आसमान छू रहे सब्जियों को दाम से मुक्ति का निकलना चाहिए हल

अररिया। हरी सब्जियों के दाम में बेतहासा वृद्धि होने से आमजन व बेचने वाले को कम लाभ मिलने से

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Jan 2018 02:57 AM (IST) Updated:Tue, 30 Jan 2018 02:57 AM (IST)
आसमान छू रहे सब्जियों को दाम से मुक्ति का निकलना चाहिए हल
आसमान छू रहे सब्जियों को दाम से मुक्ति का निकलना चाहिए हल

अररिया। हरी सब्जियों के दाम में बेतहासा वृद्धि होने से आमजन व बेचने वाले को कम लाभ मिलने से परेशान हैं। एक फरवरी को लोकसभा में पेश होने जा रहे बजट पर स्थानीय बस स्टैंड पर सब्जी विक्रेताओं और खरीदारों ने कहा कि कृषि उत्पाद का दाम न तो किसानों को मिल रहा है और न ही फुटकर विक्रेताओं। इसका निजात यदि बजट में निकल सके तो किसानों की आय दो गुनी हो जाएगी और विक्रेताओं को भी इतना पैसा मिलने लगेगा कि बाल बच्चों को अच्छे स्कूलों में पड़ा सके। मुन्ना यादव का कहना है कि अधिक मूल्य पर हरी सब्जी खरीदनी पड़ती है, लेकिन दाम उचित नहीं मिल पाता है। जिस कारण हम लोग हरी सब्जियों को बेचने में अब मन नहीं लग रहा है। नगर निवासी व सब्जी विक्रेता

गोलू ने बताया कि सब्जी गांव में सस्ती है, लेकिन बाजार में महंगे मूल्य पर बेची जा रही है। थोक भाव में सब्जी खरीदने के बाद भी उचित लाभ नहीं मिल रहा है। परिवार का भरण पोषण करने के लिए किसी तरह काम चल रहा है। सब्जी का थोक व फुटकर मूल्य बाजार के लिए निर्धारित कर दिया जाए तो गरीबों का कल्याण हो सकता है। अभी बेमौसमी सब्जियों का सारा मुनाफा समाज के बड़े वर्ग के पास पहुंच रहा है। हम लोगों की हालत तो मजदूर से भी बदतर है। वहीं

दुलारी ने भी महंगाई पर अंकुश लगाने की मांग की। उसने बताया कि उत्पादन सही ढंग से नहीं होने के कारण हम लोगों को भी महंगे दर पर सब्जियां खरीदनी पड़ती है। बैंगन, फूलगोभी, परवल व ¨भडी की कीमतें दोगुनी हो गई हैं। वहीं बाहर से आने वाली सब्जियों के दाम भी तेजी से बढ़ रहे हैं। लोगों का इन सब्जियों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। इस कारण थाली से सब्जियां गायब होती जा रही हैं। टमाटर, प्याज, फूलगोभी, ¨भडी के भाव में भी 20 रुपए तथा शिमला मिर्च के दामों में भी 10 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। इस कारण महिलाओं को रसोई चलाने में मुश्किल हो रही है। अमित कुमार साह का कहना है कि सब्जियों के दाम में बेतहासा वृद्धि होने से हरी सब्जियों की खरीदारी करने में मुश्किल हो रही है। वहीं गृहिणी निखत परवीन, सबाना, रचना देवी व सुल्ताना ने बताया कि अंडे का मूल्य स्थिर है। वहीं सब्जी का मूल्य आसमान छू रहा है। आम बजट में अररिया शहर में सब्जी की थोक मंडी खुलनी चाहिए। महंगाई बढ़ रही है और आमदनी स्थिर है। ऐसे में परिवार चलाना मुश्किल हो गया है।

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