जीवन का मार्ग है योग, इसके कई हैं मानसिक और शारीरिक फायदे
योग से संपूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को पवित्रता के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक अनुशासन का भी पालन करना पड़ता है।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। योग प्राचीन भारत के महान ऋषियों की ओर से मानव जाति दिया गया अमूल्य उपहार हैं। आज, दुनिया भर के लाखों लोग सक्रिय रूप से योगाभ्यास कर रहे हैं और इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल कर चुके हैं। हालाँकि, योग एक सामान्य शारीरिक व्यायाम की दिनचर्या की तरह नहीं है जिसे आप दिन में एक या दो घंटे अभ्यास करते हैं। योग से संपूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को पवित्रता के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक अनुशासन का भी पालन करना पड़ता है।
जिस तरह से किसी पुरानी बीमारी से ग्रस्त मरीजों को दवाइयां खाने के साथ–साथ सख्त आहार, आराम और नींद की दिनचर्या का पालन करना चाहिए। इसी तरह, योग की दिनचर्या के वांछित परिणाम को प्राप्त करने के लिए एक अनुशासित और मूल्य-आधारित जीवन शैली का पालन करना होगा। समाज की सभी शारीरिक और मानसिक समस्याओं का एक मुख्य कारण लोगों द्वारा गलत जीवन शैली का अनुसरण करना है।
आज की दुनिया में, सभी भौतिक सुख–सुविधाएं हमारी उंगलियों पर हैं। आराम से बिस्तर पर लेट कर आप टेलीविजन को चालू कर सकते हैं, एयर कंडीशनिंग को चालू और बंद कर सकते हैं, अपनी ट्रेन या फ्लाइट टिकट बुक कर सकते हैं और रेस्तरां से अपना पसंदीदा भोजन मंगवा सकते हैं। जैसे-जैसे आराम बढ़ता है, शरीर को फिट रहने के लिए आवश्यक व्यायाम नहीं मिलता है। इसके अलावा, मन की स्थिति क्या है? यह लगातार दौड़ रहा है। मन सैकड़ों विचारों से भरा रहता है।
घर पर हो या काम पर, ऐसा कोई पल नहीं है जब लोग तनाव-मुक्त होते हों। शरीर को जितने व्यायाम की आवश्यकता होती है, उतनी ही फिट और स्वस्थ रहने के लिए शांत मन की आवश्यकता होती है। हमें हर दिन कम से कम समय के लिए अपने दिमाग को पूरी तरह से शांत बनाने में सक्षम होना चाहिए। हालांकि, हम आमतौर पर इसके विपरीत करते हैं: हम अपने शरीर को भरपूर आराम देते हैं, और अपने दिमाग को लगातार चलाते हैं।
इन आधुनिक समय में, योग एक महान आशीर्वाद है। यह शरीर को फिर से जीवंत और सक्रिय करता है। साथ ही यह तनाव को कम करता है और मन को शांत और कुशल बनने का मार्ग प्रशस्त करता है। इसके अलावा, योग हमारे समक्ष जीवन के स्वस्थ दृष्टिकोण को भी प्रस्तुत करता है। यह हमें सिखाता है कि सुख और शांति का अंतिम स्रोत हमारे स्वयं के भीतर है।
योग हमें हमारे खाने की आदतों और जीवन शैली में बदलाव लाने के साथ-साथ हमारे व्यवहार और दूसरों के दृष्टिकोण में भी सक्षम बनाता है। भोजन न केवल हमारे पोषक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। यही कारण है कि हम जिन खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, वे संतुलित, अनुकूल और सीमा के भीतर होने चाहिए।
जो लोग योग के रास्ते पर आगे बढना चाहते हैं, उन्हें शुद्ध और पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन करने के लिए सख्ती से सात्विक आहार का पालन करना चाहिए।व्यापक जीवन शैली का अभ्यास करने से हमारी शारीरिक और मानसिक स्थिति में आश्चर्यजनक परिवर्तन आ सकते हैं। यह हमारे लिए एक वरदान साबित होगा, खासकर उन लोगों के लिए जो अपनी स्थूल जीवनशैली के कारण पुरानी बीमारियों से ग्रस्त हैं। योग एक स्वस्थ, तनाव मुक्त जीवन, खुशी और संतोष से भरे जीवन का मार्ग खोलता है।
(अम्मा, श्री माता अमृतानंदमयी देवी)