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Digital Detox For Your Next Vacation: अगली बार घूमने जाएं तो ज़रूर करें 'डिजिटल डिटॉक्स'

Digital Detox During Vacationएक अध्ययन में पाया गया कि पर्यटक भी एक भावनात्मक यात्रा से गुज़रते हैंउनकी यात्रा के दौरान टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया से अलग होने की ज़रूरत क्यों है?

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Mon, 09 Sep 2019 08:48 AM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 08:48 AM (IST)
Digital Detox For Your Next Vacation: अगली बार घूमने जाएं तो ज़रूर करें 'डिजिटल डिटॉक्स'
Digital Detox For Your Next Vacation: अगली बार घूमने जाएं तो ज़रूर करें 'डिजिटल डिटॉक्स'

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Digital Detox For Your Next Vacation: 'डिजिटल डिटॉक्स' सुनने आपको भले ही अटपटा लग रहा हो, लेकिन सच्चाई है कि यह हम सबकी ज़रूरत बन गया है। डिजिटल और वर्चुअल दुनिया हम पर और हमारे रिश्तों पर इस कदर हावी हो रही है कि खुद के लिए और रिश्तों के लिए समय निकालना ही मुश्किल हो गया है। लोगों के फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर तो हज़ारों दोस्त और फॉलोवर्स होते हैं, लेकिन असल जिंदगी में वे अकेले होते जा रहे हैं।

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हम इंसानों की ज़िंदगी में भावनात्मक रूप से कई उतार चढ़ाव आते हैं, ऐसे में हमारे लिए कभी-कभी यह ज़रूरी हो जाता है कि हम वर्चुअल दुनिया से अलग हो जाएं। हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि पर्यटक भी एक भावनात्मक यात्रा से गुज़रते हैं और उनकी यात्रा के दौरान टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया से अलग होने की ज़रूरत क्यों होती है।

'ट्रैवल रिसर्च' नाम की एक जर्नल में छपे एक अध्ययन ने डिजिटल-मुक्त पर्यटन में यात्रियों के अनुभवों पर कितना प्रभाव पड़ता है इस पर जांच की। इस यात्रा में मोबाइल फोन, लैपटॉप, टैबलेट, इंटरनेट, सोशल मीडिया और नेविगेशन टूल जैसी तकनीकों का इस्तेमाल नहीं किया गया था। इसका निष्कर्ष यह निकला कि आजकल 'डिजिटल डिटॉक्स' वाली छुट्टियों की मांग बढ़ती जा रही है।

आजकल आप दुनिया से अच्छी तरह जुड़े हुए हैं, लोगों को निरंतर जानकारी मिलने की आदत हो गई है। हालांकि, कई लोग ऐसे भी हैं जो लगातार हो रहे इस कनेक्शन से थक गए हैं। इसलिए डिजिटल फ्री यात्राओं का ट्रेंड तेज़ी बढ़ रहा है।  

हमारे इस अध्ययन में जिन लोगों से भाग लिया था, उन्होंने बताया कि अपनी डिस्कनेक्ट यात्रा के दौरान न सिर्फ वे अन्य यात्रियों के साथ घुले मिले बल्कि स्थानीय लोगों से भी मिले। साथ ही उन्होंने अपने साथियों के साथ भी अधिक समय बिताया।

अन्य यात्रियों, खासकर स्थानीय लोगों से बात करके उन्हें कई अच्छे सलाह मिली और उन स्थलों, स्थानों और समुद्र तटों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सके जो किसी भी पर्यटन वेबसाइटों या गाइडबुक पर उपलब्ध नहीं थे लेकिन उनकी यात्रा का सबसे अहम हिस्सा बन गए। 

जब ये प्रतिभागी दोबारा डिजीटल दुनिया से जुड़े तो वे सभी संदेशों और सूचनाएं पाकर परेशान हो गए। हालांकि, यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों के साथ जुड़ाव का आनंद लेने के बाद कई लोग भविष्य में दोबारा एक और डिजिटल डिटॉक्स ट्रेवल करना चाहेंगे।


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