ब्लैक नेक स्टार्क को देखने के लिए बेहतरीन है सुल्तानपुर बर्ड सैंक्चुअरी
हरियाणा के गुड़गांव में है सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी। गुड़गांव से 15 किमी और दिल्ली से 45 किमी दूर का सफर तय करके इस सेंचुरी तक पहुंचा जा सकता है। जानते हैं और क्या खास है यहां।
सुंदर और खूबसूरत पक्षियों को देखने का शौक आपको प्रकृति के और करीब लाने का काम करता है। अलग-अलग आकार और रंग-बिरंगे इन पक्षियों को देखकर एक तरफ जहां सुखद अनुभव होता है वहीं दूसरी ओर आश्चर्य भी। सर्दियों का मौसम बर्ड सेंचुरी घूमने के लिए बेहतरीन माना जाता है क्योंकि उस दौरान देसी ही नहीं विदेशी पक्षियों का भी दीदार किया जा सकता है।
सर्दी का मौसम शुरू होते ही वन्य प्राणी विहार और भी दूसरे जल भराव वाले क्षेत्रों में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है। दरअसल ये तमाम क्षेत्र प्रवासी पक्षियों के पश्चिमी मार्ग पर पड़ते हैं।
सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान गुरूग्राम के सुल्तानपुर गांव में स्थित है। 1.5 वर्ग किमी में फैला ये राष्ट्रीय उद्यान यह प्रवासी पक्षियों के लिए जाना जाता है। यहां हजारों पर्यटक और पक्षी प्रेमी पहुंचकर पक्षियों के बारे में अपना ज्ञानवर्धन करते हैं। यहां करीब 250 प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं। विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके ब्लैक नेक स्टार्क का हर साल प्रजनन होता है। इसके साथ सैकड़ों की संख्या में पैरिड स्टार्क और दूसरी स्थानीय प्रजातियों के पक्षी भी यहां प्रजनन करते हैं।
इन पक्षियों को देखने का सुखद अवसर
ग्रे लेग गुज, बॉर हैडिड गुड, यूरेशियन कूट, गाग्रेनी, कॉमन टील, पीन टैल, यूरेशियन विजन, कॉमन पोचार्ड, रेड क्रेस्टिड पोचर्ड, नॉदर्न शावलर, मालार्ड गोडविट, टफटिड डक, कॉमन क्रेन, अलग-अलग तरह के सैंडपाईपर और प्लोवर, ग्रे हैडिड लेपविंग, व्हाइट टेल्ड लेपविंग, ग्रेट कस्टिड ग्रेब, ब्लैक नेक्ड ग्रेब, विभिन्न प्रकार की वैगटेल, रीवन टर्न कई प्रकार के गल, ग्रेटर और लैज़र फ्लेमिंगो स्लाइप इत्यादि को देख सकते हैं। इनके साथ-साथ अन्य शिकारी पक्षी भी यहां आ जाते हैं जैसे मार्श हैरियर, पैलिड हैरियर, इस्टर्न इम्पीरियल, ईगल, बुटिडईगल, ग्रेटर स्पोटिडईगल, पेरेग्राइन फॉलकन, लॉग लैग्ड बजर्ड, सर्पेन्ट ईगल, स्टेपी ईगल आदि भी करीब से देखे जा सकते हैं।
इस वजह से आते हैं प्रवासी पक्षी
ठंड के मौसम में साइबेरिया, यूरोप, मध्य एशिया, रूस आदि देशो में बर्फ जम जाती है। बहुत ज्यादा ठंड की वजह से इनका आहार बनने वाले जीव या तो मर जाते हैं या जमीन में छिप जाते हैं, जिससे इनको भोजन-पानी की समस्या पैदा होती है। इन देशों में पक्षी प्रवास कर जब राजस्थान, गुजरात और भारत के दूसरे तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ते हैं। तो पानी और वनस्पति को देखकर यहीं रूक जाते हैं। दरअसल आसपास यमुना नदी का निचला हिस्सा वेटलैंड का आकार ले चुकी है। यही वजह है कि अपने प्रवास के दौरान लाखों की संख्या में पक्षी इन झीलों और दलदली क्षेत्रों की शोभा बढ़ाते हैं।
कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग- इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट यहां का नज़दीकी एयरपोर्ट हैं जहां से सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी की दूरी 48किमी है। दिल्ली एयरपोर्ट से यहां तक पहुंचने के लिए आपको आसानी से टैक्सी मिल जाएंगी।
रेल मार्ग- गुड़गांव जंक्शन नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। वैसे दिल्ली(46किमी) रेलवे स्टेशन भी पहुंचकर यहां आया जा सकता है। मेट्रो स्टेशन से भी पहुंचने का ऑप्शन है आपके पास। रेलवे स्टेशन पर कैब और टैक्सी की सुविधा अवेलेबल रहती है।
सड़क मार्ग- दिल्ली से गुड़गांव तक के लिए राज्य परिवहन बसों की सुविधा मौजूद है। टैक्सी बुक करके भी आप सुल्तानपुर नेशनल पार्क आसानी से पहुंच सकते हैं।