Move to Jagran APP

आम खाने के शौकीन हैं तो लखनऊ घूमने का है एक और बहाना, मैंगो फेस्टिवल 18 जून से शुरू

लखनऊ में 17 जून से मैंगो फेस्टिवल होने जा रहा है।

By Pratima JaiswalEdited By: Published: Tue, 05 Jun 2018 12:21 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jun 2018 12:22 PM (IST)
आम खाने के शौकीन हैं तो लखनऊ घूमने का है एक और बहाना, मैंगो फेस्टिवल 18 जून से शुरू
आम खाने के शौकीन हैं तो लखनऊ घूमने का है एक और बहाना, मैंगो फेस्टिवल 18 जून से शुरू

 गर्मियां आते ही आ जाता है आम का मौसम। ऐसे में आम के शौकीनों को तरह-तरह के आम चखने में बहुत मजा आता है। वहीं अगर आप आम का जायका किसी जगह घूमकर वहां की खासियत के साथ लें, तो आपका मजा और भी दुगुना हो जाता है। 

prime article banner

लखनऊ में 17 जून से मैंगो फेस्टिवल होने जा रहा है। इस छठे मैंगो फेस्टिवल में आप बगीचों की सैर, कल्चरल इवेंट, किसान बाजार जैसे कार्यक्रमों का लुफ्त उठा सकते हैं। तीन दिनों तक चलने वाले इस फेस्टिवल में एक ज्ञानेंद्र मिश्रा पार्क में एक सेमिनार भी लगाया जाएगा। 17 जून को मैंगो लंच (ऑचार्ड मलीहाबाद) और 23 और 24 जून को लखनऊ के ही इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मैंगो फेस्टिवल शुरू होगा। इस इंवेट में शिरकत के अलावा आप लखनऊ की खूबसूरत जगहों पर भी घूम सकते हैं। 

फिरंगी चौक

लखनऊ में विक्टो रिया रोड़ और चौक के बीच में स्थित है। यह चौक यूरोपियन लोगों के कब्जेे में था जिन्हेो फिरंगी कहा जाता था और इसी कारण इसे फिरंगी चौक के नाम से जाना जाता है। यहां आपको खाने-पीने के कई ऑप्शन मिल जाएंगे

1857 मेमोरियल म्यूंजियम

 भारत की आजादी की लड़ाई में लोगों की भागीदारी की झलक दिखाता है। यहां आकर संग्रहालय में देखने से पता चलता है कि गुलामी के दिनों में लखनऊ के निवासियों ने आजादी की पहली लड़ाई में कितनी अह्म भूमिका निभाई थी। आप यहां लखनऊ के इतिहास खासतौर पर आजादी से पहले के लखनऊ के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं। 

शाह नजफ इमामबाड़ा

लखनऊ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थईलों में से एक है। इस स्मापरक को नवाब गाजी- उद- दीन हैदर के द्वारा बनवाया गया था, जो अवध के पाचंवे नवाब थे और 1816-17 में उनके मृत शरीर को यही दफन कर दिया गया था।

ऐतिहासिक कहानियों से प्यार है, तो एक बार तो आपको इमामबाड़ा में जरूर घूमना चाहिए। 

 

मोती महल

देश भर में कई मोती महल हैं। इनमें से कई रेस्टोीरेंट और होटल है लेकिन लखनऊ का मोती महल अवध के नवाब का निवास स्थासन था। मोती महल का शाब्दिक अर्थ होता है - पर्ल पैलेस। मोती महल, लखनऊ में राना प्रताप मार्ग पर गोमती नदी के तट पर स्थित है जो हजरतगंज इलाके के काफी पास है। 

छोटा इमामबाड़ा या छोटा श्राइन

लखनऊ में स्थित एक भव्य  स्मातरक है। इसे हुसैनाबाद इमामबाड़ा भी कहा जाता है। इस इमामबाड़ा को 1838 में मोहम्मैद अली शाह के द्वारा बनवाया गया था, जो अवध के तीसरे नवाब थे। यह इमामबाड़ा, लखनऊ के पुराने क्षेत्र चौक के पास में ही स्थित है।

बड़ा इमामबाड़ा

इसे आसिफ इमामबाड़ा के नाम से भी जाना जाता है क्योंसकि इसे 1783 में लखनऊ के नबाव आसफ-उद-दौला द्वारा बनवाया गया था। एक परिसर में एक श्राइन, एक भूलभूलैया - यानि भंवरजाल, एक बावड़ी या सीढियोंदार कुआं और नबाव की कब्र भी है जो एक मंडपनुमा आकृति का है। 

इसके अलावा भी लखनऊ में घूमने के लिए रोटी बाजार, रूमी दरवाजा, कुकरैल वन रिजर्व, दिलकुशा कोठी जैसी कई जगहें हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.