दिल्ली का चिड़ियाघर है एशिया के सबसे अच्छे Zoo में शामिल, फैमिली संग यहां आकर करें मस्ती
दिल्ली के चिड़ियाघर आकर 130 प्रजातियों के लगभग 1350 जानवर और परिंदे देखे जा सकते हैं। इनमें अफ्रीका ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका तक के सरीसृप स्तनधारी और पक्षी भी शामिल हैं।
दिल्ली का शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जिसने कम से कम एक बार चिड़ियाघर का रुख न किया हो। पेड़ों पर उछलती-कूदती गिलहरियों का झुंड, बाघों की गर्जना, पेड़ की छांव में सुस्ता रहे काले हिरण, गेंडे की पीठ पर फुदकते पक्षी...ऐसा मनमोहक दृश्य देख मन प्रफुल्लित हो जाता है। प्रकृति के बीच पशु-पक्षियों की अठखेलियां देख सारी थकान पल भर में गायब हो जाती है।
दरअसल राजधानी में देश की आजादी के समय तक चिड़ियाघर नहीं था। भारतीय वन्यजीव बोर्ड ने 1952 में अपनी पहली बैठक में राजधानी में चिड़ियाघर की स्थापना करने का सुझाव दिया। दिल्ली के सबसे पॉश कॉलोनी में से एक सुंदर नगर और चिड़ियाघर का निर्माण लगभग एक साथ हुआ था। 176 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित चिड़ियाघर में जब जानवर आने लगे तो सुंदर नगर में रहने वाले परिवारों के बच्चे छुट्टी वाले दिन वहीं पाए जाते थे। उस दौर में इस क्षेत्र में आबादी कम थी। दिल्ली का चिड़ियाघर एशिया के सबसे अच्छे चिड़ियाघरों में से एक है। यह शहर के सबसे दिलचस्प पिकनिक स्पॉट्स में से एक है और यहां आप साल में कभी भी घूमने आ सकते हैं। यहां एक हरा द्वीप और 16वीं सदी का किला भी है। दिल्ली आने वाले पर्यटकों की चिड़ियाघर घूमे बिना यात्रा पूरी नहीं होती।
खूबसूरत पक्षियों और व्हाइट टाइगर का दीदार
यहां 130 प्रजातियों के लगभग 1350 जानवर और परिंदे हैं। इनमें अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों के सरीसृप, स्तनधारी और पक्षी भी शामिल हैं। 200 प्रकार के पेड़ भी हैं। इस दौरान तालाब में बैठा सफेद टाइगर भी दिख जाएगा। वहीं जाड़ों में जानवरों के लिए फ्लोरिंग भी लगाई गई है। हिरण को बाहर रहना ज्यादा पसंद है, इसलिए जमीन पर ही पुआल बिछा दी गई है, जिसे वो खा भी सकते हैं और गर्म भी रहे।
एशिया के सबसे अच्छे चिड़ियाघरों में शामिल
दिल्ली चिड़ियाघर न सिर्फ भारत, बल्कि विदेश से भी दर्शकों को आकर्षित करता है। ताजा आंकड़ों के अनुसार यहां हर साल बीस लाख से ज्यादा दर्शक पहुंचते हैं। दिल्ली चिड़ियाघर में एक लाइब्रेरी भी है जहां से पेड़, पौधों, पशु-पक्षियों के बारे में जानकारी ली जा सकती है। इस तरह की लाइब्रेरी सिंगापुर या थाईलैंड के चिड़ियाघरों में भी नहीं है। अगर आप अभी तक चिड़ियाघर नहीं गए तो अब जल्द प्लान बनाएं क्योंकि यहां आप अपना पूरा दिन एन्जॉय कर सकते हैं। फैमिली के साथ समय बिताने के लिए तो ये एकदम परफेक्ट डेस्टिनेशन है।
60 का हो जाएगा चिड़ियाघर
इस साल चिड़ियाघर 60 साल का हो जाएगा। हालांकि इसका औपचारिक रूप से उद्घाटन 1 नवंबर 1959 को केंद्रीय मंत्री पंजाब राव देशमुख ने किया था। सन् 1982 में इसे देश के अन्य चिड़ियाघरों के लिए आदर्श मानते हुए राष्ट्रीय प्राणी उद्यान का दर्जा दिया गया।
ये बन गए थे उपहार
चिड़ियाघर की स्थापना के बाद विभिन्न राज्य सरकारों ने बाघ, तेंदुए, भालू, लोमड़ी, लुप्तप्राय प्रजाति के जानवर और कई पक्षी उपहार में देने चालू कर दिए थे। पहले बहुत से लोगों के निज़ी चिड़ियाघर भी होते थे।
विवेक शुक्ला
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