Move to Jagran APP

Independence Day: भारतीय इतिहास से रूबरू होने के लिए 'स्वतंत्रता दिवस' पर इन जगहों को करें एक्स्प्लोर

Independence Day इतिहासकारों की मानें तो 13 अप्रैल 1919 को रोलेट एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे निहत्थे लोगों पर जनरल डायर ने गोलियां चलवा दी थी। इस हमले में अनुमानित 400 लोगों की मौत हुई थी। वहीं 2 हजार से अधिक लोग घायल हो गए थे।

By Pravin KumarEdited By: Published: Sat, 06 Aug 2022 09:51 AM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 09:26 AM (IST)
Independence Day: भारतीय इतिहास से रूबरू होने के लिए 'स्वतंत्रता दिवस' पर इन जगहों को करें एक्स्प्लोर
Independence Day: भारतीय इतिहास से रूबरू होने के लिए 'स्वतंत्रता दिवस' पर इन जगहों को करें एक्स्प्लोर

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Independence Day: आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस मौके पर देश के सभी स्मारकों में 15 अगस्त तक निशुल्क प्रवेश की व्यवस्था की गई है। आसान शब्दों में कहें तो पर्यटक निशुल्क लाल किला, कुतुब मीनार, जलियांवाला बाग, ताजमहल, फतेहपुर सीकरी, आगरा के किले का दीदार कर सकते हैं। अगर आप भी स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर अपने दोस्तों और परिवारजनों के साथ घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो भारतीय इतिहास से रूबरू होने के लिए इन जगहों की सैर कर सकते हैं। आइए जानते हैं-

loksabha election banner

जलियांवाला बाग जाएं

जलियांवाला बाग पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर के समीप है। अगर आप प्राप्त समय लेकर अमृतसर जाते हैं, तो स्वर्ण मंदिर की भी धार्मिक यात्रा जरूर करें। बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्री हरिमंदिर साहि‍ब के दर पर मत्था टेकने आते हैं। आप भी बाबा के दर पर मत्था टेक कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इसके पश्चात, आप जलियांवाला बाग की ऐतिहासिक यात्रा कर सकते हैं। इतिहास के पन्नों में जलियांवाला बाग हत्याकांड का विस्तार से वर्णन है।

इतिहासकारों की मानें तो 13 अप्रैल, 1919 को रोलेट एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे निहत्थे लोगों पर जनरल डायर ने गोलियां चलवा दी थी। इस हमले में अनुमानित 400 लोगों की मौत हुई थी। वहीं, 2 हजार से अधिक लोग घायल हो गए थे। हालांकि, यह सरकारी आंकड़ें हैं। शहीदों की संख्या इससे भी अधिक थी। भारतीय इतिहास में यह सबसे बड़ा जघन्य हत्याकांड था। आज जलियांवाला बाग में स्मारक है। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरॉन ने जलियांवाला बाग यात्रा के दौरान कहा था कि यह ब्रिटिश इतिहास की सबसे शर्मनाक घटना थी।

प्लासी जाएं

ब्रिटिश उदय का आगाज प्लासी युद्ध से हुआ था। इस स्थल पर पहली बार 23 जून, 1757 को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच युद्ध हुआ था। प्लासी, पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में भागीरथी नदी के किनारे है। यह युद्ध बेहद भयावह हुआ था। इस युद्ध में दोनों तरफ से 8 हजार सैनिकों ने हिस्सा लिया था। इसमें तकरीबन 1000 सैनिकों की मौत हुई थी। सबसे अधिक नुकसान बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला को हुआ। इस वजह से प्लासी के युद्ध में सिराजुद्दौला की हार हुई। आप इतिहास से रूबरू होने के लिए प्लासी की यात्रा कर सकते हैं। इसके अलावा, पानीपत, कलिंग, प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम स्थल मेरठ समेत देश के कई प्रमुख जगहों की यात्रा कर सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.