मैच देखने काली की नगरी कोलकाता जा रहे हैं तो ये पांच जगह भी घूमें
नवदुर्गा की शुरूआत में इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा वनडे कोलकाता के ईडन गार्डन्स में होगा। काली की इस नगरी में और भी घूमने की जगहें हैं।
ईडन गार्डन्स
कोलकाता का ईडन गार्डन भारत का सबसे अधिक दर्शक क्षमता वाला क्रिकेट स्टेडियम है जहां एक साथ लगभग 66 हजार दर्शक मैच का लुत्फ उठा सकते हैं। यह भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है। साथ ही यह बंगाल क्रिकेट टीम और 2012 की आईपीएल चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स का होम ग्राउंड भी है। 1864 में इसकी स्थापना हुई और तब से यहां 39 टेस्ट, 28 वनडे और एक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जा चुके हैं। इस मैदान के पास एक छोटे से तालाब में बर्मा का पेगोडा भी स्थापित किया गया है, जो इस गार्डन का विशेष आकर्षण है।
फोर्ट विलियम
हुगली नदी के समीप बना भारत के सबसे बड़े पार्कों में से एक पार्क 3 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है। इसके पश्चिम में फोर्ट विलियम है। चूंकि फोर्ट विलियम को अब भारतीय सेना के लिए उपयोग में लाया जाता है इसलिए यहां प्रवेश करने के लिए विशेष अनुमति लेनी होती है। फोर्ट विलियम कोलकाता में हुगली नदी के पूर्वी किनारे पर बना एक किला है, जिसे ब्रिटिश राज के दौरान बनवाया गया था। इसे इंग्लैंड के राजा विलियम तृतीय के नाम पर बनवाया गया था। इसके सामने ही पार्क है, जो कि किले का ही भाग है और कलकत्ता का सबसे बड़ा शहरी पार्क है।
विक्टोरिया मेमोरियल
विक्टोरिया मेमोरियल यानि विक्टोरिया स्मारक 1906-1921 के बीच इंग्लेंडकी तत्कालीन रानी विक्टोरिया को समर्पित करते हुए र्निमित किया गया था। इस स्मारक में शिल्पकला का सुंदर मिश्रण है। इसके मुगल शैली के गुंबदों में सारसेनिक और पुनर्जागरण काल की शैलियां दिखाई पड़ती हैं। मेमोरियल में एक शानदार संग्रहालय है, जहां रानी के पियानो और स्टडी-डेस्क सहित 3000 से अधिक वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। यह रोजाना प्रात: दस बजे से सायं साढ़े चार बजे तक खुलता है, और सोमवार को यह बंद रहता है।
सेंट पॉल कैथेड्रल
यह चर्च शिल्पकला का अनूठा उदाहरण है, इसकी रंगीन कांच की खिड़कियां, भित्तिचित्र, ग्रांड-ऑल्टर, एक गॉथिक टावर दर्शनीय हैं। यह रोजाना प्रात: 9.00 बजे से दोपहर तक और सायं 3.00 बजे से 6.00 बजे तक खुलता है।
दक्षिणेश्वर काली मंदिर
कोलकाता के उत्तर में विवेकानंद पुल के पास दक्षिणेश्वर काली मंदिर स्थित है। यह मंदिर बीबीडी बाग से 20 किलोमीटर दूर है। दक्षिणेश्वर मंदिर का निर्माण सन 1847 में प्रारम्भ हुआ था। दक्षिणेश्वर मंदिर देवी माँ काली के लिए ही बनाया गया है। मंदिर के भीतरी भाग में चाँदी से बनाए गए कमल के फूल जिसकी हजार पंखुड़ियां हैं, पर मां काली शस्त्रों सहित भगवान शिव के ऊपर खड़ी हुई हैं। काली माँ का मंदिर नवरत्न की तरह निर्मित है और यह 46 फुट चौड़ा तथा 100 फुट ऊँचा है। इस मंदिर में 12 गुंबद हैं। यह मंदिर हरे-भरे, मैदान पर स्थित है। इस विशाल मंदिर के चारों ओर भगवान शिव के बारह मंदिर स्थापित किए गए हैं। यहीं पर काली की खून से सनी जिह्वा वाली मूर्ति है। यह नरमुंडों की माला पहने हुए हैं।