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खूबसूरती ही नहीं रोचक इतिहास समेटे ये जगह है अकेले घूमने के लिए बेहतरीन

वाराणसी में सारनाथ बौद्ध अनुयायियों का तीर्थ स्थल है जिसकी वजह से ये जगह खूबसूरत होने के साथ ही काफी शांत भी है। यहां सोलो ट्रिप का प्लान करें जो आपको एक्सप्लोर करना का देगी मौका।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Wed, 28 Nov 2018 04:30 PM (IST)Updated: Wed, 28 Nov 2018 04:30 PM (IST)
खूबसूरती ही नहीं रोचक इतिहास समेटे ये जगह है अकेले घूमने के लिए बेहतरीन
खूबसूरती ही नहीं रोचक इतिहास समेटे ये जगह है अकेले घूमने के लिए बेहतरीन

वाराणसी के सारनाथ की लोकप्रियता भगवान बुद्ध से है। बोधगया में ज्ञान प्राप्ति के बाद उन्होंने अपना सबसे पहला उपदेश सारनाथ में ही दिया था। इसलिए ये जगह बौद्ध अनुयायियों के लिए भी बहुत ही खास है। वाराणसी से 10 किमी की दूरी पर स्थित इस जगह को अकेले घूमने का प्लान बनाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां देखने के साथ-साथ जानने के लिए भी बहुत कुछ है। हर एक धरोहर और स्थल से जुड़ा कोई न कोई रोचक इतिहास है। जो सफर के रोमांच को बरकरार रखता है।

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सारनाथ में आसपास घूमने वाली जगहें

धमेख स्तूप

सारनाथ के धमेख स्तूप की आकृति बेलनाकार है। जो 43.6 मीटर ऊंची और 28 मीटर चौड़ी है। ईंट और पत्थरों से निर्मित इस स्तूप में गुप्त काल की खूबसूरत नक्काशी को देखा जा सकता है।

चौखंडी स्तूप

वाराणसी शहर में घाटों और मंदिरों से पहले अगर किसी चीज़ के दर्शन होते हैं तो वो है चौखंडी स्तूप। जो पूरी तरह ईंटों से बना हुआ है और इसके बीचों-बीच है अष्टभुज आकार का टावर। लोगों का मानना है कि इसे सम्राट अशोक के काल में बनाया गया था।

मूलगंधकुटी विहार

हालांकि अब यहां केवल मूलगंध कुटी मंदिर के अवशेष ही बचे हैं लेकिन इसे भी देखना अद्भुत रहेगा। बौद्ध साहित्य संग्रह के अलावा यहां भगवान बुद्ध की सोने की मूर्ति है जिसकी पूजा की जाती है। इतना ही नहीं यहां बोधी वृक्ष भी मौजूद है जो श्रीलंका के वृक्ष की एक शाखा से लगाया गया था।

सारनाथ ऑर्कियोलॉजिकल म्यूज़ियम

यहां आप बौद्ध कला से जुड़ी हर एक चीज़ को देख सकते हैं। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक कभी भी यहां आया जा सकता है। म्यूज़ियम के अंदर धर्मराजिका स्तूप, सद्धर्मचक्र विहार आदि दूसरी देखने वाली जगहें हैं।

श्री दिगंबर जैन मंदिर

वाराणसी में गंगा नदी के किनारे स्थित इस जगह को जैन घाट के नाम से भी जाना जाता है। यहां सफेद रंग की मूर्ति है। दूसरी ओर दिगंबर पंथ ने एक काली मूर्ति भी रखी है। यहां आकर अलग ही शांति और सुकून का अहसास होता है।

शॉपिंग के लिए भी अच्छी जगह है सारनाथ

जी हां, वाराणसी के सारनाथ आ रहे हैं तो बजट से कुछ एक्स्ट्रा पैसे लेकर चलें क्योंकि यहां का सिल्क दुनियाभर में अपनी अलग पहचान रखता है। प्योर और खूबसूरत सिल्क साड़ियों की शॉपिंग तो बनती है। इसके अलावा लकड़ी और मिट्टी के बर्तन, तांबा, कांसा, खिलौनों के लिए भी ये जगह मशहूर है।

कैसे पहुंचे

हवाई मार्ग- वाराणसी, सारनाथ पहुंचने का नज़दीकी एयरपोर्ट है। जहां से आप टैक्सी लेकर सारनाथ जा सकते हैं।

रेल मार्ग- वाराणसी कैंट, यहां का नज़दीकी रेलवे स्टेशन है जो ज्यादातर शहरों से जुड़ा हुआ है। वैसे सारनाथ में भी रेलवे स्टेशन है लेकिन यहां बहुत ही कम ट्रेनों का स्टॉपेज है।

सड़क मार्ग- वाराणसी कैंट पर अवेलेबल बस और टैक्सी द्वारा आप आसानी से सारनाथ तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा टैक्सी और कैब भी मिल जाएंगी।  


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