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लंदन के बकिंघम पैलेस से चार गुना बड़ा है वडोदरा का लक्ष्मी विलास पैलेस

लक्ष्मी विलास पैलेस इंडो सरैसेनिक रिवाइवल आर्किटेक्चर में बनी एक ऐसी संरचना है, जिसका शुमार दुनिया के आलीशान महलों में किया जाता है। इसलिए इसे एक बार तो देखना बनता है।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 04:01 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 06:00 AM (IST)
लंदन के बकिंघम पैलेस से चार गुना बड़ा है वडोदरा का लक्ष्मी विलास पैलेस
लंदन के बकिंघम पैलेस से चार गुना बड़ा है वडोदरा का लक्ष्मी विलास पैलेस

लक्ष्मी विलास पैलेस को अगर वडोदरा की पहचान कहा जाए तो गलत नहीं होगा। सूर्यास्त के सुनहरे उजाले में डूबा यह भव्य महल अपने राजसी वैभव की पहचान बरकरार रखे जहन में उभर आता है। इस शानदार पैलेस का निर्माण 1890 में महाराजा सयाजीराव गयकवाड़ ने करवाया था।

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लक्ष्मी विलास पैलेस की बनावट

इस पैलेस का डिज़ाइन बनाने की जिम्मेदारी अंग्रेज आर्किटेक्ट चा‌र्ल्स मंट को दी गई थी। लक्ष्मी विलास पैलेस इंडो सरैसेनिक रिवाइवल आर्किटेक्चर में बनी एक ऐसी संरचना है, जिसका शुमार दुनिया के आलीशान महलों में किया जाता है। इस विशाल पैलेस की नींव 1880 में रखी गई थी और इसका निर्माण कार्य 1890 में पूरा हुआ था। इस महल की संरचना में राजस्थानी, इस्लामिक और विक्टोरियन आर्किटेक्चर का अनोखा संगम देखने को मिलता है। इसलिए बाहर से देखने में इस महल के गुंबदों में कहीं मंदिर तो कहीं मस्जिद तो कहीं गुरुद्वारे के गुंबद नजर आते हैं। वहीं नजदीक ही चर्च की बुर्जनुमा संरचना भी दिखाई देती है। दरअसल, गायकवाड़ राजवंश मूल रूप से मराठा हैं, इसलिए इनके द्वारा बनवाए गए भवनों में मराठी वास्तुकला के नमूने जैसे तोरण, झरोखे, जालियां आदि देखने को मिलती हैं। महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय गायकवाड़ राजवंश के अति प्रतापी राजा थे उनके राज में बड़ौदा रियासत का कायाकल्प हुआ। यह महल अपने आप में गयकवाड़ राजवंश की बहुमूल्य वस्तुओं का संग्रहालय है। यहां पर एक दरबार हॉल है, जिसमें राजा रवि वर्मा द्वारा बनाए गए बेशकीमती चित्र लगे हुए हैं। इन चित्रों को बनाने के लिए राजा रवि वर्मा ने पूरे देश की यात्रा की थी।

लक्ष्मी विलास पैलेस घूमने से पहले जान लें ये बातें

लक्ष्मी विलास पैलेस में तस्वीरें क्लिक करना मना है। यह एक प्राइवेट पैलेस है, जिसे देखने के लिए 150 रूपए का टिकट लगता है। 700 एकड़ में फैला ये महल बंकिघम पैलेस से चार गुना बड़ा है। और सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस है। ये भारत में अभी तक का बना सबसे बड़ा पैलेस है जिसके अंदर और भी कई बिल्डिंग जैसे मोती बाग पैलेस, माकरपुरा पैलेस, प्रताप विलास पैलेस और महाराजा फतेह सिंह म्यूजियम भी है।

पैलेस घूमने के लिए टिकट

महल की खूबसूरती देखने के लिए आपको टिकट रखीदनी पड़ेगी। 200 रूपए की टिकट लेकर आप महल का ऑडियो टूर कर सकते हैं।

पैलेस घूमने का वक्त

सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक आप पैलेस घूम सकते हैं।  


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