ट्रैवल न्यूज : ‘अपनी धरोहर-अपनी पहचान’ पर्यटन योजना के तहत इन शहरों को मिलेगी नई पहचान
27 सितम्बर को विश्व पर्यटन दिवस पर केन्द्र सरकार के पर्यटन, संस्कृति विभाग और भारतीय सर्वेक्षण पुरातत्व विभाग के संयुक्त प्रयास से ‘अपनी धरोहर-अपनी पहचान’ योजना लांच की गई थी.
By Pratima JaiswalEdited By: Published: Mon, 12 Feb 2018 11:43 AM (IST)Updated: Mon, 12 Feb 2018 11:44 AM (IST)
भारत ही एक ऐसा देश है, जहां आप विदेशी पर्यटन स्थलों का मजा भी यहां ले सकते हैं. जैसे, अगर आपका मन स्नोफॉल देखने का है, तो आप दिसम्बर-जनवरी के महीने में हिल स्टेशन पर जा सकते हैं, अगर आप ऐतिहासिक स्मारकों, महलों, किलों को देखना है तो राजस्थान, मध्यप्रदेश या पुरानी दिल्ली की सैर की जा सकती है. वहीं किसी भी महीने में खुशनुमा मौसम चाहिए, तो आप गोवा जा सके हैं. इन बातों से अलग कई राज्यों के शहर ऐसे भी हैं, जो रख-रखाव के अभाव में लगभग भुला दिए गए हैं या वहां पर पर्यटकों की आवाजाही बिल्कुल कम हो चुकी है.
ऐसी जगहों को फिर से नई पहचान दिलाने के लिए सरकार ने ‘अपनी धरोहर-अपनी पहचान’ योजना शुरू की है. जिसके तहत कई राज्यों के शहरों को पर्यटक स्थल के रूप में तब्दील किया जाएगा.
केंद्र सरकार की योजना ‘अपनी धरोहर-अपनी पहचान’ के तहत उत्तराखंड के गंगोत्री मंदिर क्षेत्र और गोमुख ट्रेल का संरक्षण किया जाएगा, ताकि देशी-विदेशी पर्यटकों को यहां आने के लिए आकर्षित किया जा सके. इन दोनों स्थलों को संवारने और संरक्षित करने की जिम्मेदारी एडवेंचर टुअर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एटीओएआई) को दी गई है. आगामी पांच वर्ष तक इन स्थलों को एटीओएआई संरक्षित करने के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा देगा.
यह योजना केंद्र सरकार के संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के सहयोग से चलाई जा रही है. उत्तराखंड सरकार इन दोनों स्थलों के अलावा अन्य धार्मिक स्थलों को भी इस योजना से जोड़ने की कोशिश में है.
बीते 27 सितम्बर को विश्व पर्यटन दिवस पर केन्द्र सरकार के पर्यटन, संस्कृति विभाग और भारतीय सर्वेक्षण पुरातत्व विभाग के संयुक्त प्रयास से ‘अपनी धरोहर-अपनी पहचान’ योजना लांच की गई थी. इस योजना के तहत सभी राज्यों के 76 स्मारकों व प्राकृतिक स्थलों का चयन किया गया.
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