किंग जॉर्ज के नाम पर शुरू हुआ पुणे का ‘जॉर्ज रेस्टोरेंट’ कैसे भारतीयों के दिल में बसा, ‘खाने के किस्से-कहानियां’ सीरीज का 9वां एपिसोड
इस ईरानी रेस्टोरेंट का नाम उस वक्त के किंग जॉर्ज के नाम पर रखा गया था
क्या आप खाने-पीने के शौकीन हैं, तो आप अपने पसंद का जायका तलाशने के लिए किसी दूर की जगह जाने में भी परहेज नहीं करते होंगे. जैसे, दिल्ली और आसपास के लोग सर्दियों में स्पेशल परांठों का स्वाद चखने के लिए हरियाणा के मुरथल में निकल पड़ते हैं.
चलिए, आज हम आपको ‘खाने के किस्से-कहानियां’ सीरीज के नौवें एपिसोड में ले चलते हैं पुणे के मशहूर जॉर्ज रेस्टोरेंट में.
‘खाने के किस्से कहानियां’ जो आपको इनकी पहचान से रू-ब-रू करवाएंगी
‘जागरण डॉट कॉम’ लेकर आया है स्वाद की दुनिया से ऐसी ही कहानियां जिन्हें देखकर आप कह उठेंगे ‘वाह’. दैनिक जागरण के फेसबुक पेज पर शुरू ‘खाने के किस्से कहानियां’ सीरीज में आप देख पाएंगे इंडिया के अलग-अलग शहरों के आइकनिक रेस्तरां और उनकी कहानी. जिनकी फेमस डिशेज व खाने के स्वाद ने बरसों बाद भी लोगों को अपना बना रखा है.
‘खाने के किस्से कहानियां’ सीरीज के नौवें एपिसोड में हम आपको ले चलेंगे ‘जॉर्ज रेस्टोरेंट के जायकेदार’ सफर पर.
किंग जॉर्ज के नाम पर 1936 पर शुरू हुआ था जॉर्ज रेस्टोरेंट
जॉर्ज रेस्टोरेंट की शुरुआत हुई 1936 में. इस ईरानी रेस्टोरेंट का नाम उस वक्त के किंग जॉर्ज के नाम पर रखा गया था. शुरुआत में ब्रिटिश सोल्जर यहां के जायकों को चखने आते थे. आजादी के बाद धीरे-धीरे जॉर्ज का जायका भारतीयों के पास पहुंचा और यहां की ज्यादातर रेसिपी लोगों के बीच मशहूर हो गई.