रण फेस्टिवल में शामिल होकर देखें गुजरात की रंग-बिरंगी संस्कृति के साथ नमक का रेगिस्तान
गुजरात के कच्छ में हर साल भव्य रण महोत्सव का आयोजन होता है जहां गुजरात की रंग-बिरंगी संस्कृति का नजारा दिखता है साथ ही होता है रण में फैले सफेद नमक के रेगिस्तान का आकर्षण।
कच्छ जिला पश्चिमी भारत में गुजरात राज्य का एक जिला है। 45,674 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला यह भारत का सबसे बड़ा जिला है। कच्छ का शाब्दिक अर्थ है, जो रुक-रुक कर गीला और सूखा हो जाता है। इस जिले का एक बड़ा हिस्सा कच्छ के रण के रूप में जाना जाता है, जो उथली आर्द्रभूमि है। यह हिस्सा बारिश के मौसम में पानी में डूब जाती है और अन्य मौसमों में सूख जाती है। और तब यहां सफेद नमक की चादर बिछ जाती है। एक विशाल सफेद रेगिस्तान जिस पर जब चांद की दूधिया रोशनी पड़ती है, तो हजारों लोग उसे देखने के लिए उमड़ पड़ते हैं। इसी नजारे को देखने के लिए रण उत्सव का आयोजन हर साल किया जाता है। तीन दिनों से शुरू हुए इस उत्सव की अवधि लगातार बढ़ती जा रही है। जो इस बार 28 अक्टूबर 2019 से शुरू हुआ था और 12 मार्च 2020 तक मनाया जाएगा।
रण का आकर्षण और नमक की खेती
कछुए के आकार का यह इलाका दो हिस्सों में बंटा है- ग्रेट रण 18,000 वर्ग किमी. में फैला है। दूसरा हिस्सा लिटिल रण कहलाता है जो 5,000 वर्ग किमी. में फैला है। इन दोनों को मिला दें, तो नमक और ऊंची घास का विस्तृत मैदान बनता है, जो दुनिया के सबसे बड़े नमक के रेगिस्तानों में से एक है। यहीं से भारत को 75 फीसदी नमक मिलता है। हर साल गर्मियों के महीने में मानसून की बारिश होने पर रण में बाढ़ आ जाती है। सफेद नमक के सूखे मैदान बिल्कुल गायब हो जाते हैं और उनकी जगह झिलमिलाता समुद्र बन जाता है, जो उत्सव मनाने का अवसर देता है। जून के आखिर में यहां मानसून की मूसलाधार बारिश शुरू हो जाती है। अक्टूबर तक यहां बाढ़ के हालात रहते हैं। फिर धीरे-धीरे पानी भाप बनकर उड़ने लगता है और अपने पीछे नमक के क्रिस्टल छोड़ जाता है। पानी घटने पर प्रवासी किसान चौकोर खेत बनाकर नमक की खेती शुरू करते हैं। सर्दियों से लेकर अगले जून तक वे जितना ज्यादा नमक निकाल सकते हैं, उतना नमक निकालते है। यह सफेद रेगिस्तान इतना सपाट है कि आप क्षितिज तक देख सकते हैं, जैसा कि समुद्र में दिखता है। नमक के उस विशाल समुद्र पर पैर रखते हुए लगता है मानो हर ओर ओस बिखरी हुई है।
हर पल बदलता नजारा
रण की खासियत और खूबसूरती यह है कि यह पूरे दिन में अपना रूप बदलता है। सूर्योदय के समय इसका रूप कुछ अलग होता है और सूर्यास्त पर कुछ और। चांदनी रात में यह किसी बहते सफेद समुद्र की तरह लगता है। आसमान से गिरती चांदनी और तारों की रोशनी-एक करिश्माई वातावरण के आप साक्षी बनते हैं तब। रण में बने वॉच टावर से इन सारे रूपों को अच्छी तरह से देखा सकता है। जिसपर अच्छी-खासी भीड़ होती है। यहां रण उत्सव मनाने के लिए पूरी की पूरी टेंट सिटी बसाई जाती है। ठहरने के लिए वर्ल्ड क्लास टेंट लगाए जाते शुद्ध गुजराती खाने का स्वाद भी यहां लिया जा सकता है।