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भारत में इस हिल पर है जीरो ग्रेविटी, बंद गाड़ी अपने आप ऊपर चढ़ने लगती है !

ऐसा माना जाता है कि तुलसीश्याम पहाड़ी पर गुरुत्वाकर्षण काम नहीं करता है। इस वजह से गाड़ी बंद होने पर वह रुकी नहीं रहती है बल्कि ऊपर की ओर चढ़ने लगती है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 04:53 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 04:53 PM (IST)
भारत में इस हिल पर है जीरो ग्रेविटी, बंद गाड़ी अपने आप ऊपर चढ़ने लगती है !
भारत में इस हिल पर है जीरो ग्रेविटी, बंद गाड़ी अपने आप ऊपर चढ़ने लगती है !

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। इस धरती पर कई ऐसी जगह हैं, जो अपने रहस्य के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इनमें एक स्थान तुलसीश्याम है। यह जगह गुजरात राज्य में स्थित है। तुलसीश्याम गुरुत्वाकर्षण विरोध के लिए जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि तुलसीश्याम पहाड़ी पर गुरुत्वाकर्षण काम नहीं करता है। इस वजह से गाड़ी बंद होने पर वह रुकी नहीं रहती है, बल्कि ऊपर की ओर चढ़ने लगती है। विज्ञान के लिए यह बड़ी पहेली है, जो आज तक नहीं सुलझी है। दुनिया में कई ऐसी जगह हैं। जहां गाड़ी बंद रहने पर गाड़ी गुरुत्वाकर्षण के विपरीत चलने लगती है। अगर आपको तुलसीश्याम के बारे में नहीं पता है, तो आइए जानते हैं-

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तुलसीश्याम कैसे नाम पड़ा

पौराणिक कथा के अनुसार, द्वापर युग में भगवान कृष्ण ने इस स्थान पर तूल नामक आततायी दानव का वध किया था। इसलिए इस स्थान का नाम तुलसीश्याम पड़ा है। तुलसीश्याम में 3 हजार साल पुराना भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर है, जिसका निर्माण काले पत्थर से हुआ है।

तुलसीश्याम कहां है

यह गुजरात राज्य के अमरेली और गिर सोमनाथ जिले की सीमा पर स्थित है। जबकि यह पहाड़ी गिर राष्ट्रीय उद्यान में है। इस जगह पर गर्म पानी का एक झरना भी है, जो शारीरिक तकलीफों को ठीक करने वाली शक्तियों के लिए जाना जाता है।

तुलसीश्याम पर जीरो ग्रेविटी क्यों है

भारत में तुलसीश्याम, स्कॉटलैंड में द इलेक्ट्रिक बै, अमेरिका में प्रोसेर, ऑस्ट्रेलिया में ब्लैक रॉक और कैलिफोर्निया में कंफ्यूजन हिल एंटी ग्रेविटी के लिए प्रसिद्ध है। इस बारे में लोगों का कहना है कि तुलसीश्याम का रास्ता स्वर्ग की तरफ जाता है, क्योंकि ऐसा लगता है कि हमें ऊपर की तरफ खींचा जा रहा है। लोग काले साए और किसी प्रकार के दानव शक्ति को इसका श्रेय नहीं देते हैं। हालांकि, इस घटना के पीछे की प्रामणिकता का पता अभी तक नहीं चला है कि ऐसा क्यों होता है।


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