Happy Women Day 2019: ये हैं इंडिया की 5 मशहूर सोलो ट्रैवल ब्लॉगर्स
Happy women day 2019 इंडिया में सोलो ट्रैवलिंग का ट्रेंड शुरू करने का श्रेय हमारे देश की महिलाओं को जाता है। जी हां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भारत की मशहूर महिला ट्रैवल ब्लॉगर्स के बारे में जानेंगे।
घर से बाहर निकलना, अकेले दूसरे शहर जाना, आज से कुछ सालों पहले तक महिलाओं के लिए बहुत ही मुश्किल बात हुआ करती थी लेकिन अब वो अपने घूमने-फिरने के पैशन को खुलकर न सिर्फ पूरा कर रही हैं बल्कि उसके बारे में दुनिया को भी बता रही हैं अलग-अलग फ्लेटफॉर्म के जरिए। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आज हम ऐसी ही महिलाओं के बारे में जानेंगे जिन्होंने अकेले दुनिया के सैर करने की ठानी और सैकड़ों महिलाओं को इंस्पायर किया। जिसकी बदौलत सोलो ट्रैवलिंग का ट्रेंड पॉप्युलर हुआ।
शिव्या नाथ
ट्रैवल ब्लॉगर की लिस्ट में शिव्या नाथ का नाम टॉप पर हैं जिन्होंने 23 साल की उम्र में अपने 9 टू 5 जॉब को छोड़कर अपने घूमने-फिरने के पैशन पर फोकस किया और आज इसी वजह से दुनियाभर में उनकी पहचान बन चुकी है। पहले जहां महिलाओं के घूमने-फिरने पर कई तरह की पाबंदियां थी और साथ ही उन्हें तरजीह भी नहीं मिलती थी वहीं शिव्या ने इन सोच को दरकिनार कर सोलो ट्रैवलिंग के लिए महिलाओं को इंस्पायर किया और नतीजा आपके सामने है। कई सारे मैगजीन्स और मीडिया ऑर्गनाइजेशन्स ने भी इनके इस जज्बे को सलाम किया है। इनके ब्लॉग और इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक्सप्लोर की गई जगहों की तस्वीरें देखने के साथ ही वहां के एडवेंचरस एक्सपीरियंस भी पढ़ सकते हैं।
लक्ष्मी शरथ
ट्रैवल ब्लॉगर की लिस्ट में दूसरा फेमस नाम। ब्लॉगर बनने से पहले लक्ष्मी राइटर, फोटोग्राफर और मीडिया जैसे दूसरे फील्ड में भी काम कर चुकी हैं लेकिन 15 साल काम करने के बाद उन्हें लगा कि उनका सपना बैठकर काम करना नहीं बल्कि दुनिया घूमना है और बस शुरू हो गया जिंदगी का दूसरा सफर। अब तक वो 25 देशों का सफर तय कर चुकी हैं जिसे आप उनके ब्लॉग पर पढ़ने के साथ ही देख भी सकते हैं।
अनुराधा गोयल
इस लिस्ट में तीसरा नंबर अनुराधा गोयल का आता है। इन्होंने भी कॉरपोरेट की अच्छी जॉब को छोड़कर घूमने के पैशन को पूरा करना बेहतर समझा। 12 साल आईटी फील्ड का एक्सपीरिएंस लेने के बाद अब ट्रैवलिंग के लिए महिलाओं को इंस्पायर करने का काम कर रही हैं। इनकी शानदार जर्नी को आप इनके ब्लॉग और इंस्टाग्राम पर जाकर देख सकते हैं। अनुराधा अब तक 15 देशों की सैर कर चुकी है।
रुतवी मेहता
7 साल हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में काम करने के बाद रुतवी को लगा कि ये शायद उनकी मंजिल नहीं और निकल पड़ी बैग लेकर यूरोप की सैर पर। और इसी कदम ने उनकी पूरी लाइफ बदल दी। एक के बाद एक सफर ने उन्हें ही अगले पड़ाव के लिए तैयार नहीं किया बल्कि कई और महिलाओं को भी अकेले घूमने-फिरने की हिम्मत दी। एडवेंचर पसंद रुतवी ने एवरेस्ट बेस कैंप का भी ट्रैक किया है। घूमने के साथ ही वो लद्दाख में 2 साल के बच्चों को पढ़ाने का काम भी कर रही हैं।
मृदुला दिवेदी
मृदुला दिवेदी का ट्रैवलिंग एक्सपीरियंस इन सबसे ज्यादा है क्योंकि वो 18 सालों से ट्रैवल कर रही हैं। जगह-जगह घूमना, वहां की चीज़ों और अपने एक्सपीरिएंस को लोगों तक पहुंचाना उनका पसंदीदा काम है। आईआईटी कानपुर से पीएचडी करके उन्होंने प्रोफेसर की जॉब भी की जिसे बाद में अपने शौक के आगे उन्होंने छोड़ दिया। कहते हैं न बिना रिस्क कुछ नहीं हासिल होता। अब तक 26 देशों का सफर कर चुकी है मृदुला।