Move to Jagran APP

जानें, नानेघाट रिवर्स वॉटरफॉल कहां है और क्या है इससे जुड़े अनसुलझे रहस्य

यह रिवर्स वॉटरफॉल महाराष्ट्र राज्य में स्थित है जो कोंकण समुद्र तट और जुन्नार नगर के बीच है। पुणे से इसकी दूरी तकरीबन 150 किलोमीटर है। जबकि मुंबई से इसकी दूरी 120 किलोमीटर है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 02:40 PM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 02:40 PM (IST)
जानें, नानेघाट रिवर्स वॉटरफॉल कहां है और क्या है इससे जुड़े अनसुलझे रहस्य
जानें, नानेघाट रिवर्स वॉटरफॉल कहां है और क्या है इससे जुड़े अनसुलझे रहस्य

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। मुंबई फिल्म सिटी के नाम से पूरी दुनिया में मशहूर है। जबकि इसके आस पास भी कई ऐसी जगह हैं, जो अपनी रहस्यों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इनमें एक स्थान नानेघाट है, जो रिवर्स वॉटरफॉल के लिए जाना जाता है। यह घाट रिवर्स वॉटरफॉल के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। खासकर बरसात के मौसम में इसकी खूबसूरती देखने लायक होती है। बड़ी संख्या में लोग रिवर्स वॉटरफॉल देखने आते हैं। अगर आपको इस वॉटरफॉल के बारे में नहीं पता है, तो आइए जानते हैं-

loksabha election banner

नानेघाट रिवर्स वॉटरफॉल कहां है

यह रिवर्स वॉटरफॉल महाराष्ट्र राज्य में स्थित है, जो कोंकण समुद्र तट और जुन्नार नगर के बीच है। पुणे से इसकी दूरी तकरीबन 150 किलोमीटर है। जबकि मुंबई से इसकी दूरी 120 किलोमीटर है। इसे कई नामों से जाना जाता है। कुछ लोग इसे नानेघाट कहते हैं, तो कुछ लोग इसे नाना घाट कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस नगर की स्थापना सातवाहन वंश ने की है, क्योंकि नानाघाट की गुफा में ब्राही और संस्कृत भाषा में अभिलेख लिखित है। इस अभिलेख में सातवाहन वंश के बारे में वर्णन है। जबकि गिनती की संख्या भी लिखी गई हैं।

नानेघाट रिवर्स वॉटरफॉल से जुड़े तथ्य

अक्सर ऐसा देखा जाता है कि जब ऊंचाई पर कोई वस्तु फेंकी जाती है, तो वह गुरुत्वाकर्षण की वजह से नीचे धरती पर आ जाती है। वॉटरफॉल भी गुरुत्वाकर्षण के नियमों का पालन करता है। हालांकि, नानेघाट जलप्रपात गुरुत्वाकर्षण के अधीन नहीं है, बल्कि गुरुत्वाकर्षण के नियमों के विपरीत काम करता है।

घाट की ऊंचाई से झरना नीचे गिरने के बजाय ऊपर आ जाता है। इस दृश्य को देख आप दंग रह जाएंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है ? नानाघाट में पानी नीचे गिरने के ऊपर आज जाता है। इस बारे में विज्ञान का कहना है कि नानाघाट में हवा बेहद तेज़ चलती है। इस वजह से जब वाटरफॉल नीचे गिरता है तो वह हवा के चलते उड़कर ऊपर आ जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.