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खाने-पीने के हैं शौकीन तो इंदौर के '56 दुकान' आएं, यहां मिलता है सबसे हेल्दी और टेस्टी फूड

इंदौर में खाने-पीने के लिए मशहूर 56 दुकान को मिला है क्लीन स्ट्रीट फूड हब का अवॉर्ड। मतलब टेस्ट ही नहीं हेल्थ के मामले में भी ये जगह है परफेक्ट।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Mon, 25 Feb 2019 12:13 PM (IST)Updated: Mon, 25 Feb 2019 12:13 PM (IST)
खाने-पीने के हैं शौकीन तो इंदौर के '56 दुकान' आएं, यहां मिलता है सबसे हेल्दी और टेस्टी फूड
खाने-पीने के हैं शौकीन तो इंदौर के '56 दुकान' आएं, यहां मिलता है सबसे हेल्दी और टेस्टी फूड

खाने-पीने के शौकीन हैं, तो इंदौर चले आइए। यहां का क्लीन स्ट्रीट फूड हब इसके लिए बेहतरीन जगह है। देशभर में दूसरे नंबर पर सबसे स्वच्छ दुकानें और सबसे हेल्दी खाना इंदौर की 56 दुकानों पर मिल रहा है। भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने इन दुकानों को 'क्लीन स्ट्रीट फूड हब' घोषित किया है। इससे पहले अहमदाबाद की कांकरिया झील को अक्टूबर 2018 में देश का पहला 'क्लीन स्ट्रीट फूड हब' का अवॉर्ड मिला था। इंदौर को यह अवॉर्ड इस आधार पर दिया गया है कि यहां मिलने वाली सभी खाद्य सामग्री साफ-स्वच्छ व हेल्दी है। दुकानों के संचालक व कर्मचारियों को मेडिकल सर्टिफिकेट दिया गया है। इसके अंतर्गत उनके नाखून कटे हों व खाना दास्ताने पहनकर परोसा जाए। खाने में बाल न गिरे, इसलिए सिर पर कैप और कपड़े भी साफ पहनने पड़ते हैं। इन दुकानों पर फूड एंड सेफ्टी की गाइड लाइन का बोर्ड भी लगा हुआ है।

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ऐसे हुई थी शुरुआत

56 दुकानों की शुरुआत 1978 में हुई थी। नगर निगम ने इसे श्री मार्केट नाम दिया था। शुरुआत तीन दुकानों से हुई, धीरे-धीरे यहां भीड़ बढ़ी तो अन्य लोगों ने भी दुकानें खरीद लीं और सभी 56 दुकानें बुक हो गईं। इन दुकानों पर खाने को लेकर कई नए प्रयोग किए जाते, जब हॉट डॉग का लोग नाम भी नहीं जानते थे, तब लोग यहां खाने आते थे। एक पान दुकान संचालक दुबई से पान लाकर यहां बेचते थे। धीरे-धीरे चाट, साउथ इंडियन खाने की शुरुआत हुई। 1994 से इसे और भी प्राथमिकता मिली। नाम इतना बढ़ा कि जब भी कोई बड़ी हस्ती शहर में आती है, तो वह 56 दुकान जरूर आती है।

क्या है 'क्लीन स्ट्रीट फूड हब'

देश में स्ट्रीट फूड को लेकर साफ-सफाई बरतने और विरासत को सहेजने की एक मुहिम चलाई गई है। इसका लक्ष्य स्ट्रीट फूड कॉन्सेप्ट में जरूरी बदलाव लाना है जिससे देश और विदेश के टूरिस्ट भी ऐसे फूड को एन्जॉय कर सकें। भारतीय फूड को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिल सके। इसके अंतर्गत एफएसएसएआई (FSSAI) के स्ट्रीट फूड वेंडर्स फूड गाइड लाइन का पालन करें। इसके अलावा, समय-समय पर स्टेट फूड रेग्युलेटर अथॉरिटी भी निरीक्षण करती है जिससे इनकी क्वालिटी और साफ-सफाई में लापरवाही न हो।

संचालकों/कर्मचारियों को मेडिकल सर्टिफिकेट

56 दुकान पर काम करने वाले सभी दुकान संचालक व कर्मचारियों को मेडिकल सर्टिफिकेट दिया गया है। यह सर्टिफिकेट उनकी शारीरिक जांच, नाखून व चर्म रोग या अन्य बीमारी का परीक्षण करने के बाद दिया गया है। साथ ही, इन्हें खाना परोसने व स्वच्छता बनाए रखने के लिए क्या सावधानियां बरतनी होंगी, इसके लिए आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया।

 

इन बिंदुओं पर हुआ ऑडिट

'क्लीन स्ट्रीट फूड हब' के ऑडिट के लिए कुछ पैमाने तय किए गए हैं। कचरे का निस्तारण, साफ-सफाई का ध्यान, कुकिंग और नॉन कुकिंग एरिया का निर्धारण करना, स्ट्रीट लाइट, पेस्ट कंट्रोल और आसपास सफाई का स्तर क्या है, जैसे पहलुओं के आधार पर यह दर्जा दिया गया है। 56 दुकान की सभी दुकानों के शेफ, कर्मचारी एक जैसी यूनिफॉर्म में नजर आ रहे हैं। यहां मिलने वाली खाद्य वस्तुएं सिर्फ आरओ के पानी में ही पकाई जा रही हैं, जिससे लोगों को किसी प्रकार की बीमारी न हो। हर दुकान के बाहर एक जैसे खाद्य सुरक्षा और स्टैंडर्ड की जानकारी देने वाले बोर्ड लगाए गए हैं। दुकानों के किचन में भी खाद्य सुरक्षा के सभी नियम लागू किए गए हैं। वहीं दुकानदारों और कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी गई है। केंद्र की तरफ से आने वाली टीम के ऑडिट के बाद इसकी रिपोर्ट के आधार पर ही 56 दुकान को 'क्लीन स्ट्रीट फूड हब' का दर्जा मिला है।


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