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    देश की संस्कृति और वैभव को आज भी बखूबी कायम रखे हुए है ग्वालियर फोर्ट

    By Priyanka SinghEdited By:
    Updated: Tue, 26 Mar 2019 01:03 PM (IST)

    किलों और महलों को देखने का शौक रखते हैं जो राजस्थान और महाराष्ट्र के अलावा मध्यप्रदेश आकर भी आप भारत की संस्कृति और वैभव की पहचान लिए ग्वालियर किले की शानों-शौकत देख सकते हैं।

    देश की संस्कृति और वैभव को आज भी बखूबी कायम रखे हुए है ग्वालियर फोर्ट

    गोपांचल पर्वत पर बना ग्वालियर का किले शहर की पहचान है। साथ ही ये देश के सबसे बड़े किलों में से एक है। 8वीं सदी में बना यह किला यहां की संस्कृति और वैभव की पहचान है। जिस पर मुगलों से लेकर ब्रिटिशर तक ने राज किया है। किला दो भागों में बंटा हुआ है एक है मान मंदिर पैलेस और दूसरा गुजरी पैलेस। जिसे अब म्यूजियम का रूप दे दिया गया है। जिसमें मध्यभारत के सबसे ज्यादा कलेक्शन देखे जा सकते हैं। किले में होने वाला लाइट एंड साउंड शो टूरिस्टों को सबसे ज्यादा अट्रैक्ट करता है।

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    किले की बनावट

    विशालकाय ग्वालियर किला बलुआ पत्थर की पहाड़ी पर बना हुआ है और मैदानी क्षेत्र से 100 मीटर ऊंचाई पर है। किले में प्रवेश के लिए दो रास्ते हैं पहला ग्वालियर गेट और दूसरा ऊरवाई गेट। किले की दीवारें एकदम खड़ी हैं। बाहरी दीवार 2 मीटर लंबी और चौड़ाई 1 किमी से लेकर 200 मीटर तक है। पहाड़ी तक जाने वाले रास्ते की चट्टानों पर खूबसूरत नक्काशी देखने को मिलती है। किले की वास्तुकला गजब की है। किले का मुख्यद्वार हाथी पूल के नाम से जाना जाता है। किले के स्तंभों पर ड्रैगन की नक्काशी है। किले पर गुरु गोविंद की स्मृति में एक गुरुद्वारा बना हुआ है। साथ ही पुरानी शैली का मानसिंह महल भी यहां है। इसके अलावा सहस्त्रबाहु मंदिर, चतुर्भुज मंदिर, तेली मंदिर 14वीं सदी की गुफाएं भी यहां आकर देख सकते हैं। इसके साथ ही जहांगीर महल, कर्ण महल, विक्रम महल और शाहजहां महल भी बहुत ही खास है। किला दो भाग में बंटा है। मुख्य किला और महल (गुजारी महल और मान मंदिर महल)। इन किलों का निर्माण राजा मान सिंह ने करवाया था।

    कब जाएं

    हेरिटेज साइट होने की वजह से यह किला पूरे साल सैलानियों के लिए खुला रहता है। लेकिन नवंबर से मार्च का महीना किले को घूमने के लिए है बेस्ट। जब न तो बहुत गर्मी होती है न ही ठंड। आराम से किले की हर एक जगह को एक्सप्लोर किया जा सकता है।

    कैसे पहुंचें

    हवाई मार्ग

    शहर से 8 किमी की दूरी पर स्थित है ग्वालियर एयरपोर्ट। जहां हमेशा टैक्सी और बसों की सुविधा मौजूद रहती है।

    रेल मार्ग

    दिल्ली, मुंबई, अजमेर, जबलपुर, भोपाल, वाराणसी और बंगलौर जैसे देश के सभी बड़े शहरों से ग्वालियर तक के लिए ट्रेनें अवेलेबल हैं। स्टेशन के बाहर बस और टैक्सी लेकर आप अपने डेस्टिनेशन तक पहुंच सकते हैं।

    सड़क मार्ग

    यहां की सड़कें काफी अच्छी और आगरा, दतिया, जयपुर, शिवपुरी, ओरछा, इंदौर जैसे शहरों से जुड़ी हुई हैं। अगर आप रोड ट्रिप प्लान कर रहे हैं तो ग्वालियर काफी अच्छी जगह है।