नारी सशक्तिकरण: असुरक्षा के डर को मुंहतोड़ जवाब
ब तक हम खुद को आत्मबल नहीं देंगे, मजबूती से खड़ी नहीं होंगे, असुरक्षा के इस डर को मुंहतोड़ जवाब नहीं देंगे तब तक हमारी सुरक्षा के लिए हमारे अपने ऐसे ही परेशान होते रहेंगे।
पापा से कभी कहीं अकेले बाहर जाने के लिए कहती तो वे मेरी सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हो जाते। रजामंदी मिलने पर यदि बाहर चली भी जाती तो जरा सी देर में मेरे मोबाइल की घंटी बजनी शुरू हो जाती। उनकी चिंता वाजिब भी थी बाहर सुरक्षा का अभाव ही ऐसा है। मगर, जब तक हम खुद को आत्मबल नहीं देंगे, मजबूती से खड़ी नहीं होंगे, असुरक्षा के इस डर को मुंहतोड़ जवाब नहीं देंगे तब तक हमारी सुरक्षा के लिए हमारे अपने ऐसे ही परेशान होते रहेंगे। पूजा गुरुग्राम फरीदाबाद टोल प्लाजा के बंधवाड़ी टोल पर आते-जाते वाहनों से टोल लेते हुए अपनी बातों को बड़ी गंभीरता और विश्वास के साथ कह जाती हैं। सिर्फ पूजा ही नहीं लगभग 18 लड़कियां इसी निडर हौसले के साथ हर रोज गुरुग्राम फरीदाबाद टोल प्लाजा पर सुबह सात बजे से कमान संभाल लेती हैं। तकरीबन 66 किलोमीटर लंबे इस टोल पर जगह-जगह इन लड़कियों की तैनाती की गई है।
अब तक टोल प्लाजा को सुरक्षा के लिहाज से बहुत ही लचर जगह माना जाता रहा है। आते-जाते लोगों को अभद्र व्यवहार करते हुए, मारपीट, दंगा फसाद करते देखा है, लेकिन हमारी सोच ही लोगों को बदल सकती है। हम यदि डर के कारण कोई पहल ही नहीं करेंगे तो बदलाव कहां से आएगा। हर रोज सुबह छह बजे ही अपने बेटे को अपनी मां के पास छोड़कर फरीदाबाद से यहां नौकरी पर आने वाली सुषमा बड़े आत्मविश्वास के साथ अपनी बात कहती हैं। शबाना बताती हैं कि यहां ज्वाइन करने से पहले सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित थीं, लेकिन यहां पर 10 सुरक्षा गार्ड तैनात हैं। ऐसे में हम आराम से अपना काम कर पा रहे हैं और यहां से गुजरने वाले यात्री भी अच्छा
व्यवहार करते हैं।
मनु त्यागी