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फ्रेंड्स और फैमिली के साथ लॉन्ग वीकेंड एन्जॉय करने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 जगहें

लॉन्ग वीकेंड में फैमिली और फ्रेंड्स के साथ कहीं घूमने-फिरने की कर रहे हैं प्लानिंग तो दिल्ली के आसपास ऐसी कई जगहें हैं जहां एडवेंचर से लेकर वाइल्डलाइफ हर एक जगह को कर सकते हैं एन्जॉय।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Mon, 25 Feb 2019 01:16 PM (IST)Updated: Mon, 25 Feb 2019 01:16 PM (IST)
फ्रेंड्स और फैमिली के साथ लॉन्ग वीकेंड एन्जॉय करने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 जगहें
फ्रेंड्स और फैमिली के साथ लॉन्ग वीकेंड एन्जॉय करने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 जगहें

फैमिली या फिर फ्रेंड्स के साथ काफी वक्त से कहीं घूमने जाने की सोच रहे हैं तो मार्च का पहला हफ्ता रहेगा इसके लिए परफेक्ट, क्योंकि शनिवार, रविवार के अलावा कई जगहों पर सोमवार को शिवरात्रि की छुट्टी भी मिल रही है। ऐसे में आसपास घूमने वाली ऐसी कई जगहें हैं जहां का मौसम भी अब खुशगवार हो चुका है और साथ ही शिवरात्रि के मौके पर यहां के मंदिरों में अलग ही रौनक देखने को मिलेगी। अलग-अलग रोमांच से रूबरू होने के साथ-साथ सैंक्चुअरी, फोर्ट आदि की सैर भी अच्छे ऑप्शन हो सकते हैं। इन जगहों पर एक्सप्लोर करने के लिए काफी चीजें होती हैं। ऐसी जगहों के लिए आपको दिल्ली से बहुत ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है। दिल्ली के आसपास बहुत सारी जगहें हैं, जो फैमिली के साथ क्वालिटी टाइम बिताने के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन हैं।

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कनाताल, उत्तराखंड

चारों तरफ हरियाली से घिरे कनाताल ऐसे लोगों के लिए बेहतरीन जगह है, जो भीड़भाड़ से दूर छुट्टियों का आनंद उठाना पसंद करते हैं। यहां पर्यटकों की उतनी भीड़ नहीं होती, लेकिन प्राकृतिक छटा किसी भी पर्यटन स्थल से कम नहीं है। यह उत्तराखंड में धनौल्टी के पास स्थित है। यह चंबा-मसूरी रोड पर समुद्र तल से करीब 8500 फीट की ऊंचाई पर है। कैंपिंग के लिहाज से भी एक आदर्श स्थल है। यहां से तकरीबन 10 किमी. की दूरी पर सुरकुंडा देवी मंदिर है। यहां से कुछ ही दूरी पर धनौल्टी में ईको पार्क है। एडवेंचर लवर्स यहां से करीब एक किमी. की दूरी पर कोडिया जंगल जा सकते हैं। यहां से टिहरी टैम भी जा सकते हैं, जो धीरे-धीरे पर्यटकों को आकर्षित करने लगा है। यहां पर कई तरह की वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज में भी हिस्सा ले सकते हैं। कनाताल दिल्ली से 300 किमी., मसूरी से 40 किमी. और धनौल्टी से सिर्फ 11 किमी. की दूरी पर है।

लैंसडाउन, उत्तराखंड

लैंसडाउन अच्छा और खूबसूरत हिल स्टेशन है। यह इलाका अल्पाइन और ओक के वृक्षों से घिरा हुआ है। कुदरत का खूबसूरत नजारा आपको जरूर आकर्षित करेगा। समुद्र तल से इस स्थान की ऊंचाई 1700 मीटर है। इस जगह की खोज 1887 में लॉर्ड लैंसडाउन ने की थी। उन्हीं के नाम पर इसका नाम पड़ा। वैसे, इसका इसका वास्तविक नाम कालूडांडा है। दिल्ली-एनसीआर में रहने वालों के लिए यह परफेक्ट वीकेंड गेटवे है। यहां देखने लायक काफी चीजें हैं- भुल्ला ताल एक छोटी झील है, जहां आप बोटिंग का लुत्फ ले सकते हैं। टिफिन टॉप से उगते सूरज का नजारा अलौकिक लगता है। अगर मौसम साफ हुआ, तो बर्फ से ढके पहाड़ों की लंबी श्रृंखला देख सकते हैं। यहां ट्रेकिंग, बाइकिंग, साइक्लिंग, जैसे एडवेंचर के अलावा करीब से पक्षियों को देखना रोमांचित तक सकता है। मुख्य आकर्षण की बात करें, तो गढ़वाल राइफल सेंटर, संतोषी माता मंदिर, रेजिमेंटल म्यूजियम, सेंट मैरी चर्च दर्शनीय स्थल हैं। इस महीने में पर्यटक यहां बर्फबारी का मजा भी ले सकते हैं। लैंसडाउन का नजदीकी रेलवे स्टेशन कोटद्वार है। दिल्ली से कोटद्वार मसूरी और गढ़वाल एक्सप्रेस से पहुंच सकते हैं। जौलीग्रांट यहां का नजदीकी हवाईअड्डा है, जो यहां से करीब 148 किमी. की दूरी पर है। कोटद्वार तक दिल्ली से सीधी बसें भी उपलब्ध है।

जिम कार्बेट नेशनल पार्क, उत्तराखंड

बाघ, हाथी, तेंदुआ जैसे वन्य-जीवों को करीब से निहारने की चाहत रखने वाले प्रकृति प्रेमियों के लिए जिम कार्बेट नेशनल पार्क अच्छी जगह हो सकती है। यह भारत के सबसे पुराने नेशनल पार्क में से एक है। दिल्ली से इसकी दूरी भी बहुत ज्यादा नहीं है। उत्तराखंड के नैनीताल के पास हिमालय की पहाडि़यों पर स्थित इस पार्क की दिल्ली से दूरी करीब 260 किमी. है। रामनगर रेलवे स्टेशन से यह करीब 15 किमी. की दूरी पर है। यह पार्क दुर्लभ वन्य जीवों और वनस्पतियों के लिए मशहूर है। साल 1936 में इसे हैली नेशनल पार्क के रूप में स्थापित किया गया था। 1957 में इस पार्क का नाम बदलकर जिम कार्बेट नेशनल पार्क कर दिया गया। सबसे पहले यहीं पर टाइगर प्रोजेक्ट की शुरुआत 1973 में हुई थी। यही वजह है कि बाघ का दीदार करने वाले प्रकृति प्रेमी यहां खिंचे चले आते हैं। इसके अलावा, हाथी, पैंथर, जंगली बिल्ली, फिशिंग केट्स, हिमालयन केट्स, हिमालयन भालू, स्लोथ बीयर, हिरन, होग हिरन, बार्किग हिरन, घोरल, जंगलीबोर, पैंगोलिन, भेडि़ए आदि देखे जा सकते हैं। कार्बेट में पक्षियों की सैकड़ों प्रजातियां पाई जाती हैं। वाइल्डलाइफ सफारी के लिए अलग-अलग जोन भी बनाए गए हैं, जैसे-बीजरानी, झिरना, ढेला, धिकाला, दुर्गा देवी और सिताबनी बफर जोन हैं।

रणथंभौर, राजस्थान

रणथंभौर नेशनल पार्क पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। यहां पर्यटक वन्य-जीवों को प्राकृतिक माहौल में देखकर काफी रोमांचित होते हैं। यह फैमिली के साथ घूमने के लिए बढि़या जगह है। यह देश के बेहतरीन टाइगर रिजर्व में से एक है। यह अरावली और विंध्य की पहाडि़यों में फैला है। बाघ के अलावा यहां चीते भी रहते हैं। यह चीते पार्क के बाहरी हिस्से में अधिक पाए जाते हैं। इन्हें देखने के लिए कचीदा घाटी सबसे उपयुक्त जगह है। बाघ और चीतों के अलावा सांभर, चीतल, जंगली सूअर, चिंकारा, हिरन, सियार, तेंदुए, जंगली बिल्ली और लोमड़ी भी पाई जाती है। इसके अलावा, पक्षियों की लगभग 264 प्रजातियां भी देखी जा सकती हैं। पार्क के अंदर महत्वपूर्ण भौगोलिक विशेषता यहां की विशाल दीवार है। इसके दक्षिण में चंबल नदी और नेशनल पार्क के उत्तर में बानस नदी है। सबसे अच्छी बात है कि आपको रुकने के लिए इसके आसपास ही होटल भी मिल जाएंगे। पार्क कोटा रेलवे स्टेशन के काफी नजदीक है और जयपुर से दक्षिण-उत्तर करीब 140 किमी. की दूरी पर है। यहां पहुंचना आसान है। जयपुर सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है।

रानीखेत, उत्तराखंड

देवदार के पड़ों से घिरे उत्तराखंड के हिल स्टेशन रानीखेत का प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है। रानीखेत में फौजी छावनी भी है, जो गोल्फ प्रेमियों के लिए एक सुंदर पार्क भी है। रानीखेत आने वाले ज्यादातर टूरिस्ट सिर्फ घूमने नहीं, बल्कि कुछ समय यहां बिताने के लिए भी आते हैं। यह शांति और सुकून की चाह रखने वाले पर्यटकों के लिए लोकप्रिय स्थल है। कुमांऊ की पहाडि़यों के बीच पैराग्लाइडिंग करना एक अलग ही आनंद देता है। यहां चौबटिया पार्क, गोल्फ कोर्स, झूला देवी मंदिर और राम मंदिर, बिनसर महादेव, हेड़ा खान मंदिर आदि बहुत मशहूर जगहें हैं। गोल्फ कोर्स रानीखेत का सबसे बड़ा आकर्षण है। इसके अलावा, यहां आप घंटियों वाला मां दुर्गा के मंदिर जा सकते हैं, जहां लोग मन्नत पूरी होने पर छोटी-बड़ी घंटियां चढ़ाते हैं। यहां बंधी हजारों घंटियां देख कर कोई भी अभिभूत हो सकता है। यहां का नजदीकी एयरपोर्ट पंतनगर है, जो रानीखेत से 120 किमी. दूर है। नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो यहां से 80 किमी. की दूरी पर है। सड़क मार्ग से रानीखेत की दिल्ली से दूरी करीब 350 किमी. है।


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