सरकार ने रिजेक्ट किए टाटा और महिंद्रा के इलेक्ट्रिक व्हीकल, बताई ये वजहें

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकारियों ने महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स द्वारा भेजे गए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को इस्तेमाल के लायक नहीं माना है।

By Pramod KumarEdited By: Publish:Wed, 27 Jun 2018 03:40 PM (IST) Updated:Wed, 27 Jun 2018 03:40 PM (IST)
सरकार ने रिजेक्ट किए टाटा और महिंद्रा के इलेक्ट्रिक व्हीकल, बताई ये वजहें

नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। सरकार के ई-मोबिलिटी मिशन को बड़ा झटका लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकारियों ने महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स द्वारा भेजे गए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को इस्तेमाल के लायक नहीं माना है। EESL (एनर्जी एफिशिएंसी सर्विस लिमिटेड) ने टाटा टिगोर इलेक्ट्रिक व्हीकल की 350 यूनिट्स और महिंद्रा ई-वेरिटो की 150 यूनिट्स का ऑर्डर दिया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकारी अधिकारियों ने EESL द्वारा मंगवाए गए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इस्तेमाल करने से मना कर दिया है। इन वाहनों की कम रेंज और खराब परफॉर्मेंस को इसकी वजह बताई गई है। टेस्ट के दौरान ये वाहन सिंगल चार्ज में 80-82 किलोमीटर का सफर तय नहीं कर पाए। वहीं इनमें 17 किलोवॉट की बैटरी दी गई है जो ग्लोबल स्टैंडर्ड 17-35 किलोवॉट से काफी कम है। चार्जिंग आउटलेट्स का काम अधूरा-

महिंद्रा और टाटा द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनो का पहला फ्लीट पिछले साल नवंबर तक सरकार को भेजना था, लेकिन यह दिसंबर तक टल गया। अब तक ऐसे महज 150 वाहन EESL ने खरीदे हैं, जबकि 200-250 वाहनों को अगले महीने तक फ्लीट में शामिल किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस देरी की वजह चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। एक्सिकॉम टेली-सिस्टम लिमिटेड को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 125 चार्जिंग आउटलेट बनाने का काम सौंपा गया था, लेकिन अभी तक यह काम पूरा नहीं हो पाया है।

टाटा टिगोर इलेक्ट्रिक का पहला बैच पिछले साल दिसंबर में सौंप दिया गया था और महिंद्रा का पहला ई-वेरिटो का पहला बैच तैयार है। EESL ने कुल 10 हजार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद की योजना बनाई थी, लेकिन मौजूदा हालातों को देखते हुए यह योजना पूरी होती हुई नहीं दिख रही। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दूसरे टेंडर की शर्तों को मूल्यांकन किया जाएगा और उन्हें फिर से रिलीज किया जाएगा।

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