टीवी के रोमांटिक कपल रित्विक और आशा इस खूबसूरत जगह कर रहे हैं वेकेशन एन्जॉय
टीवी के रोमांटिक कपल से शामिल रित्विक धनजानी और आशा नेगी भी इन दिनों केरल में छुट्टियां मना रहे हैं। आशा नेगी लगातार अपने वेकेशन की पिक्चर्स को इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर रही हैं।
केरल की खूबसूरती वादियां कपल्स के लिए ही नहीं, फैमिली और फ्रेंड्स के साथ भी मस्ती के लिए है बेस्ट। चारों तरफ फैली हरियाली, समुद्र का शांत किनारा और दोपहर होते ही आकाश में शोर मचाते बादल, इन सबके बीच भला कौन ही छुट्टी बिताने आता होगा बल्कि उसे तो लोग एन्जॉय करने आते हैं।
टीवी के रोमांटिक कपल से शामिल रित्विक धनजानी और आशा नेगी भी इन दिनों केरल में छुट्टियां मना रहे हैं। आशा नेगी लगातार अपने वेकेशन की पिक्चर्स को इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर रही हैं। जिसमें आप इन दोनों के रोमांस और मस्ती को देख सकते हैं।
केरल में घूमने-फिरने वाली जगहों की कमी नहीं बस इसके लिए आपके पास वक्त होना चाहिए। तो अगर केरल आपके भी विशलिस्ट में शामिल है तो यहां घूमने के लिए कौन से डेस्टिनेशन हैं सबसे बेस्ट, जानेंगे यहां।
वायनाड
वायनाड दक्कन की पहाडि़यों की दक्षिणी छोर की चोटी पर स्थित है। यह स्थान मुख्य रूप से अपने विस्तृत आकार पर फैली पश्चिमी घाट की पहाडि़यों के लिए जाना जाता है। इस जिले का ज्यादातर हिस्सा जंगलों से आच्छादित है इसलिए आप यहां मानव और प्रकृति का अद्भुत समंजस्य देख सकते हैं। दरअसल, ऊंची पहाडि़यां और घने जंगल बहुत से जंगली जानवरों के घर हैं। साथ ही स्थानीय आदिवासी समुदायों का आवास भी हैं। कोई यहां मौजूद झरनों का आनंद लेने आता है तो कोई सड़कों पर सहज ही दिखने वाले हिरण के झुंड के मोह में खिंचा चला आता है। पहाडि़यों पर फैली अथाह हरियाली के नीचे केले, अन्नानास, नारियल, कॉफी, काजू और काली मिर्च की फसलों का रंग मोह लेने से पहले मन को गहरे हरे रंग में सराबोर करते हुए चलता है। दरअसल, वायनाड बहुत सुंदर है और उसकी सुंदरता तक पहुंचने के लिए बहुत ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती।
कोवलम बीच
उथले पानी और कम ऊंची लहरें उठने के के कारण केरल का कोवलम बीच बच्चों के घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह है। यहां वे समुद्री हवाओं के बीच पानी में मौज-मस्ती कर सकते हैं। केरल राज्य में स्थित यह खूबसूरत बीच कन्याकुमारी से करीब 90 किमी दूर स्थित है और यहां कन्याकुमारी से करीब 2 घंटे में पहुंचा जा सकता है। कोवलम बीच तीन हिस्सों में बंटा हुआ है-लाइटहाउस बीच, समुद्री-बीच तथा हवा बीच। केरल-पर्यटन के देखरेख में यहां कई मान्यता प्राप्त एजेंसियां पर्यटकों के लिए स्नोर्कलिंग, पैरासेलिंग, विंड-सर्फिंग, कयाकिंग, स्कूबा-डाइविंग सर्फेस-सप्लाइड डाइविंग, जेट-स्कीइंग जैसे अलग-अलग प्रकार के वाटर तथा अंडर-वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज का संचालन करती हैं। इन रोमांचक खेलों तथा डाइव्स का समय प्रति-खेल 15 मिनट से लेकर 1 घंटे तक होता है और प्रति व्यक्ति खर्च 500 से 5000 रुपये तक आता है।
पलक्कड़
इस जिले में कदम रखते ही नीलगिरि की पहाडिय़ों का अलग रंग लुभाने लगता है। उसकी ऊंचाई कम पडऩे लगती है, पहाडि़यों पर रस्सी के समान लिपटी सड़कों के घुमावदार मोड़ कम होने लगते हैं। सड़कों के आसपास खुले खेत दिखने लगते हैं। मैदानी इलाकों की तरह आम के बाग दिखने लगते हैं। हरियाली की नई तस्वीर सामने आती है। दूर-दूर तक फैले धान के खेत। उन खेतों से उठती धान की भीनी-भीनी खुशबू अपने पास की हवा के सहारे चारों ओर बिखर जाती है। केरल में हरियाली बहुत है लेकिन हरियाली का यह अनुभव बिल्कुल अलग है। फसल की हरियाली में मानव और प्रकृति दोनों की खुशी दिखती है। केरल का एक बड़ा हिस्सा पहाड़ी है इसलिए पहाडिय़ां जब अपना स्थान खेतों को देते हुए पीछे हटने लगती हैं तो दूर तक प्रकृति का खुला हुआ रूप दिखता है। इस कृषि प्रधान जिले की यही सुंदरता है। धान के उन खेतों की मेड़ पर ताड़ और नारियल के पेड़ खड़े मिलते हैं। मेड़ पर उन्हें सिर उठाए देखकर ऐसा लगता है, जैसे वे इन खेतों की पहरेदारी कर रहे हों।
नेरियामंगलम
एक ऐसा स्थान, जिसके तीन किनारों को पश्चिमी घाट ने घेर रखा है और नीचे उसके कदमों को प्रसिद्ध पेरियार नदी चूमती है। वहां सूरज की किरणें भी एक पल रुककर इस अनुपम दृश्य को देखने लगती हैं। पहाडि़यों पर फैली अथाह हरियाली के नीचे केले, अनन्नास, नारियल, कॉफी, काजू और काली मिर्च की फसलों का रंग मोह लेता है। दरअसल, नेरियामंगलम, पर्यटन की दुनिया में एक अनजाना नाम है। चाय बागानों वाला मुन्नार, पेरियार टाइगर रिजर्व वाला तेकड़ी, ऐतिहासिक सूर्यनेली या फिर चंदन के लिए प्रसिद्ध मरायूर तक जाने के लिए नेरियामंगलम से होकर गुजरना ही होता है।
अलेप्पी
अलेप्पी किसी चित्रकार के कैनवास पर सधे हाथों संग उकेरे गए रंगों से बनी वह तस्वीर है, जिसे जितना भी निहारा जाए जी नहीं भरता। दूर तक फैले धान के हरे-भरे खेत, पानी के बीच उभर आए आइलैंड और नारियल के ऊंचे-ऊंचे पेड़। इसीलिए तो प्रकृति प्रेमी यहां सिर्फ छुट्टी मनाने नहीं आते, बल्कि प्रकृति के साथ कुछ दिन घुलने-मिलने आते हैं। अगर यह कहें कि अलेप्पी को जल-देवता ने हर रूप में नवाजा है तो गलत नहीं होगा। यहां नदियां हैं, नहरें हैं, बैकवाटर्स है और 82 किलोमीटर लंबा समुद्री तट है, जो केरल राज्य के कोस्टल लाइन का अकेले 13% है। यह जगह केरल राज्य की तीन बड़ी नदियों मनीमाला,पम्बा और अचंकोविल के संगम के लिए भी जानी जाती है।
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