बजट में अकेले घूमने-फिरने के लिए रानीखेत है परफेक्ट डेस्टिनेशन
उत्तराखंड का खूबसूरत हिल स्टेशन रानीखेत है कम बजट में अकेले घूमने के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन। भीड़ से दूर इस जगह आकर होगा आपको शांति और सुकून का अलग एहसास।
उत्तराखंड स्थित रानीखेत का ऑप्शन अकेले घूमने के लिए है बेस्ट। जो यहां के दूसरे टूरिस्ट डेस्टिनेशन जितना बड़ा तो नहीं लेकिन बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है। भीड़भाड़ से कहीं दूर जाकर शांति और सुकून के कुछ पल बिताना चाह रहे हैं तो यहां आने का प्लान बनाएं। समुद्र तल से लगभग 1824 मीटर की ऊंचाई पर बसी इस जगह को और ज्यादा खूबसूरत बनाने का काम करते हैं सड़कों के किनारे लगे चीड़ और देवदार के पेड़। सोलो ट्रिप पर निकले हैं तो यहां बहुत ही ऐसी जगहें हैं जो घूमने और रिलैक्सिंग दोनों ही लिहाज से बेहतरीन हैं। जानते हैं इनके बारे में।
रानीखेत में घूमने वाली खास जगहें
झूला देवी मंदिर
इस मंदिर में दर्शनार्थियों की सबसे ज्यादा भीड़ लगती है। ऐसा माना जाता है कि दिल से मांगी गई हर एक मुराद यहां आकर पूरी होती है। इसे घंटियों वाला मंदिर भी कहा जाता है ऐसा इसलिए क्योंकि मन्नत मांगकर यहां घंटियां बांधने और उसके पूरा होने उन्हें खोलने का रिवाज है। नवरात्रि के दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं की बहुत ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है। देवी दुर्गा का ये मंदिर रानीखेत से लगभग 7 किमी दूर है। झूला देवी मंदिर के पास ही भगवान राम का भी एक छोटा-सा मंदिर है।
बिनसर महादेव
वैसे तो यहां कई सारे छोटे-छोटे मंदिर हैं जिनमें से बिनसर महादेव मंदिर सबसे खास है। रानीखेत से लगभग 19 किमी की दूरी पर बना यह मंदिर समुद्र तल से 2480 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। चारों ओर लगे देवदार के पेड़ मंदिर को खूबसूरत बनाने के साथ ही इसकी पहरेदारी करते हुए नज़र आते हैं। मंदिर को यहां के राजा पीथू ने अपने पिता बिंदु की याद में बनवाया था।
हैरा खान आश्रम
रानीखेत से लगभग 4 किमी दूर चिलियाननौला में संत हेरा का आश्रम है। यहां से हिमालय की ऊंची-ऊंची चोटियों को आसानी से देखा जा सकता है। बर्फ से ढ़की इन चोटियों को देखने का अलग ही एहसास होता है।
गोल्फ कोर्स
दूर तक हरे-हरे घासों की चादर ओढ़े रानीखेत का ये गोल्फ कोर्स गोल्फ के शौकीनों को खासा आकर्षित करता है। इसका एक दूसरा नाम उपट कालिका भी है। आसपास चीड़ और देवदार के घने जंगल हैं। जो फोटोसेशन के लिए परफेक्ट हैं। रानीखेत का ये गोल्फ कोर्स सबसे अच्छे और सही तरीके से बने होने के कारण दुनियाभर में मशहूर है। पहले इसका उपयोग आर्मी अफसर ही किया करते थे, लेकिन अब आम जनता के लिए भी इसे खोल दिया गया है। यहां से महज कुछ किमी की दूरी पर कालिका गांव है, जहां देवी काली का बहुत ही पुराना मंदिर है।
चौबटिया गार्डन
रानीखेत आने वाले टूरिस्ट चौबटिया का चक्कर जरूर लगाते हैं। चौबटिया नाम होने के पीछे की वजह यहां चार शहरों रानीखेत, बाहरगांव, पिलखोली और देहरिटी का केंद्र होना है। यहां फलों का एक बहुत बड़ा रिसर्च सेंटर है। जिसमें सेब, अखरोट, खुबानी जैसे फलों के बहुत सारे पेड़ हैं। छुट्टियों में लोग यहां पिकनिक मनाने के लिए आते हैं। इस जगह से हिमालय, नंदादेवी, त्रिशूल, नंदाघुंटी और नीलकंठ के खूबसूरत नजारों को देखा जा सकता है। साथ ही जंगलों में घूमना भी एक अलग ही एडवेंचर होगा। चौबटिया गार्डन में लगभग 36 प्रकार के सेब उगाए जाते हैं।
कारगर ट्रैवल टिप्स
1. अगर आप अकेले रानीखेत आ रहे हैं तो रहने की बिल्कुल भी टेंशन न लें क्योंकि यहां हर एक तरह के होटल्स मिल जाएंगे जिन्हें आप अपने बजट के हिसाब से चुन सकते हैं।
2. खाने-पीने के लिए भी यहां छोटे-छोटे ढाबे और होटल्स अवेलेबल हैं। चाय-कॉफी का असली स्वाद लेने के लिए बड़े होटलों में जाने की जरूरत नहीं।
3. रानीखेत के लिए बहुत देर रात तक टैक्सी और बसें नहीं मिलती। इस बात का खास ध्यान रखें।
कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग- पतंनगर यहां का सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट है जहां से रानीखेत की दूरी 115 किमी है। एयरपोर्ट से रानीखेत जाने के लिए टैक्सी अवेलेबल रहती है।
रेल मार्ग- काठगोदाम, यहां का नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। यहां से बस और टैक्सी लेकर रानीखेत तक पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग- उत्तराखंड पहुंचकर रानीखेत आने के लिए टैक्सी और बस जैसे कई सारे ऑप्शन्स अवेलेबल हैं।