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मार्च से जुलाई में घूमने के लिए बेस्ट है मुक्तेश्वर, एडवेंचर स्पोर्ट्स के शौकीन घूमें यहां

कपिलेश्वर मंदिर के बगल से जाने वाला पहाड़ी रास्ता आपको सीधी खड़ी चट्टानों तक ले जाता है जिसे स्थानीय भाषा में चॉली की जाली कहते हैं.

By Pratima JaiswalEdited By: Published: Fri, 30 Mar 2018 04:35 PM (IST)Updated: Sat, 31 Mar 2018 06:00 AM (IST)
मार्च से जुलाई में घूमने के लिए बेस्ट है मुक्तेश्वर, एडवेंचर स्पोर्ट्स के शौकीन घूमें यहां
मार्च से जुलाई में घूमने के लिए बेस्ट है मुक्तेश्वर, एडवेंचर स्पोर्ट्स के शौकीन घूमें यहां

हम में से ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्हें एडवेंचर स्पोर्ट्स का बेहद शौक है. वो ऐसी जगहों को एक्सप्रोर करना चाहते हैं, जो एडवेंचर से भरी हो. अगर आप भी उन जगहों की तलाश में हैं, तो हम आपको बताने जा रहे हैं. ऐसी जगह के बारे में जो एडवेंचर से भरी हुई है. 

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उस खूबसूरत जगह का नाम है मुक्तेश्वर. मुक्तेश्वर उत्तराखंड में बसा एक छोटा सा गांव है, जो कुमांऊ की पहाड़ियों के बीच 7500 फीट की ऊंचाई पर बसा है. दिल्ली के आसपास छोटी सी झटपट छुट्टी बिताने के लिए अगर किसी जगह की तलाश में हैं तो मुक्तेश्वर जाएं. 

इन जगहों पर घूमना मिस न करें कपिलेश्वर मंदिर 

भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर तक पहुंचने के लिए बेहद खूबसूरत 9 किलोमीटर का पहाड़ी सफर तय करना पड़ता है, लेकिन अगर आप इतनी दूर पैदल चलना नहीं चाहते हैं, तो सड़क मार्ग के जरिए भी मंदिर तक पहुंच सकते हैं, यह मंदिर कुमिया और सकुनी नदियों के मुहाने पर स्थित है. 

भालूगढ़ का झरना 

 

मुक्तेश्वर से धारी गांव के बीच 7 किलोमीटर का सफर तय करें और फिर वहां से घने जंगलों के बीच ट्रेकिंग शुरू होती है, जो आपको खूबसूरत झरने तक ले जाएगी. नेचर लवर और बर्ड वॉचिंग पसंद करने वालों के लिए यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है. 

चॉली की जाली 

कपिलेश्वर मंदिर के बगल से जाने वाला पहाड़ी रास्ता आपको सीधी खड़ी चट्टानों तक ले जाता है जिसे स्थानीय भाषा में चॉली की जाली कहते हैं. यहां एक गहरी खाई है और यहां से हिमालय के पहाड़ और कुमाऊं घाटी का मनोरम दृश्य दिखता है. आप यहां रॉक क्लाइम्बिंग, जिप-लाइनिंग और रैपलिंग जैसे अडवेंचर स्पोर्ट्स का भी लुत्फ उठा सकते हैं.

कैसे जाएं 

दिल्ली से मुक्तेश्वर जाने का बेस्ट तरीका है सड़क मार्ग. आप सड़क मार्ग के जरिए 7 घंटे में दिल्ली से मुक्तेश्वर पहुंच सकते हैं. यह एक बेहद खूबसूरत हाइवे ड्राइव है जो देवदार के ऊंचे-ऊंचे पेड़ों वाले जंगलों से होते हुए फलों के बाग से बीच से होते हुए गुजरती है. 

 

मुक्तेश्वर से काठगोदाम रेलवे स्टेशन लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर है जोकि देश के सभी प्रमुख स्थानों से रेलमार्ग द्वारा जुड़ा है. काठगोदाम से प्राइवेट टैक्सी या उत्तराखंड परिवहन की बस से मुक्तेश्वर आया जा सकता है. मुक्तेश्वर से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर पंतनगर हवाई अड्डा है. हवाई अड्डे से आप टैक्सी से जा सकते हैं. 

कब जाएं 

मुक्तेश्वर जाने का बेस्ट समय मार्च से जुलाई के बीच है. लेकिन अगर आप यहां बर्फबारी देखने चाहते हैं, तो जनवरी-फरवरी के बीच का प्लान भी बना सकते हैं.


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