गर्मियों की शुरुआत होते ही शहरों में रहने वाले लोग पहाड़ों और बीच का रूख करने लगते हैं जिसकी वजह से वहां भी खचाखच भीड़ हो जाती है। और फाइनली ट्रिप को उस तरह से एन्जॉय नहीं कर पाते जैसी प्लानिंग करके जाते हैं। तो क्यों न उन जगहों को अपनी लिस्ट में शामिल करें जहां घूमने-फिरने के ढेरों ऑप्शन्स, एडवेंचर के साथ ही सुकून और शांति भी हो। तो इन डेस्टिनेशन्स पर डालें एक नज़र..
गुलमर्ग- श्रीनगर से 57 किमी की दूर भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर के पास पर स्थित है गुलमर्ग। जिसका मतलब फूलों का वन होता है। देश-विदेश से हर साल लाखों की संख्या में सैलानी बर्फ और फूलों से घिरी इन पहाड़ियों का आनंद लेने आते हैं।
क्या देखें- यहां ट्रैकिंग कर सकते हैं। इसके लिए आपको जून के महीने में आना होगा, क्योंकि इस महीने में यहां बर्फ जमी होती है। झीलों, पहाड़ों के अलावा, यहां पर खिलनमार्ग सैलानियों के लिए एक मुख्य आकर्षण का केंद्र है। यहां दुनिया का सबसे उंचा गोल्फ कोर्स है।
कब जाएं- यहां पर आप मई से सितंबर तक कभी भी जा सकते हैं। गुलमर्ग में एक बहुत ही खूबसूरत गोल्फ कोर्स है। यहां जाने के लिए कई साधन आपको मिल जाएंगे।
शिलांग
भारत के पूर्वोत्तर में बसा शिलांग हमेशा से ही सैलानियों के फेवरेट डेस्टिनेशन में शामिल रहा है। इसे भारत के पूरब का स्कॉटलैंड भी कहा जाता है। पहाड़ियों पर बसा छोटा और खूबसूरत शहर पहले असम की राजधानी था। मानसून के दौरान जब यहां अच्छी बारिश होती है, तो पूरे शहर की खूबसूरती और निखर जाती है। इससे शिलांग के झरने जीवंत हो उठते हैं।
कहां घूमें- शिलांग पीक, वार्डस झील, मीठा झरना, चेरापूंजी, उमियाम जैसी खूबसूरत जगहों पर घूम सकते हैं। इन जगहों पर घूमने पर आपको धरती पर स्वर्ग का एहसास होगा।
कब जाएं- वैसे तो आप मार्च से जून तक किसी भी मौसम में जा सकते हैं, लेकिन बरसात के दिनों में घूमने का एक अलग ही मज़ा है।
जोधपुर
जोधपुर राजस्थान का सबसे बड़ा ट्रैवल प्लेस है। इसे सन सिटी भी कहते हैं। यहां पर आप राजपूतों की थाट-बाट के साथ ही रेगिस्तान के नज़ारे देखने को मिल सकते हैं। जोधपुर को 'थार के प्रवेश द्वार' के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह शहर थार रेगिस्तान की सीमा पर स्थित है। यह शहर 1459 ई. में राठौड़ परिवार के राव जोधा द्वारा स्थापित किया गया था।
क्या देखें- मेहरानगढ़ किला जोधपुर के सबसे लोकप्रिय किलों में से एक है। यह किला मोती महल, फूल महल, शीशा महल और झांकी महल जैसे सुंदर महलों के लिए प्रसिद्ध है। इस किले में आप ज़िप-लाइनिंग एडवेंचर भी कर सकते हैं। यहां पर आप ऊंट की सवारी, हाथी की सवारी, डर्ट बाइकिंग और पहाड़ों पर घूम सकते हैं।
कब जाएं-यहां अक्टूबर से लेकर फरवरी तक किसी भी महीने में आप जा सकते हैं।
औली, उत्तराखंड
औली फोटोज़ से कहीं ज्यादा खूबसूरत जगह है जो पूरी दुनिया में स्कीइंग के लिए मशहूर है। समुद्रतल से 2800 मी की ऊंचाई पर स्थित इस जगह को स्नोफॉल और घने जंगलों के लिए भी जाना जाता है। औली का इतिहास काफी पुराना है। कुछ ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि 8वीं शताब्दी में भी लोग यहां पर्यटन के लिए आया करते थे।
क्या देखें- औली में नेचुरल लेक, नंदप्रयाग स्कींइग, त्रिशूल पर्वत, बुग्याल, भविष्य बद्री, ट्रैकिंग और सैलघर तपोवन जैसी खूबसूरत जगहों पर घूम सकते हैं। इसके अलावा, यहां पर आप सर्दियों में स्कीइंग का भी मज़ा ले सकते हैं।
कब जाएं- अगर आपको स्कीइंग करने के लिए जाना है तो आप सर्दियों के समय में जाएं। वैसे, यहां पर गर्मियों में भी सुहावना मौसम रहता है, लेकिन ज़्यादातर सैलानी सर्दियों के समय में ही आते हैं।
अंडमान
यह भारत की सबसे बड़ी यूनियन टेरेटरी है, जो भारत के दक्षिण में और बंगाल की खाड़ी के बीच है। 8000 वर्ग किमी में फैला यह द्वीप अपने नेचुरल ब्यूटी की वजह की वजह से सैलानियों को यहां वेकेशन मनाने के लिए मजबूर करता है।
क्या देखें- ग्रेट निकोबार, पोर्ट ब्लेयर जैसी जगहों पर आप घूम सकते हैं। यहां आप पहाड़ और समुद्र दोनों का लुत्फ उठा सकते है। इस सबके अलावा आपको यहां पर स्कूबा डाइविंग का भी मौका मिलता है, जिसमें आप पानी के नीचे बसे कई जीव और अन्य प्रकार के पौधे देखते हैं।
कब जाएं- यहां पर गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए जाया जा सकता है। यह आइलैंड कम जनसंख्या वाला है, इसलिए ज़्यादा भीड़ नहीं होती।