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भारत के सबसे ऊंचे और शानदार किलों में से एक है जूनागढ़, वीकेंड में घूमने का बनाएं प्लान

राजस्थान का जूनागढ़ किला भारत के सबसे ऊंचे और शानदार किलों में से एक है। किले के साथ ही यहां आकर आप किले के साथ महलों का भी कर सकते हैं दीदार।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Tue, 05 Mar 2019 04:34 PM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2019 04:34 PM (IST)
भारत के सबसे ऊंचे और शानदार किलों में से एक है जूनागढ़, वीकेंड में घूमने का बनाएं प्लान
भारत के सबसे ऊंचे और शानदार किलों में से एक है जूनागढ़, वीकेंड में घूमने का बनाएं प्लान

राजस्थान के बीकानेर में शहर में स्थित है जूनागढ़ किला। राजा राय सिंह द्वारा सन् 1593 में इस किले का निर्माण किया गया था। किले के आसपास बहुत ही खूबसूरत अनूप, फूल, शीश, करण और चंद्र महल हैं। जो इनकी खूबसूरत को दुगुना करने का काम करते हैं। ये राजस्थान के उन चंद किलों में से है जिन्हें पहाड़ पर नहीं बनाया गया है।

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जूनागढ़ किले की बनावट

5.28 स्क्वेयर किमी में फैला यह किला भारत के सबसे ऊंचे और विशाल किलों में से एक है। जो इंडो- मुगल स्टाइल में बना हुआ है। लगभग 230 मीटर की ऊंचाई वाले इस किले में 37 गढ़ और प्रवेश करने के दो माध्यम हैं। बहारी सुरक्षा दीवारें लगभग 14.5 फीट चौ़ड़ी और 12 मीटर ऊंची हैं। किले के अंदर एक मंदिर बना हुआ है। दरबार हॉल, गज मंदिर, सूरज पोल किले के दूसरी और बहुत ही खूबसूरत जगहें हैं। जूनागढ़ किले को बनवाने में पूरे 5 साल का समय लगा। पहले जूनागढ़ में केवल दो ही महल थे बाद में अलग-अलग राजाओं ने अपने-अपने नाम से भव्य महल बनवाए। जूनागढ़ का किला काफी हद तक देखने में आगरा के किले जैसा लगता है। किले पर लाल रंग के पत्थरों को काटकर बनाए गए कंगूरे देखने में बहुत ही शानदार लगते हैं। गढ़ के पूरब और पश्चिम के दरवाजों को कर्णपोल और चांदपोल कहा जाता है।

प्रवेश द्वार की गली पार करने के बाद दोनों ओर काले पत्थरों की बनी हाथियों की ऊंची मूर्तियां बनी हुई हैं। किले के भीतरी भाग में इमारतें, कुएं, महलों की लंबी श्रृंखला है। मुख्य द्वार सूरजपोल के अलावा दौलतपोल, फतहपोल, तरनपोल और धुर्वपोल है। सूरजपोल जैसलमेर के पीले पत्थरों से बना हुआ है। दोलतपोल में मेहराब और गलियारे की अनूठी बनावट है।

किले के अंदर एक बहुत ही अच्छा संग्रहालय है जिसमें प्रथम विश्व युद्ध के हथियार और हवाई जहाज को संभालकर रखा गया है।

प्रवेश शुल्क

भारतीयों के लिए- 50 रुपए

स्टूडेंट्स के लिए- 30 रुपए

विदेशी सैलानियों के लिए- 300 रुपए

विदेशी स्टूडेंट्स के लिए- 150 रुपए

टाइमिंग

सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4.30 बजे तक किला देखने आ सकते हैं।

कैसे पहुंचे

हवाई मार्ग

जोधपुर, यहां का नज़दीकी एयरपोर्ट है जहां से टैक्सी और बसों द्वारा मुख्य शहर तक पहुंचा जा सकता है।

रेल मार्ग

बीकानेर, यहां का नज़दीकी रेलवे स्टेशन हैं जहां के लिए सभी बड़े शहरों से ट्रेन की बुकिंग पॉसिबल है।

सड़क मार्ग

बीकानेर, जोधपुर, जयपुर और गंगानर शहरों से नेशनल हाइवे से जुड़ा हुआ है। प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह की बसों की सुविधाएं यहां तक पहुंचने के लिए अवेलेबल हैं।


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