भारत का पहला स्मार्ट ग्रीन हाइवे, जानिए क्या है इसकी खासियत
इस हाइवे में ट्रैवलर्स की सेफ्टी के लिए ओवरस्पीड चेकिंग सिस्टम, पेवमेंट मैनेजमेंट सिस्टम एंड फायबर ऑप्टिक नेटवर्क का भी इंतजाम किया गया है.
भारत का पहला स्मार्ट ग्रीन हाइवे इस महीने तक आपके इस्तेमाल के लिए खुल जाएगा. भारत के इस पहले स्मार्ट और ग्रीन हाइवें को ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए बनाया गया है. इस पुल को बनाने के लिए 11, 000 करोड़ रुपए तक खर्चा किया गया है. भारत के राजधानी में बने ‘ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे हाइवे’ को बनाने में इस ग्रीन हाइवे में 5 लाख टन सीमेंट और एक लाख टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है. इस सड़क में ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम और वीडियो इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम (VIDS) जैसी सुविधा मौजूद है.
ये है इसकी खासियत
इस हाइवे के निर्माण में ग्रीनरी का खास ख्याल रखा गया है. इस हाइवे को बनाने के लिए सरकार ने 910 दिन का समय दिया था लेकिन इस हाइवे को 500 दिन के रिकार्ड टाइम में पूरा कर दिया गया. इस ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे हाइवे पर से करीब 2 लाख वाहनों को राजधानी दिल्ली से डायवर्ट किया जाएगा.
इस हाइवे के किनारे पेट्रोल पंप, रेस्ट एरिया, होटल, रेस्टोरेंट, दुकान और रिपेयर सर्विस जैसी सुविधाओं का भी ख्याल रखा गया है. इसके अलावा यहां 500 मीटर पर रेनवाटर हार्वेस्टिंग जोन भी होगा, जोकि एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ बनाया गया है. इस हाइवे की खूबसूरती बढ़ाने के लिए इसके दोनों तरफ 28 फाउंटेन भी लगाए गए हैं.
इस हाइवे में ट्रैवलर्स की सेफ्टी के लिए ओवरस्पीड चेकिंग सिस्टम, पेवमेंट मैनेजमेंट सिस्टम एंड फायबर ऑप्टिक नेटवर्क का भी इंतजाम किया गया है. इसके अलावा यह देश का पहला ऐसा हाइवे है, जिसमें 8 सोलर पावर प्लांट लगे होंगे. 135 किमी लंबी इस सड़क पर खूबसूरत लाइटिंग सिस्टम, दोनों तरफ 2.5 साइकिल ट्रैक और 1.5 मी, के फुटपाथ की व्यवस्था भी की गई है. पीएम् मोदी 15 अप्रैल को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करेंगे. इसके बाद इसे अधिकारिक रूप से सभी के लिए खोल दिया जाएगा.