खतरों के हैं खिलाड़ी और पसंद हैं रोमांच तो जाएं अवलाबेत्ता पहाड़ी
बेंगलुरु से 90 किमी दूर अवलाबेत्ता पहाड़ी का नजारा ही कुछ अलग है। यह जगह जितनी खूबसूरत है उतनी ही खतरनाक भी...
अवलाबेत्ता किला :
अवलाबेत्ता मुख्य तौर से अपने किले को लेकर जाना जता है। कर्नाटक के चिकबल्लापुर जिले में स्थिल अलबेत्ता किला देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। यह जगह रोमांच से भरी है। यहां ऊंचे-नीचे पहाड़ और चोटी भी हैं। जहां आप ट्रैकिंग कर सकते हैं। अगर आप शिमला या नैनीताल से ऊब चुके हैं, तो अलबेत्ता की सैर आपको रोमांचित कर सकती है। इस किले के ऊपर से आपको नीचे बसा पूरा शहर दिखाई देगा। वहीं दूर-दूर तक पहाड़ और हरियाली आपका मन मोह लेंगे।
झील करती है आकर्षित :
अवलाबेत्ता की एक और खासियत है, वो है यहां पहाड़ी पर बनी झील। यह छोटी सी झील काफी सुकून देती है। आप चोटी पर बैठकर झील को निहार सकते हैं। झील का पानी हरा है। अधिक ऊंचाई पर बना होने के कारण झील का पानी काफी ठंडा रहता है।
देवी लक्ष्मी का मंदिर :
अवलाबेत्ता पहाड़ी की सबसे ऊंची चोटी पर देवी लक्ष्मी का मंदिर बना है। ट्रैकिंग और घूमने-फिरने के बाद आप देवी मां के दर्शन भी कर सकते हैं। यह एक बेहद ही खूबसूरत जगह है, यह गेस्ट के रुकने के लिए सरकार द्वारा गेस्ट हाउस बनाये गये..अगर आप चाहें तो वहां रुक सकते हैं।
कब करें सैर :
अवलाबेत्ता पहाड़ी को कभी भी घूमा जा सकता है। आप यहां साल में किसी भी दिन आकर घूम-फिर सकते हैं। लेकिन हां अगर प्लान बनाया है तो सुबह के दौरान घूमें। अवलाबेत्ता किला में आपको पर्यटकों का जमवाड़ा नहीं मिलेगा..यहां आप सुकून से अपनी छुट्टी को एन्जॉय कर सकते हैं।