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Navratri 2019: नवरात्रि में इन जगहों करें सैर, आध्यात्म और शांति मिलेगी एक साथ

Navratri 2019 पूरे देश में नवरात्रि की त्यौहार जमकर मनाया जाता है। ऐसे में आप इन जगहों पर घूमने जा सकते हैं जहां आपको शांति भी मिलेगी।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 02:37 PM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2019 06:06 PM (IST)
Navratri 2019: नवरात्रि में इन जगहों करें सैर, आध्यात्म और शांति मिलेगी एक साथ
Navratri 2019: नवरात्रि में इन जगहों करें सैर, आध्यात्म और शांति मिलेगी एक साथ

नई दिल्ली, जेएनएन। Navratri 2019: नवरात्रि में व्रत रखने के साथ ही मां के दर्शन को भी बहुत ही शुभ माना जाता है। भक्त गण दूर-दूर से मां के मंदिर में माता टेकने और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। उनका मानना है कि मां नवरात्रि में अपने पीहर आती हैं  और हर तरफ हर्षोउल्लास का माहौल होता है। ऐसे में दिल से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। तो आइए जानते हैं उन जगहों के बारे में जहां जाकर आप नवरात्रि के इस अवसर को बना सकते हैं और खास।

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मंशा देवी मंदिर, उत्तराखंड

मंशा देवी मंदिर, हरिद्वार के पास झुंझुनू गांव में बसा है। इस मंदिर के नाम के पीछे मान्यता है कि मां दुर्गा यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना को पूरा करती हैं। 1975 में इस मंदिर को सेठ सूरजमलजी ने बनवाया था। मां दुर्गा ने उनके सपने में आकर इस मंदिर को बनाने की इच्छा जताई थी। 41 कमरे, श्री लंबोरिया महादेवजी मंदिर, श्री लंबोरिया बालाजी मंदिर और सिंहद्वार वाले इस मंदिर में सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है।

मैहर माता, मध्य प्रदेश

एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल मैहर मध्य प्रदेश के सतना जिले का एक छोटा सा नगर है। मैहर में शारदा मां का प्रसिद्ध मन्दिर है जो कैमूर तथा विंध्य की पर्वत श्रेणियों पर तमसा नदी के तट पर त्रिकूट पर्वत की पर्वत मालाओं के बीच 600 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यह ऐतिहासिक मंदिर 108 शक्ति पीठों में से एक है। अगर ऐतिहासिक कथाओं पर विश्‍वास करें तो प्रसिद्ध ऐतिहासिक नायक आल्हा और ऊदल दोनों भाई मां शारदा के अनन्य उपासक थे। यहां पर्वत की तलहटी में आल्हा का तालाब व अखाड़ा आज भी विद्यमान है। वैसे तो यहां प्रतिदिन हजारों दर्शनार्थी आते हैं किंतु वर्ष के दोनों नवरात्रों में यहां मेला लगता है जिसमें लाखों भक्‍तों की भीड़  मैहर आती है। इस स्‍थान पर मां शारदा के बगल में स्‍थापित नरसिंहदेव जी की पाषाण मूर्ति आज से लगभग 1500 वर्ष पुरानी है। यह कहा जाता है कि जब शिव मृत देवी का शरीर ले जा रहे थे, उनका हार इस जगह पर गिर गया और इसलिए नाम मैहर यानि माई का हार पड़ गया।

अंबा माता मंदिर, गुजरात

गुजरात के जूनागढ़ का अंबा माता मंदिर में माथा टेकने दुनियाभर से भक्त आते हैं। मंदिर बहुत ही खूबसूरत है। गिरनार पर्वत और उसके आसपास का नज़ारा मंदिर को बनाता है और भी बेहतरीन। नव विवाहित जोड़े अपनी खुशहाल जिंदगी की कामना लेकर माता के दर्शन को आते हैं। मंदिर की सबसे ऊंचाई पर पहुंचकर आप यहां के सबसे खूबसूरत नज़ारे को देख सकते हैं।

वैष्णो माता, जम्मू-कश्मीर

इसी तरह का एक अन्‍य स्‍थान वैष्णो देवी मंदिर है, जो आद्य शक्ति को समर्पित एक पवित्र मंदिर माना जाता है। ये भारत के जम्मू और कश्मीर में पहाड़ी पर स्थित है। हिंदू धर्म में वैष्णो देवी, जो माता रानी और वैष्णवी के रूप में भी जानी जाती हैं, देवी मां का अवतार हैं। यह मंदिर, जम्मू जिले में कटरा नगर से लगभग 12 किलोमीटर दूर 5,200 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है। हर साल लाखों तीर्थयात्री मंदिर का दर्शन करते हैं। कहते  हैं क‍ि रामायण काल में  राम ने त्रिकुटा से उत्तर भारत में स्थित इन्‍हीं माणिक पहाड़ियों की त्रिकुटा श्रृंखला में अवस्थित गुफ़ा में ध्यान में लीन रहने के लिए कहा था। उसी समय रावण के विरुद्ध श्री राम की विजय के लिए मां ने नवरात्रि मनाने का निर्णय लिया। इसलिए भक्‍त, नवरात्रि के 9 दिनों की अवधि में रामायण का पाठ करते हैं। श्री राम ने वचन दिया था कि समस्त संसार द्वारा मां वैष्णो देवी की स्तुति गाई जाएगी, त्रिकुटा, वैष्णो देवी के रूप में प्रसिद्ध होंगी और सदा के लिए अमर हो जाएंगी।

दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कोलकाता

कोलकाता के उत्तर में विवेकानंद पुल के पास दक्षिणेश्वर काली मंदिर स्थित है। यह मंदिर मां काली का विश्व में सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। भारत के सांस्कृतिक धार्मिक तीर्थ स्थलों में भी दक्षिणेश्वर काली मंदिर सबसे प्राचीन माना जाता है। मंदिर की उत्तर दिशा में राधाकृष्ण का दालान स्थित है। पश्चिम दिशा की ओर बारह शिव मंदिर बंगाल के अटचाला रूप में हैं। चांदनी स्नान घाट के चारों तरफ शिव के छ: मंदिर घाट के दोनों ओर स्थित हैं।


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