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World Senior Citizens Day: इंडिया की इन 5 जगहों पर जाकर करें अपने ग्रांड पेरेंट्स के साथ मौज- मस्ती

ऐसी किसी जगह की तलाश कर रहे हैं जहां आप फैमिली के साथ ट्रिप पर जा सके तो इंडिया की ये 5 जगहें हैं बहुत ही शानदार। जहां साल में आप कभी भी जाने की कर सकते हैं प्लानिंग।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 04:00 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 04:00 PM (IST)
World Senior Citizens Day: इंडिया की इन 5 जगहों पर जाकर करें अपने ग्रांड पेरेंट्स के साथ मौज- मस्ती
World Senior Citizens Day: इंडिया की इन 5 जगहों पर जाकर करें अपने ग्रांड पेरेंट्स के साथ मौज- मस्ती

पिछले कुछ सालों से लोगों में घूमने का क्रेज इस कदर बढ़ा है कि अब ग्रूप, फ्रेंड्स का ट्रेंड भी पीछे  हो गया है। लोग बैग पैक कर सोलो ट्रिप पर निकल जा रहे हैं और इतना ही नहीं वो उस ट्रिप को एन्जॉय भी कर रहे हैं। लेकिन फैमिली संग मौज-मस्ती करने का जो मजा होता है वो शायद ही सोलो या ग्रूप में आता है। तो आज हम ऐसी कुछ जगहों के बारे में जानेंगे, जहां की खूबसूरती बेमिसाल है और यहां आप अकेले नहीं, बल्कि दादा-दादी, नाना-नानी के साथ आने का बना सकते हैं प्लान।    

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कलीमपोंग

दार्जिलिंग में बसा कलिमपोंग समुद्र से 1250 मीटर की ऊंचाई पर स्थित होने के कारण अपने सुहावने मौसम के लिए जाना जाता है। फैमिली संग छुट्टियां एंजॉय करने के लिए यह जगह बेस्ट है। दार्जिलिंग से कलिमपोंग के रास्ते में हरे-भरे जंगल और चाय के बागान हैं। लवर्स मीट पर रुककर तीस्ता और रंगीन नदियों का संगम देखा जा सकता है। साथ ही, पहाड़ों और नदियों के रास्ते से होकर सिलीगुड़ी भी घूमा जा सकता है।

पलक्कड़

केरल का पलक्कड़ जिले में कदम रखते ही नीलगिरि की पहाडिय़ों का अलग रंग लुभाने लगता है। सड़कों के आसपास खुले खेत दिखने लगते हैं। मैदानी इलाकों की तरह आम के बाग दिखने लगते हैं। दूर-दूर तक फैले धान के खेत, उन खेतों से उठती धान की भीनी-भीनी खुशबू अपने पास की हवा के सहारे चारों ओर बिखर जाती है। केरल में हरियाली बहुत है लेकिन हरियाली का यह अनुभव बिल्कुल अलग है। पलक्कड़ को पालघाट के नाम से भी जाना जाता है।

 

कन्याकुमारी

तीन ओर से समुद्र से घिरे तमिलनाडु के कन्याकुमारी का सौंदर्य मन को शीतल एहसास से भर देता है। बीच पर फैली रंग-बिरंगी रेत दूर से ही अपनी ओर खींचती है। चारों ओर प्रकृति और आस्था के अनंत रूप बिखरे हुए हैं यहां। कन्याकुमारी को अक्सर धार्मिक स्थल के रूप में मान्यता दी जाती है लेकिन यह शहर आस्था के अलावा कला व संस्कृति का भी प्रतीक रहा है। तीन समुद्रों हिंद महासागर, अरब सागर, बंगाल की खाड़ी के संगम पर स्थित यह शहर 'एलेक्जेंड्रिया ऑफ ईस्ट' भी कहा जाता है। आपको यहां जो सबसे अधिक लुभा सकता है वह है यहां का सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा।

कोडाइकनाल

दक्षिण भारत में 'पहाड़ों की रानी' कहे जाने वाले कोडइकनाल पहाड़ी झरने और नयनाभिराम दृश्यों के लिए जाना जाता है। यह तमिलनाडु का प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। पहाड़ों के बीच बनी प्राकृतिक झील, पिल्लर रॉक्स, पेरुमल पीक और हर्बल पीक भी देखने लायक हैं। यहां का मौसम हमेशा ही सुहावना होता है तो ग्रांडपेरेंट्स को यहां घूमाने की प्लानिंग आप साल में कभी भी कर सकते हैं।

रामेश्वरम

मेश्र्वरम की धरती पर पांव रखते ही अजीब-सी अनुभूति होती है। यही वह स्थान है, जहां मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी आराधना की थी! रामनाथस्वामी मंदिर के गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग की महिमा ऐसी है कि उसे भर निगाह देखने के बावजूद दर्शन की इच्छा पूरी नहीं होती। इस इच्छा को पूरा करने के लिए तमाम लोग रामेश्र्वरम में महीनों बने रहते हैं या फिर यहीं बस गए। रामेश्र्वरम हिंदुओं के चार धामों में से एक है।


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