अपने आप को इमोशनली स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए इन 5 बातों को रखें याद
जब आप किसी मुसीबत से गुजर रहे होते हैं तो लोग यही दिलासा देते हैं कि मजबूत रहो। सब ठीक हो जाएगा। तो इसका मतलब होता है कि मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बने रहो जिससे कठिन समय से निकलना आसान हो जाता है। तो ऐसे बनें इमोशनली स्ट्रॉन्ग।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Emotionally Strong Kaise Bane: मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत होने का मतलब है कि चाहे आप कितने भी तनाव में क्यों न हो नॉर्मली बिहेव कर सकते हैं। किसी टफ सिचुएशन में अगर आप इमोशनली स्ट्रॉन्ग हैं तो क्या सही है ये फैसला लेना आसान होता है। दूसरे लोगों की अपेक्षा आपका अप्रोच सही होता है, कम्युनिकेशन क्लियर होता है, जो कुछ आप चाहते हैं हासिल कर सकते हैं। तो इमोशनली स्ट्रॉन्ग बनने के लिए आपको अपनी इन आदतों पर करना होगा काम।
कही-सुनी बातों पर न करें विश्वास
कोई बात अगर आपको किसी तीसरे व्यक्ति से पता चलती है, तो उस पर आंख मूंद कर भरोसा न कर लें। अगर ये आपसे जुड़ी हुई है, तो जिसने कही है उससे आमने-सामने बात करके चीज़़ों को क्लियर करें। मन में तरह-तरह की बातें पालने से अपना दिमाग तो खराब होता ही है साथ ही रिश्ते भी।
रिएक्ट करने से बचें
तुरंत रिएक्शन सेल्फ डिफेंस में ही अच्छा लगता है, रिश्तों में ये मनमुटाव की वजह बन सकता है। तो अगर आप किसी की बात से वाकिफ नहीं रखते, तो उस पर बहसबाजी करके अपना मूड खराब करने की जगह वहां से हल्का सा मुस्कुरा कर निकल जाने में ही भलाई है। किसी भी सिचुएशन को खुद पर हावी न होने दें।
लोग क्या सोचते हैं, ये सोचना छोड़ दें
कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना...तो ये सोच-सोचकर खुद पर लोड न दें। आपका जो मन करता है वो करें। उन चीज़ों को करने के लिए किसी का भी इंतजार करने की जरूरत नहीं, जो आपको खुशी और सुकून देती हैं। दूसरों की बातों में आकर या उनके बारे में सोचकर खुद को परेशान न करें क्योंकि कई बार आगे चलकर इसका बहुत पछतावा होता है।
खुद पर दें ध्यान
खुद को इमोशनली स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए अपने ऊपर फोकस करें। उस चीज़ को पहचानें जिसे करना आपको पसंद है। फिर चाहे वो अपना कोई शौक पूरा करना हो, फिटनेस की शुरुआत करनी है या फिर दोस्तों के साथ एक लॉन्ग ट्रिप पर जाना हो।
पर्सनैलिटी को फलैक्सिबल बनाएं
अपने सोचने, समझने और दुनिया को देखने का तरीका बदलें। किसी भी चीज़ को लेकर अपने मन में कोई ऐसी सोच न बनाएं जिस पर बात करना ही कठिन हो जाए।
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