चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के इन 6 मंदिरों का दर्शन करेगा मनचाही इच्छा की पूर्ति
मां दुर्गा हर रूप में पूजनीय हैं लेकिन नवरात्रि में इनके हर एक रूप की पूजा का खास महत्व होता है। तो आज मां दुर्गा के मशहूर मंदिरों के बारे में जानेंगे जहां दर्शन करना होगा शुभ।
शक्ति का अवतार मां दुर्गा को ब्रम्हांड के रक्षक के रूप में जाना जाता है। शक्ति और मनोकामना की पूर्ति के लिए मां दुर्गा को पूजा जाता है खासतौर से नवरात्रि के दौरान। चैत्र हो या शरद नवरात्रि, दोनों ही हिंदुओं के लिए बहुत मायने रखता है। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु नौ दिनों का उपवास रखते हैं और देवी की पूजा-अराधना करते हैं। भारत में अलग-अलग जगहों पर मां दुर्गा के अनेक मंदिर स्थित हैं जिनकी अलग मान्यताएं और कहानियां हैं। कहते हैं इन जगहों के दर्शन मात्र से बिगड़े हुए काम बन जाते हैं। तो आज इन्हीं मंदिरों के बारे में जानेंगे।
वैष्णव देवी, जम्मू-कश्मीर
वैष्णव देवी मंदिर की लोकप्रियता का अंदाजा आप यहां आने वाले भक्तों की भीड़ से लगा सकते हैं। त्रिकूट पर्वत पर बसे, जम्मू से 61 किमी उत्तर की ओर और समुद्र तल से 1584 मीटर ऊंचे इस मंदिर की अपनी अलग ही धार्मिक मान्यताएं हैं। यहां मंदिर के पास ही भैरवनाथ का भी डेरा है यहां आने वाले भक्त मां के बाद इनका दर्शन करने जरूर आते हैं। साल में कभी भी यहां आने का प्लान बनाया जा सकता है, हालांकि सर्दियों में दर्शन थोड़ा कठिन होता है।
मंशा देवी मंदिर, उत्तराखंड
मंशा देवी मंदिर, हरिद्वार के पास झुंझुनू गांव में बसा है। इस मंदिर के नाम के पीछे मान्यता है कि मां दुर्गा यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना को पूरा करती हैं। 1975 में इस मंदिर को सेठ सूरजमलजी ने बनवाया था। मां दुर्गा ने उनके सपने में आकर इस मंदिर को बनाने की इच्छा जताई थी। 41 कमरे, श्री लंबोरिया महादेवजी मंदिर, श्री लंबोरिया बालाजी मंदिर और सिंहद्वार वाले इस मंदिर में सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है।
चामुंडा देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश
बनेर नदी के किनारे स्थित चामुंडा देवी मंदिर भी भारत के उन मंदिरों में शामिल है जहां भक्त अपनी मनचाही मुराद लेकर पहुंचते हैं। पालमपुर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी तय करके आप यहां तक पहुंच सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि मां को प्रसन्न करने के लिए लोग यहां बलि देते थे। मंदिर के परिसर में एक छोटा तालाब भी बना हुआ है। मंदिर में मां की मूर्ति लाल कपड़े से ढ़की हुई है। दूसरी ओर हनुमान जी और भैरो की मूर्तियां स्थापित हैं।
कामाख्या मंदिर, असम
गुवाहाटी का कामाख्या मंदिर भी मां दुर्गा के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है जो नीलांचल पर्वत पर स्थित है। कामाख्या देवी को शक्ति का अवतार माना जाता है। मां दुर्गा के 108 शक्तिपीठ में से एक है कामाख्या। माना जाता है मां सती की योनि यहां गिरी थी जहां मंदिर का निर्माण हुआ है। जिसे सिल्क की साड़ी में लपेटकर फूलों से ढ़ककर मंदिर के अंदर रखा गया है। तांत्रिक दृष्टि से ये जगह बहुत ही खास मानी जाती है। यहां लगने वाले आंबुची मेले और दुर्गा पूजा में भक्तों की भारी भीड़ जुटती है।
अंबा माता मंदिर, गुजरात
गुजरात के जूनागढ़ का अंबा माता मंदिर में माथा टेकने दुनियाभर से भक्त आते हैं। मंदिर बहुत ही खूबसूरत है। गिरनार पर्वत और उसके आसपास का नज़ारा मंदिर को बनाता है और भी बेहतरीन। नव विवाहित जोड़े अपनी खुशहाल जिंदगी की कामना लेकर माता के दर्शन को आते हैं। मंदिर की सबसे ऊंचाई पर पहुंचकर आप यहां के सबसे खूबसूरत नज़ारे को देख सकते हैं।
दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कोलकाता
कोलकाता के उत्तर में विवेकानंद पुल के पास दक्षिणेश्वर काली मंदिर स्थित है। यह मंदिर मां काली का विश्व में सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। भारत के सांस्कृतिक धार्मिक तीर्थ स्थलों में भी दक्षिणेश्वर काली मंदिर सबसे प्राचीन माना जाता है। मंदिर की उत्तर दिशा में राधाकृष्ण का दालान स्थित है। पश्चिम दिशा की ओर बारह शिव मंदिर बंगाल के अटचाला रूप में हैं। चांदनी स्नान घाट के चारों तरफ शिव के छ: मंदिर घाट के दोनों ओर स्थित हैं।