन्त रेफर कर दिया जाता है तो उसके सामने आर्थिक समस्या उठ खड़ी होती है । नतीजा अनेकों रोगी मौत के मुंह में चले जाते हैं ।

गंभीर रोगियों को रेफर करने का है आदेश

अस्पताल कर्मियों से मिली जानकारी के अनुसार दो वर्ष पूर्व सर्पदंश के शिकार एक मरीज की मौत अस्पताल में हो गई थी । मृतक के परिजन चिकित्सकों के साथ दु‌र्व्यहवार और तोड़फोड़ किया था । इस घटना को लेकर प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी। तत्कालीन सिविल सर्जन के द्वारा तभी से सभी सर्पदंश के मरीजों को अररिया रेफर करने का आदेश निर्गत किया गया था।

पीएचसी कुर्साकांटा में उपलब्ध साधन के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही है। गंभीर रोगियों को ही रेफर किया जाता है। एंबुलेंस मौजूद रहने पर रोगियों को उपलब्ध कराया जाता है।

-ओपी मंडल, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, कुर्साकांटा

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