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Kedarnath-Badrinath Yatra: पहली बार जा रहे हैं केदारनाथ-बद्रीनाथ की यात्रा पर, तो भूलकर भी न करें ये गलतियां

Kedarnath-Badrinath Yatra केदारनाथ और बद्रीनाथ हिंदू भक्तों और तीर्थयात्रियों के लिए सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक हैं। चार धाम यात्रा की जब बात आती है तो इसमें केदारनाथ और बद्रीनाथ के अलावा यमुनोत्री और गंगोत्री भी शामिल हो जाते हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Tue, 07 Jun 2022 09:00 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jun 2022 09:45 AM (IST)
Kedarnath-Badrinath Yatra: पहली बार जा रहे हैं केदारनाथ-बद्रीनाथ की यात्रा पर, तो भूलकर भी न करें ये गलतियां
Kedarnath-Badrinath Yatra: पहली बार जा रहे हैं केदारनाथ-बद्रीनाथ की यात्रा पर?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Kedarnath-Badrinath Yatra: हिमालय में ऊंचाई पर स्थित, केदारनाथ और बद्रीनाथ के पवित्र स्थलों में साल भर ठंड का मौसम रहता है। सर्दियां बेहद ठंडी और कठोर होती हैं, जहां तापमान शून्य तक पहुंच जाता है। वहीं, मानसून के महीनों में, जुलाई से अगस्त तक, भारी बारिश होती है, जिससे सड़के भी ब्लॉक हो जाती हैं। मई-जून के महीनों में तापमान 17 डिग्री तक रहता है, जिसकी वजह से यह समय केदारनाथ और बद्रीनाथ जाने के लिए बेस्ट है। अगर आप पहली बार इस यात्रा पर जा रहे हैं, तो सुरक्षित यात्रा के लिए इन 9 बातों का ध्यान ज़रूर रखें ताकि आपसे ऐसी कोई गलती न हो जिसके लिए आप बाद में पछताएं।

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1. ट्रेवल एजेंसी की मदद लें

केदारनाथ और बद्रीनाथ की तीर्थयात्रा संकरी और खतरनाक हिमालयी सड़कों, बदलने वाले मौसम और उबड़-खाबड़ रास्तों से भरी है। श्री केदारनाथ और श्री बद्रीनाथ के दर्शन सुरक्षित, परेशानी मुक्त और आध्यात्मिक रूप से ज्ञानवर्धक रहें, यह सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका है कि एक प्रतिष्ठित और भरोसेमंद टूर ऑपरेटर या ट्रैवल एजेंसी के माध्यम से अपनी यात्रा की योजना बनाएं।

2. गर्म कपड़े साथ ले जाएं

केदारनाथ और बद्रीनाथ, दोनों ही काफी ठंडी जगहें हैं, जहां साल भी तापमान काफी ठंडा रहता है। इसलिए बेहतर है कि स्वेटर, जैकेट, थर्मल, विंडचीटर, विंटर कैप, सर्दी के हिसाब से फुटवियर और ग्लव्ज़ साथ रखें। ऐसी कठोर सर्दियों की परिस्थितियों में हाइपोथर्मिया हो सकता है। इसलिए सभी तीर्थयात्रियों को गर्म कपड़ों की लेयर पहनने की सलाह दी जाती है। क्योंकि पहाड़ों का मौसम पल-पल में बदल सकता है, इसलिए कम्बल, छाते, रेनकोट्स और टॉर्च भी साथ रखें।

3. दवाइयां साथ रखें

केदारनाथ और बद्रीनाथ का रास्ता काफी लंबा है। पहाड़ी रास्ते भी सीधे नहीं होते, ऐसे में आपको चक्कर या मतली जैसा महसूस हो सकता है। इतनी ऊंचाई पर एक्यूट माउनटेन सिक्नेस (AMS) होना भी आम है। एएमएस के लक्षणों में- सिर दर्द, चक्कर आना, पेट दर्द, सांस लेने में दिक्कत और कमज़ोरी शामिल है। ऐसे में अच्छा होगा अगर आप साथ में दवाइयां भी कैरी कर ले जाएं। जिसमें पेनकिलर, एंटीबायोटिक, खांसी की दवा, एंटीसेप्टिक क्रीम और जेल, आयोडीन और सर्दी व बुखार की दवाइयां शामिल हैं।

4. ड्राई फूड और पानी साथ रखें

केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा लंबी और शारीरिक रूप से थकाऊ है। यह सलाह दी जाती है कि कभी भी भोजन न छोड़ें या लंबे समय तक भूखे न रहें, क्योंकि इससे AMS के लक्षण बढ़ सकते हैं और आप अस्वस्थ महसूस कर सकते हैं। तीर्थ स्थलों की ओर जाने वाले रास्ते पर बने कई फूड स्टॉल्स और ढाबों से आप खाना खरीद सकते हैं। मूंगफली, खजूर, चॉकलेट और एनर्जी बार जैसे खाने के छोटे पैकेट्स अपने साथ हमेशा कैरी करें। इसके अलावा पानी के बोतल भी साथ रखें।

5. कैमरों के लिए अतिरिक्त बैटरीज़, डायरी और मोबाइल के लिए पॉवर बैंक रखें

केदारनाथ और बद्रीनाथ की अपनी यात्रा के दौरान हर समय उचित मोबाइल फोन नेटवर्क प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। वहां बिजली भी काफी जाती है और लंबे समय के लिए जाती है। इसलिए बेहतर है कि एक्सट्रा बैटरीज़ और पॉवर बैंक साथ रखें। इसके अलावा साथ डायरी ले जाएं, ताकि ज़रूरी चीज़ों को नोट किया जा सके। जैसे एमरजेंसी के लिए गाइड का फोन नम्बर, नज़दीक के पुलिस स्टेशन, दोस्तों और परिवार के सदस्यों का नम्बर।

6. तीर्थयात्रा पर जाने से पहले खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करें

केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से चुनौतीपूर्ण है। ऐसी सलाह दी जाती है कि भक्त यात्रा से कम से कम एक महीने पहले तैयारी शुरू कर दें। हल्की जॉगिंग, ब्रिस्क वॉकिंग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज सभी को करनी चाहिए। इसके अलावा अपने दिमाग़ को शांत करने और बेहतर एकाग्रता शक्ति के लिए योग और ध्यान की सलाह दी जाती है। केदारनाथ यात्रा पर जाते समय आपको एक मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट भी प्रस्तुत करना होता है। इसे गुप्तकाशी या सोनप्रयाग से प्राप्त किया जा सकता है।

7. अपने कैश ज़रूर ले जाएं

केदारनाथ और बद्रीनाथ के रास्ते में जितने भी होटल, रेस्टॉरेंट, कैफे या ईटिंग जॉइंट्स पड़ते हैं, उन सभी में डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया जाता, इसलिए बेहतर है कैश अपने साथ ले जाएं।

8. यात्रा पूरी करने में कितने दिन लगते हैं

दिल्ली से केदारनाथ-बद्रीनाथ की यात्रा के लिए आपको 7 से 8 दिन लगेंगे। अगर आप हरिद्वार से यात्रा कर रहे हैं, तो 5-6 दिन लगेंगे।

9. होटल की बुकिंग पहले से करके रखें

चार धाम की यात्रा लाखों भक्त हर साल करते हैं। इसलिए वहां जाने की तैयारी है, तो होटल की बुकिंग भी पहले से करा लें ताकि वहां पहुंचकर दिक्कत न हो।


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