International Day of Forests : भारत ने शुरु किया वानिकी दिवस, आज पूरी दुनिया मना रही
International Day of Forests संयुक्त राष्ट्र संघ ने 28 नवंबर 2012 में एक रेजल्यूशन पारित किया जिसके तहत हर साल 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस मनाने की घोषणा की की गई।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। International Day of Forests: पूरी दुनिया में आज यानी कि 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन पूरे विश्व में वन संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। आइए जानते हैं विश्व वानिकी दिवस के इतिहास और इसके महत्व के बारे में।
भारत में 1950 से परंपरा
विशेषज्ञों के अनुसार भारत में वन दिवस 1950 से मनाया जा रहा है। भारत में वनों की रक्षा के लिए लोगों में शुरुआत से ही जागरूकता देखने को मिली है। इसका उदाहरण चिपको आंदोलन है। 1970 में पेड़ों को काटे जाने के विरोध लोगों ने बड़ी संख्या में इस आंदोलन में भाग लिया था। आंदोलन के दौरान लोग पेड़ों से चिपक जाते थे ताकि लोग उसे काट न सकें।
यूरोप में इस वक्त हुई शुरुआत
यूरोप में बड़े पैमाने पर विकास के नाम पेड़ों की कटान शुरू हुई तो इसके दुष्परिणाम भी जल्द ही लोगों के सामने आने लगे। इसको ध्यान में रखते हुए यूरोपीय कृषि परिसंघ ने पहली बार अपने सदस्य देशों को वन संरक्षण के लिए प्रेरित किया। विशेषज्ञों के अनुसार 1971 में में यूरोपीय कृषि परिसंघ ने पहली बार वानिकी दिवस मनाने का ऐलान वैश्विक रूप से किया था।
संयुक्त राष्ट ने किया ऐलान
संयुक्त राष्ट्र संघ ने 28 नवंबर 2012 में एक संकल्प पत्र पारित किया। इस पत्र के जरिए हर साल 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस मनाने की घोषणा की गई। इसके बाद से ही पूरी दुनिया विश्व वानिकी मनाए जाने की परंपरा शुरू हुई। इस दिन दुनियाभर के अलग अलग हिस्सों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में वनों का मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव और इसके महत्व के बारे में विस्तार से बताया जाता है।
वन हमारे लिए क्यों जरूरी हैं
वनों के संरक्षण में जुटे विशेषज्ञ मानते हैं कि बिना वन के जीवन बेहद मुश्किल है। वन संपदा ही है जो मानव जीवन को आसान बनाने में मदद करती है। ज्यादातर विशेषज्ञ मजबूती के साथ दावा करते हैं कि वनों के बिना जीवन की कल्पना करना बेबुनियाद है। ऐसे में वन संरक्षण को लेकर हमें अधिक सजग रहने की जरूरत है क्योंकि जल और वन हैं तभी कल सुरक्षित है।जीवन में जल और वन दोनों बहुत जरूरी है। इसके बिना जीवन की कल्पना करना बेबुनियाद है। ऐसे में वन संरक्षण को लेकर हमें अधिक सजग रहने की जरूरत है क्योंकि जल और वन है तो कल है। इसके बिना जीवन निर्वहन असंभव है।