फूडी ट्रैवलर्स के लिए बेहद दिलचस्प हो सकती है सिक्किम की ट्रिप, जानें क्या है खास
सिक्किम की राजधानी गंगटोक काफी खूबसूरत शहर है। पहाड़ियों की ढाल पर दोनों ओर आकर्षक भवन दिखाई देते हैं।
अगर आप टॉप डेस्टिनेशन्स में घूम चुके हैं तो इस बार नॉर्थ ईस्ट इंडिया की खूबसूरती को एक्सप्रोर करने का प्लान बनाइए। आपको नॉर्थ ईस्ट के किसी भी राज्य में आकर एक अलग ही दुनिया देखने को मिलेगी।
तो, चलिए आज हम आपको सैर कराते हैं सिक्किम की। जानिए, सिक्किम में ऐसी कौन-सी डेस्टिनेशन हैं जो आपका मन मोह लेगी।
सिक्किम टूरिज्म को प्रोमोट करने के लिए सिक्किम सरकार ने जाने-माने संगीतकार ए आर रहमान को अपना ब्रांड एम्बेसेडर नियुक्त किया है। आइए, जानते हैं सिक्किम की टॉप डेस्टिनेशन्स।
गंगटोक
सिक्किम की राजधानी गंगटोक काफी खूबसूरत शहर है। पहाड़ियों की ढाल पर दोनों ओर आकर्षक भवन दिखाई देते हैं। शहर में पारंपरिक रीति-रिवाजों और आधुनिक जीवनशैली का अनूठा संगम देखने को मिलता है।
युक्सोम
यह सिक्किम की पहली राजधानी थी। इस जगह को पवित्र स्थान समझा जाता है, क्योंकि सिक्किम का इतिहास ही इससे शुरू होता है। यह प्रसिद्ध माउंट कंचनजंघा की चढ़ाई के लिए बेस कैम्प भी है। यहां आप याक की सवारी भी कर सकते हैं।
सोम्गो लेक
एक किलोमीटर लंबी और अंडाकार सोम्यो झील पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। मई और अगस्त के बीच झील का इलाका बेहद खूबसूरत हो जाता है। दुर्लभ किस्मों के फूल यहां देखे जा सकते हैं। इनमें बसंती गुलाब, आइरिस और नीले-पीले पोस्त शामिल हैं। झील में जलीय और पक्षियों की कई प्रजातियां मिलती हैं। लाल पांडा के लिए भी यह एक मुफीद जगह है। सर्दियों में झील का पानी जम जाता है।
नाथुला दर्रा
नाथु-ला दर्रा भारत-चीन सीमा पर स्थित है। इसकी ऊंचाई 14,200 फीट है। सिक्किम को चीन के तिब्बत स्वशासी क्षेत्र से जोड़ता है। ये यात्रा अपने आप में आनंद देने वाला अनुभव है। धुंध से ढंकी पहाड़ियां, टेढ़े-मेढ़े रास्ते और गरजते झरने और रास्ता तो अद्भुत है। इस जगह जाने के लिए पर्यटकों के पास परमिट होना चाहिए।
पेलिंग
पेलिंग तेजी से लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनता जा रहा है। 6,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित इसी जगह से दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी माउंट कंचनजंघा को सबसे करीब से देखा जा सकता है। यह स्थान तो खूबसूरत है ही, पेलिंग के अन्य आकर्षण हैं सांगा चोइलिंग मोनास्ट्री, पेमायंगत्से मोनास्ट्री और खेचियोपालरी लेक।
जायकों से भरा सिक्किम
सिक्किम घर है कई जातियों का जिनमें प्रमुख हैं नेपाली, भूटिया, तिब्बती और लेपचा जनजाति। ऐसे में यहां इन सभी के खाने चखने को मिल जाते हैं। सिक्किम हिमालय का हिस्सा है और भारत का पहला ऑर्गेनिक फार्मिंग राच्य भी, इसलिए यहां के खाद्य पदाथरें में शाक-सब्जियों का प्रयोग प्रचुर मात्रा में होता है। यहां पर रहने वाले लोग नेपाल, भूटान और ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों से आकर बसे हैं इसलिए इनके खाने भी उसकी खुशबू लिए हुए हैं। यहां मुख्य रूप से मोमो (स्टीम्ड डंपलिंग), टमाटर का अचार, थूपका (नूडल सूप), किन्मा करी (फर्मेंटेड सोयाबीन), गुंड्रूक आंड सींकी सूप (फर्मेंटेड वेजिटेबल सूप), गुंड्रूक का अचार, ट्रेडीशनल कॉटेज चीज, छुरपई का अचार, छुरपई-निंग्रो करी, सेल रोटी (फर्मेंटेड राइस प्रोडक्ट), शिमी का अचार, पक्कु (मटन करी), आंड मेसू पिकल (फर्मेंटेड बंबू शूट) आदि मिलते हैं। इनके खानों में भांति-भांति के मीट, मछली और साग शामिल हैं।
कैसे और कब जाएं
राजधानी गंगटोक पहुंचने के लिए रेल न्यू जलपाईगुड़ी तक जाती है। उससे आगे का रास्ता सड़क मार्ग से 4 से 5 घंटे में तय किया सकता है। बागडोगरा एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर द्वारा बड़ी आसानी से यह सफर मात्र 35 मिनट में तय किया जा सकता है। इसके लिए पहले से बुकिंग करनी होती है।