भारत के सबसे पुराने और खूबसूरत किलों में शामिल है कोरलाई फोर्ट
अरब सागर के तट पर बसे कोरलाई के किले में आकर आप समुद्री खूबसूरती को भी एन्जॉय कर सकते हैं। कहा जाता है किले में 7000 घोड़े और उतने ही सैनिक रह सकते थे।
महाराष्ट्र में घूमने-फिरने वाली जगहों की भरमार है। ट्रैकिंग, एडवेंचर, मंदिर, महलों के अलावा टूरिस्टों की एक भीड़ किले घूमने के लिए भी लगती है। अरब सागर के तट पर बसे कोरलाई के किले में आकर आप समुद्री खूबसूरती को भी एन्जॉय कर सकते हैं। कहा जाता है किले में 7000 घोड़े और उतने ही सैनिक रह सकते थे।
कोरलाई का मशहूर किला
महाराष्ट्र के प्राचीन किलों में शामिल कोरलाई किले को सन् 1521 में पुर्तगालियों ने बनवाया था। किले को बनाने का मकसद आक्रमणकारियों से अपनी और अपने क्षेत्र की रक्षा करना था। कोरलाई किला एक छोटी पहाड़ी पर बना है जिसकी खूबसूरती बढ़ाने का काम करते हैं आसपास फैली हरियाली। यह उस समय के सबसे मजबूत और विशाल किलों में से एक था जिसे आज भी उसके अवशेषों में देखा जा सकता है। पुर्तगालियों का क्षेत्र कोरलाई से वसई तक फैला हुआ था। वैसे ये अहमदनगर सल्तनत के अधीन था लेकिन पुर्तगाली हमेशा से ही इस पर कब्जा करना चाहते थे। 1594 में पुर्तगालियों में पूरी तरह से इस जगह पर कब्जा कर लिया लेकिन सेना की कमी की वजह से वह इस जगह की संभाल नहीं सके तो उन्होंने इसे बर्बाद कर दिया।
आसपास घूमने वाली जगहें
अलीबाग बीच, अलीबाग फोर्ट, नागौन बीच और कनेश्वर मंदिर भी यहां घूमने वाली अच्छी जगहें हैं। करनाला बर्ड सेंचुरी यहां से 70 किमी दूर है। कुंडलिका आकर आप रॉफ्टिंग का मजा ले सकते हैं।
आने का सही समय- सितंबर से लेकर फरवरी तक का महीना यहां आने के लिए बेस्ट है।
कैसे पहुंचे
फ्लाइट से- कोरलाई फोर्ट पहुंचने लिए मुंबई नज़दीकी एयरपोर्ट है।
ट्रेन से- पेन यहां का सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है।
सड़क से- मुंबई से अलीबाग की दूरी लगभग 100 किमी है। जहां के लिए ढ़ेरों बसें अवेलेबल हैं। वैसे आप गेटवे ऑफ इंडिया से फेरी द्वारा भी अलीबाग तक पहुंच सकते हैं।